Monday, May 18, 2015

जो कहते थे कि बे-नकाब करेंगे चोरों को, वो खुद ही मिल गये हैं चोरो की जमात में।।





जो कहते थे कि बे-नकाब करेंगे चोरों को, वो खुद ही मिल गये हैं चोरो की जमात में।।

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आईपीएस अमिताभ ठाकुर पर लगा तथ्यों को छुपाने का आरोप, राज्यपाल ने दिए जांच के आदेश

Date 2015-05-16 अनुराग मिश्र

जो कहते थे कि बे-नकाब करेंगे चोरों को, वो खुद ही मिल गये हैं चोरो की जमात में।। जी हाँ ऐसा ही आलम हैं इन दिनों उत्तर प्रदेश में एक आईपीएस अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर का। ये आईपीएस ठाकुर दंपत्ति पिछले काफी समय से जन सरोकारी मुद्दों के चलते मीडिया की सुर्ख़ियों में बना रहता है। कभी धरना प्रदर्शन के लिए तो कभी लोकसेवको के खिलाफ खुली ताल ठोकने के लिए। इनका दावा होता है कि ये पारदर्शिता में यकीन रखते है और भ्रष्टाचार के हर खम्भे पर चोट करने का मादा भी रखते है।

पर अब इनके इस मादे और पारदर्शिता को एक सामजिक संघठन तहरीर ने चुनौती दी है। तहरीर संघठन ने बाकायदा उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर शिकायत की है कि ईमानदारी और पारदर्शिता बात करने वाला ये ठाकुर दम्पति दरसल खुद तथ्यों को छुपाने का आरोपी है।

अपनी शिकायत ने तहरीर ने कहा है कि 1992 बैच के आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने वर्ष 2010 में केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी अचल संपत्ति की जानकारी (इम्मूवेबिल प्रोपर्टी रिटर्न) में बताया था कि उनके और उनकी पत्नी के नाम से लखनऊ व बिहार में दस संपत्तियां थींए जिसमें राजधानी के गोमतीनगर स्थित विरामखंड में एक एचआईजी मकानए खरगापुर में पांच प्लाट व उजरियांव में एक पांच हजार स्क्वायर फिट में मकान भी थे।

उनके पास इसके अलावा बिहार के मुजफ्फरपुरए पटनाए सीतामढ़ी में भी उनके पास मकान व कृषि भूमि थी। इन सभी संपत्तियों से उनकी वार्षिक आय दो लाख 88 हजार 390 रुपये थी।

सगठन का कहना है कि आईपीएस ठाकुर की इन संपत्तियों को मामले ने जब तूल पकड़ा तो उन्होंने बाद के वर्षो में दाखिल किए गए अपने आईपीआर में उनके नाम केवल दो संपत्तियां ही होने का दावा किया था और अपनी पत्नी नूतन ठाकुर के नाम आठ संपत्तियों की जानकारी छुपा ले गए।

अब संघठन के आरोप में कितनी सत्यता है ये तो जांच का विषय है, जिसकी जांच के लिए राज्यपाल ने नागरिक सुरक्षा के महानिदेशक को पत्र भेज भी दिया है। पर इतना सत्य जरुर है कि अतीत के पन्नो में भी इस ठाकुर दंपत्ति का इतिहास कुछ ठीक ठाक नहीं रहा है।
 इससे पहले भी अचल संपत्तियां छुपाने के मामले में आईपीएस अमिताभ ठाकुर के खिलाफ डीजीपी के निर्देश पर आईजी कार्मिक ने उनकी संपत्ति की प्रारंभिक जांच की थी। जांच में उनके खिलाफ लगे आरोपों के पक्ष में कई अहम प्रमाण भी मिले थेए पर कोई अंतिम कार्यवाही नहीं हो पाई थी।

इसके बाद ठाकुर दंपत्ति ने इन परिसंपत्तियों में से एक को अपने एनजीओ पीपल्स फोरम को देकर उस पर श्बलात्कार पीड़ित महिलाओं का स्मारकश् बनाने की घोषणा भी की थी लेकिन अचल संपत्तियों का प्रकरण उठने के चलते संपत्ति का स्थानांतरण नहीं हो सका और अभी तक इस स्मारक का निर्माण भी नहीं कराया गया।

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