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Wednesday, April 12, 2023

लखनऊ की कैंट रोड पर जाम लगवा रहा बिना यातायात अनापत्ति लिए चल रहा कोहिनूर पैलेस मैरिज हॉल : आरटीआई खुलासा.

 लखनऊ / गुरूवार,13 अप्रैल 2023........................


 

यदि आप  कभी लखनऊ की कैसरबाग बर्लिंगटन कैंट रोड पर किसी काम से गए होंगे तो जाम में फंसकर आपने सरकारी महकमों को जरूर कोसा होगा पर क्या आप जानते हैं कि लखनऊ शहर की इस पुरानी मुख्य सड़क  पर जाम लगने की मुख्य वजहों में से एक वजह इस रोड पर चल रहे कोहिनूर पैलेस मैरिज हॉल जैसे व्यवसायिक प्रतिष्ठान हैं जो यातायात विभाग की अनापत्ति लिए बिना सरकारी नियमों को ठेंगा दिखाकर धड़ल्ले से चल रहे हैं और अवैधानिक रूप से व्यापार कर रहे हैं .सड़क पर जाम की बजह वह लोग भी हैं जो इस तरह के मैरिज हॉल्स को बुक करके इन हॉल्स की क्षमता से अधिक लोगों को कार्यक्रमों में बुलाकर सड़क जाम कराने का कारण बनते हैं और अपनी निजी स्वार्थ सिद्धि के लिए आम जनमानस के जीवन से खिलवाड़ तक करने से नहीं चूकते हैं क्योंकि जाम में फंसने पर नष्ट होते समय की भारी कीमत जल्द हॉस्पिटल पंहुचने की आस लिए एम्बुलेंस में लेटा मरीज़ या परीक्षा देने जाने को ट्रेन पकड़ने के लिए लेट होते युवा जैसे लोग ही जानते हैं.

 

 

बताते चलें कि आरटीआई से यह बात पहले ही सामने आ चुकी है कि ओडियन सिनेमा के सामने स्थित प्लाट संख्या 31 C पर चल रहे कोहिनूर पैलेस मैरिज हॉल के मालिकों को अपने निजी लाभ के आगे आम जनता की जान की कोई भी परवाह ही नहीं है और यह मैरिज हाल अग्निशमन सुरक्षा की माकूल व्यवस्था किये बिना आम जनमानस की जिंदगी दांव पर लगाकर चलाया जा रहा है.

 

 

अब एक दूसरी आरटीआई से यह खुलासा हुआ है कि कोहिनूर पैलेस मैरिज हॉल के प्रबंधन ने लखनऊ की यातायात पुलिस से एनओसी भी नहीं ली है  लेकिन अपने कानों में तेल डाले यातायात पुलिस महकमे के सम्बंधित अधिकारी आम जनता को जाम रहित यातायात की सहूलियत देने के लिए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा किये जा रहे जनोन्मुखी प्रयासों की मिट्टी पलीत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

 

 

दरअसल यूपी के राजधानी के राजाजीपुरम क्षेत्र निवासी कंसलटेंट इंजीनियर और ट्रांसपेरेंसी, एकाउंटेबिलिटी एंड ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव फॉर रेवोल्युशन  नाम की पंजीकृत संस्था के संस्थापक अध्यक्ष संजय शर्मा ने लखनऊ पुलिस के यातायात महकमे में आरटीआई अर्जी डालकर कोहिनूर पैलेस को  यातायात  विभाग द्वारा अनापत्ति दिए जाने के सम्बन्ध में सूचना मांगी थी.

 

 

इस सम्बन्ध में पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ की यातायात लाइन के सहायक पुलिस आयुक्त अभिनव ने यातायात लाइन के निरीक्षक की आख्या के आधार पर पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के अपर पुलिस उपायुक्त और जन सूचना अधिकारी  के मार्फत संजय को बताया है कि कोहिनूर पैलेस मैरिज हॉल ने निर्माण से अब तक यातायात महकमे से मैरिज हॉल सञ्चालन के लिए कोई भी अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया है.

 

 

अभिनव ने संजय को यह भी बताया है कि यातायात विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र सहायक पुलिस आयुक्त, यातायात कार्यालय तथा यातायात निरीक्षक लाइन, कार्यालय से नहीं प्रदान किया जाता है. अनापत्ति प्रमाण पत्र पूर्व में अपर पुलिस अधीक्षक के कार्यालय से तथा वर्तमान में पुलिस उपायुक्त, यातायात कार्यालय से निर्गत किये जाने की बात भी अभिनव ने अपने पत्र में लिखी है.

 

 

 

 

अभिनव ने यह भी लिखा है कि कोहिनूर पैलेस मैरिज हॉल के भवन स्वामी द्वारा यातायात महकमे की अनापत्ति प्राप्त करने के लिए कभी कोई आवेदन ही नहीं दिया गया है जिसके आधार पर संजय ने लखनऊ के यातायात महकमे के अधिकारियों पर निहित छुद्र स्वार्थों के लिए कोहिनूर पैलेस जैसे प्रतिष्ठानों को बिना अनापत्ति चलाने में सहभागिता कर आम जनमानस को जाम में फंसने के लिए छोड़ देने का आरोप लगाया है और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की जनोप्कारी  नीतियों  के खिलाफ काम करने के कारण अवैधानिक रूप से कोहिनूर पैलेस को  चलने देने और इसके खिलाफ कार्यवाही नहीं करने के इस मामले में शासन स्तर से जांच कराकर लखनऊ के यातायात महकमे के दोषी अधिकारियों को चिन्हित करके दण्डित करने के साथ साथ कोहिनूर पैलेस मैरिज हॉल को तत्काल बंद कराने की मांग सार्वजनिक रूप से सीएम योगी के सामने रखी है.

 

 

 

सड़क पर जाम लगने को आम जनता के मानवाधिकारों का उल्लंघन बताते हुए संजय ने उम्मीद जताई है कि उनके द्वारा सीएम से वृहद लोकहित में गुहार लगाने के बाद कानों में तेल डाले बैठा यातायात महकमा नींद से जागेगा और सूबे के सीएम की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत जल्द ही कैंट रोड पर जाम लगवाने वाले कोहिनूर पैलेस मैरिज हॉल को सील कर बंद किया जाएगा.

 

 

 

कोहिनूर पैलेस में बुकिंग कराने वालों से भी संजय ने सार्वजनिक रूप से अपील की है कि वे आम जनमानस को जाम में फंसाने के सहभागी बन  जाम में फंसे असंख्य लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन करने से बाज आयें और जब कभी भी कोहिनूर पैलेस के सामने उनके कार्यक्रम की वजह से जाम लगे तो एक बार यह जरूर सोचें कि एम्बुलेंस में लेटा मरीज़ या परीक्षा देने जाने को ट्रेन पकड़ने के लिए लेट होता युवा उनके अपने परिवार का सदस्य भी हो सकता है.

 

 

 


Wednesday, April 5, 2023

लखनऊ के कोहिनूर पैलेस मैरिज हॉल जाने वाले सावधान : कभी भी धधकती आग का गोला बन सकता है बिना अग्निशमन सुरक्षा चल रहा कोहिनूर पैलेस : मैरिज हॉल को बंद कराने के लिए संजय शर्मा ने लगाईं सीएम योगी से गुहार.

 


 

लखनऊ / गुरूवार, 06 अप्रैल 2023........................

लखनऊ की कैसरबाग बर्लिंगटन कैंट रोड पर ओडियन सिनेमा के सामने स्थित प्लाट संख्या 31 C पर बिना अग्निशमन सुरक्षा लाइसेंस लिए ही पूरी तरह से आग के मुहाने पर खड़ी असुरक्षित बिल्डिंग में चल रहा कोहिनूर पैलेस मैरिज हॉल कभी भी धधकती आग का ऐसा गोला बन सकता है जो इस मैरिज हॉल में कार्यक्रम कर रहे सैकड़ों लोगों को मौत के मुंह में धकेल सकता है लेकिन लगता है कि लखनऊ में विगत में हुए अग्निशमन हादसों से भी अग्निशमन महकमे ने कोई सबक नहीं लिया है और अपने कानों में तेल डाले बैठे सम्बंधित अधिकारी आम जनता को सुरक्षित रखने के लिए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा किये जा रहे जनोन्मुखी प्रयासों की मिट्टी पलीत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

 

 

दरअसल यूपी के राजधानी के राजाजीपुरम क्षेत्र निवासी कंसलटेंट इंजीनियर और ट्रांसपेरेंसी, एकाउंटेबिलिटी एंड ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव फॉर रेवोल्युशन  नाम की पंजीकृत संस्था के संस्थापक अध्यक्ष संजय शर्मा ने लखनऊ के अग्निशमन महकमे में आरटीआई अर्जी डालकर कोहिनूर पैलेस को  अग्निशमन विभाग द्वारा अनापत्ति दिए जाने के सम्बन्ध में कई बिन्दुओं पर सूचना मांगी थी.

 

 

इस सम्बन्ध में लखनऊ के मुख्य अग्निशमन अधिकारी मंगेश कुमार ने  अग्निशमन अधिकारी हज़रतगंज की आख्या के आधार पर पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के अपर पुलिस उपायुक्त और जन सूचना अधिकारी  के मार्फत संजय को बताया है कि अग्निशमन महकमे में कोहिनूर पैलेस मैरिज हॉल को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिए जाने से सम्बंधित कोई भी रिकॉर्ड नहीं है.

 

 

मंगेश ने यह भी लिखा है कि कोहिनूर पैलेस मैरिज हॉल के भवन स्वामी द्वारा अग्निशमन अनापत्ति प्राप्त करने के लिए कभी कोई आवेदन दिया ही नहीं गया है और न ही अग्निशमन महकमे ने इस बिल्डिंग की फायर सेफ्टी की कभी जांच ही की है.

 

 

संजय ने यह भी जानना चाहा था कि यदि कोहिनूर पैलेस मैरिज हॉल की बिल्डिंग में भी विगत दिनों लखनऊ के हजरतगंज इलाके में हुए लेवाना होटल अग्निकांड जैसी कोई दुर्घटना भविष्य में होती है तो अग्निशमन सुरक्षा के इंतजामों को पूरा किये बिना कोहिनूर पैलेस मैरिज हॉल को गैरकानूनी रूप से चलने देने और इस प्रकार से आम आदमी की जिन्दगी खतरे में डालने के लिए अग्निशमन विभाग के कौन कौन अधिकारी और कर्मचारी उत्तरदाई होंगे जिस पर मंगेश ने सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 4(2)(ख) को लिखते हुए सूचना देने से मना कर दिया है.

 

 

 

संजय ने लखनऊ के अग्निशमन महकमे के अधिकारियों पर निहित छुद्र स्वार्थों के लिए आम जनमानस के जीवन को जान-बूझकर खतरे में डालने का आरोप लगाया है और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की जनोन्मुखी नीति के खिलाफ काम करने के कारण अवैधानिक रूप से कोहिनूर पैलेस के चलने देने और इसके खिलाफ कार्यवाही नहीं करने के इस मामले में शासन स्तर से जांच कराकर लखनऊ के अग्निशमन महकमे के दोषी अधिकारियों को चिन्हित करके दण्डित करने के साथ साथ कोहिनूर पैलेस मैरिज हॉल को तत्काल बंद कराने की मांग सार्वजनिक रूप से सीएम के सामने रखी है.

 

 

 

संजय ने उम्मीद जताई है कि उनके द्वारा सीएम से वृहद् लोकहित में गुहार लगाने के बाद कानों में तेल डाले बैठा अग्निशमन महकमा नींद से जागेगा और सूबे के सीएम की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत जल्द ही आग के मुहाने पर बैठे कोहिनूर पैलेस मैरिज हॉल को सील कर बंद किया जाएगा.

 

Wednesday, August 9, 2017

अखिलेश सरकार पर केंद्र की 'उदय' योजना के तहत लाये गए 10000 करोड़ के बांड्स के टेंडर में घोटाला कर UPPCL को 600 करोड़ का नुकसान पंहुचाने का आरोप।




लखनऊ/09-08-17
यूपी के निवर्तमान सीएम अखिलेश यादव की सरकार पर भ्रष्टाचार का एक और आरोप लग गया है।यूपी की राजधानी लखनऊ निवासी समाजसेवी और आरटीआई एक्टिविस्ट संजय शर्मा ने अखिलेश सरकार पर केंद्र की 'उदय' योजना के तहत लाये गए 10000 करोड़ के बांड्स के टेंडर में घोटाला कर UPPCL को 600 करोड़ का नुकसान पंहुचाने का आरोप लगाते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने और दोषियों को दंडित करने की मांग की है ।

पेशे से इंजीनियर संजय बताते हैं कि राज्यों की विद्युत वितरण कंपनियों को लंबे समय से चले आ रहे घाटों से उबारने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने साल 2015 के नवंबर महीने में एक नीतिगत निर्णय लेते हुए 'उज्जवल डिस्कोम एश्योरैंस योजना' (उदय) की शुरुआत की।यूपी की सरकार ने साल 2016 के जनवरी महीने में केंद्र सरकार के साथ इस योजना का एमओयू साइन किया।संजय बताते हैं कि उदय योजना के तहत विद्युत वितरण कम्पनी का 75%कर्जा राज्य सरकार द्वारा लिया जाना था और अवशेष 25%कर्जे को राज्य सरकार के गारेंटीशुदा बांड्स द्वारा रिप्लेस किया जाना था।

बकौल संजय UPPCL ने बीते साल के 10 फरवरी को 13,300 करोड़ रुपयों के बांड्स के लिए टेंडर प्रकाशित किया किंतु टेंडर में शर्तें स्पस्ट न होने के कारण किसी भी बैंक या कंपनी ने बिड नहीं डाली।संजय के अनुसार इसके बाद ऊर्जा विभाग और UPPCL के अधिकारियों ने अपने चहेतों को टेंडर देने के लिए अन्य प्रतिभागियों को भ्रम की स्थिति में रखने के लिए टेंडर को 7 से 8 बार बदल बदल कर जारी किया और अंत में बीते साल 3 अगस्त को 10000 करोड़ के बॉन्ड्स के लिए टेंडर जारी किया गया।संजय बताते हैं कि UPPCL ने इस टेंडर में सरकारी उपक्रमों द्वारा अपनाई जाने वाली मानक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया।

अनेकों वित्तीय आधार लेते हुए संजय ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि बांड्स जारी करने में राज्य सरकार पर आने वाले खर्चों के निर्धारण में अहम भूमिका निभाने वाली सारवान शर्तों का  विवरण टेंडर में नहीं दिया गया और एक्सिस बैंक लिमिटेड के साथ ट्रस्ट इन्वेस्टमेंट एडवाइजर प्राइवेट लिमिटेड के कंसोर्टियम को बैक डोर से टेंडर की शर्तें बताईं गईं जिसके कारण एकमात्र इसी कंसोर्टियम ने बिड डाली और बाद में इस कंसोर्टियम की सेवाएं मानक से ऊंची दर पर लेकर सरकारी खजाने को 600 करोड़ की चपत लगाई गई।

कंसोर्टियम द्वारा टेंडर की शर्तों का अनुपालन न करने पर भी काम कराते रहने के आधार पर संजय ने राज्य सरकार और कंसोर्टियम पर मिलीभगत का आरोप लगाया है।

बिडिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्य सरकार द्वारा इन बांड्स को भारतीय रिज़र्व बैंक की गारन्टी दिलाने के आधार पर संजय ने इस मिलीभगत में तत्कालीन अखिलेश सरकार की कैबिनेट का हाथ होने की आशंका व्यक्त करते हुए मामले की सीबीआई जांच कराने की भी मांग की है।

संजय ने योगी से मांग की है कि इस साल जारी होने वाले 10000 करोड़ रुपयों के बांड्स के टेंडर जारी करने में पारदर्शिता और जबाबदेही रखने के साथ साथ मानक प्रक्रियाओं का पूर्ण अनुपालन किया जाए।

मांगें न माने जाने पर मामले को हाई कोर्ट ले जाने की बात भी संजय ने कही है।

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Friday, April 7, 2017

मोदी,योगी के फेसबुक पेज पर ओवेसी,आज़म की आपत्तिजनक फोटो ? समाजसेवी संजय शर्मा ने हजरतगंज थाने में दी FIR की तहरीर l









लखनऊ / 07-04-17

वर्तमान समय में सोशल मीडिया नागरिकों की अभिव्यक्ति और संचार के सर्वाधिक सशक्त माध्यमों में से एक माध्यम के रूप में स्थापित हो रहा है l जहाँ एक तरफ सोशल मीडिया ने साधनविहीन हुनरमंद लोगों को अपनी बात विश्व के सामने रख आगे आने के लिए एक प्लेटफ़ॉर्म मुहैया कराया है , लोगों को कम खर्च में अपने परिजनों, मित्रों से जोड़े रखने का काम किया है तो वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने के मामलों में भी जबरदस्त इजाफा होता जा रहा है l यूपी का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भड़काऊ पोस्ट डालने के दर्जनों मामलों में ऍफ़.आई.आर. दर्ज होना इसका जीता जागता सबूत है  l इसी बीच लखनऊ के समाजसेवी और मानवाधिकार कार्यकर्ता इं. संजय शर्मा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम से बने फेसबुक पेजों पर सांसद असदुद्दीन ओवेसी और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री व वर्तमान विधायक आज़म खान की आपत्तिजनक फोटो अपलोड करने के मामले की ऍफ़.आई.आर. की  तहरीर यूपी की राजधानी के हजरतगंज थाने में देकर विधिक कार्यवाही की मांग की  है l

तहरीर में संजय ने नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के नाम से बने फेसबुक पेजों पर डाली गई पोस्टों को दंगे भड़काने व  धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली पोस्ट बताया है l समाजसेवी ने बताया कि इन पेजों पर डाली गई एक पोस्ट में सांसद असदुद्दीन ओवेसी और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री व वर्तमान विधायक आज़म खान के फोटो से छेड़-छाड़ कर इन दोनों माननीयों को  राम नाम की ईंटे सिर पर रखे  आपत्तिजनक  रूप में दिखाया गया है l  बकौल संजय इन पेजों पर डाली गई पोस्टों से भारत के नागरिकों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं और साथ ही यह पोस्ट लोगों में उन्माद पैदा कर दंगे भड़काने का कार्य भी कर रही है l संजय के अनुसार फेसबुक पर डाली गई इन पोस्टों को हज़ारों की संख्या में लाइक और शेयर किया गया है तथा इन पर तरह-तरह के कमेन्ट भी किये जा रहे हैं जो माहौल बिगाड़ने का कार्य कर रहे हैं l

संजय की तहरीर में यह जांच कराने का अनुरोध किया गया है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम से बना यह पेज स्वयं नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के ही हैं या इन पेजों के माध्यम से अन्य किसी व्यक्ति या संस्था के द्वारा नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के नाम का दुरुपयोग किया जा रहा है l

23 पेज के साक्ष्यों के साथ थाना हजरतगंज भेजी गई इस तहरीर में नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के नाम से फेसबुक पर बने दर्जनों पेजों और प्रोफाइलों पर भी लगातार लोगों में उन्माद पैदा कर दंगे भड़काने वाले पोस्टें डालकर नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के नाम का दुरुपयोग किये जाने का आरोप लगाते हुए आई.पी.सी. और आई.टी.एक्ट की सुसंगत धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर साइबर सेल के सहयोग से विवेचना कराकर अभियुक्त/अभियुक्तों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने की मांग की गई है  l

देखना दिलचस्प होगा कि योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट डालने पर तुरंत सख्त रुख अपनाकर ऍफ़.आई.आर. लिखने वाली यूपी पुलिस ओवेसी और आज़म के खिलाफ डाली गई इस आपत्तिजनक पोस्ट पर वही सख्त रुख रखकर ऍफ़.आई.आर. दर्ज करती है या इस मामले को ठन्डे बस्ते में डालकर अपने वर्तमान राजनैतिक आकाओं को खुश रखकर योगीराज में भी ‘अखिलेशी’ कार्यसंस्कृति बदस्तूर जारी रखने के सबूत देती है ।