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Wednesday, August 9, 2017

अखिलेश सरकार पर केंद्र की 'उदय' योजना के तहत लाये गए 10000 करोड़ के बांड्स के टेंडर में घोटाला कर UPPCL को 600 करोड़ का नुकसान पंहुचाने का आरोप।




लखनऊ/09-08-17
यूपी के निवर्तमान सीएम अखिलेश यादव की सरकार पर भ्रष्टाचार का एक और आरोप लग गया है।यूपी की राजधानी लखनऊ निवासी समाजसेवी और आरटीआई एक्टिविस्ट संजय शर्मा ने अखिलेश सरकार पर केंद्र की 'उदय' योजना के तहत लाये गए 10000 करोड़ के बांड्स के टेंडर में घोटाला कर UPPCL को 600 करोड़ का नुकसान पंहुचाने का आरोप लगाते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने और दोषियों को दंडित करने की मांग की है ।

पेशे से इंजीनियर संजय बताते हैं कि राज्यों की विद्युत वितरण कंपनियों को लंबे समय से चले आ रहे घाटों से उबारने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने साल 2015 के नवंबर महीने में एक नीतिगत निर्णय लेते हुए 'उज्जवल डिस्कोम एश्योरैंस योजना' (उदय) की शुरुआत की।यूपी की सरकार ने साल 2016 के जनवरी महीने में केंद्र सरकार के साथ इस योजना का एमओयू साइन किया।संजय बताते हैं कि उदय योजना के तहत विद्युत वितरण कम्पनी का 75%कर्जा राज्य सरकार द्वारा लिया जाना था और अवशेष 25%कर्जे को राज्य सरकार के गारेंटीशुदा बांड्स द्वारा रिप्लेस किया जाना था।

बकौल संजय UPPCL ने बीते साल के 10 फरवरी को 13,300 करोड़ रुपयों के बांड्स के लिए टेंडर प्रकाशित किया किंतु टेंडर में शर्तें स्पस्ट न होने के कारण किसी भी बैंक या कंपनी ने बिड नहीं डाली।संजय के अनुसार इसके बाद ऊर्जा विभाग और UPPCL के अधिकारियों ने अपने चहेतों को टेंडर देने के लिए अन्य प्रतिभागियों को भ्रम की स्थिति में रखने के लिए टेंडर को 7 से 8 बार बदल बदल कर जारी किया और अंत में बीते साल 3 अगस्त को 10000 करोड़ के बॉन्ड्स के लिए टेंडर जारी किया गया।संजय बताते हैं कि UPPCL ने इस टेंडर में सरकारी उपक्रमों द्वारा अपनाई जाने वाली मानक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया।

अनेकों वित्तीय आधार लेते हुए संजय ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि बांड्स जारी करने में राज्य सरकार पर आने वाले खर्चों के निर्धारण में अहम भूमिका निभाने वाली सारवान शर्तों का  विवरण टेंडर में नहीं दिया गया और एक्सिस बैंक लिमिटेड के साथ ट्रस्ट इन्वेस्टमेंट एडवाइजर प्राइवेट लिमिटेड के कंसोर्टियम को बैक डोर से टेंडर की शर्तें बताईं गईं जिसके कारण एकमात्र इसी कंसोर्टियम ने बिड डाली और बाद में इस कंसोर्टियम की सेवाएं मानक से ऊंची दर पर लेकर सरकारी खजाने को 600 करोड़ की चपत लगाई गई।

कंसोर्टियम द्वारा टेंडर की शर्तों का अनुपालन न करने पर भी काम कराते रहने के आधार पर संजय ने राज्य सरकार और कंसोर्टियम पर मिलीभगत का आरोप लगाया है।

बिडिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्य सरकार द्वारा इन बांड्स को भारतीय रिज़र्व बैंक की गारन्टी दिलाने के आधार पर संजय ने इस मिलीभगत में तत्कालीन अखिलेश सरकार की कैबिनेट का हाथ होने की आशंका व्यक्त करते हुए मामले की सीबीआई जांच कराने की भी मांग की है।

संजय ने योगी से मांग की है कि इस साल जारी होने वाले 10000 करोड़ रुपयों के बांड्स के टेंडर जारी करने में पारदर्शिता और जबाबदेही रखने के साथ साथ मानक प्रक्रियाओं का पूर्ण अनुपालन किया जाए।

मांगें न माने जाने पर मामले को हाई कोर्ट ले जाने की बात भी संजय ने कही है।

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Friday, June 24, 2016

OMG! मुस्लिम आरक्षण पर UP की अखिलेश सरकार ने नहीं लिखा केंद्र की मोदी सरकार को कोई ख़त !



समाचार सार News©TAHRIRnews: मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर यूपी के सीएम अखिलेश यादव और उनकी समाजवादी पार्टी शायद महज लम्बी-चौड़ी डींगें हांककर मुस्लिमों को गुमराह करने तक ही सीमित है क्योंकि लखनऊ की समाजसेविका और येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव उर्वशी शर्मा द्वारा दायर एक आरटीआई अर्जी पर यूपी के कार्मिक विभाग के राज्य लोक  सूचना अधिकारी जे. पी. श्रीवास्तव के जबाब से यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि मुस्लिमों को आरक्षण दिलाने के मुद्दे पर UP की अखिलेश सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार को  कोई भी ख़त नहीं लिखा है. 



Lucknow/24 June 2016/ Sanjay Sharma News©TAHRIRnews
आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की कुल आबादी की लगभग 20%  आबादी मुस्लिम होने के चलते जब-जब चुनाव का समय नजदीक आता है तब-तब कमोवेश सभी राजनैतिक दल मुस्लिमों को लुभाकर उनका वोट पाने की कवायद के तहत उनको आरक्षण देने का चुनावी झुनझुना झाड-पोंछ कर बाहर निकाल बजाने लगते हैं पर सरकारें बनने के बाद सत्तानशीन होने के बाद इस मुद्दे को भुलाकर फिर ठन्डे बस्ते में डाल देते हैं. कुछ यही हाल अखिलेश यादव की अगुआई में चल रही यूपी की वर्तमान समाजवादी पार्टी की सरकार का भी है. वैसे तो समाजवादी पार्टी और इसके सभी बड़े नेता यूपी में मुस्लिमों का सबसे बड़ा खैरख्वाह बनने के बड़े-बड़े दावे करते हैं पर शायद हकीकत इसके उलट ही है और यह सरकार भी मुस्लिमों को आरक्षण दिलाने के नाम पर गुमराह करने से अधिक कुछ भी नहीं कर रही है क्योंकि लखनऊ की समाजसेविका और येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव उर्वशी शर्मा द्वारा दायर एक आरटीआई अर्जी पर यूपी के कार्मिक विभाग के राज्य लोक  सूचना अधिकारी जे. पी. श्रीवास्तव के जबाब से यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि UP के CM  अखिलेश यादव ने भारत के PM नरेंद्र मोदी को मुस्लिमों को आरक्षण दिलाने के मुद्दे पर कोई भी ख़त नहीं लिखा है. आरटीआई जबाब से स्पष्ट है कि अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी मुस्लिम आरक्षण पर चाहें जितनी बड़ी-बड़ी बातें कर लें पर पिछले 3 साल से अधिक समय से अखिलेश यादव ने मुस्लिमों को आरक्षण दिलाने की कोई सुधि नहीं ली है और इस सम्बन्ध में भारत के प्रधानमंत्री से पिछले 3 सालों में कोई  पत्राचार नहीं किया है. समाजवादी पार्टी की वर्तमान सरकार के इन चार वर्षों से अधिक के कार्यकाल में सूबे की सरकार मुसलमानों को आरक्षण दिलाने के मुद्दे पर केंद्र की सरकार को महज 1 प्रस्ताव भेजने और 1 पत्र लिखने से अधिक कुछ भी नहीं कर पायी है. इस प्रकार अखिलेश सरकार ने मुसलमानों को आरक्षण दिलाने के मुद्दे पर इन चार सालों से अधिक के समय में केंद्र की सरकार को महज 11 पेज भेजने से अधिक कुछ भी नहीं किया है.

मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर यह चौंकाने वाला खुलासा लखनऊ की समाजसेविका और येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव उर्वशी शर्मा द्वारा सूबे के मुख्य सचिव के कार्यालय में बीते 21 मई को दायर की गयी एक आरटीआई अर्जी पर आये जबाब से हुआ है. मुख्य सचिव कार्यालय के अनु सचिव और जन सूचना अधिकारी पी. के. पाण्डेय ने उर्वशी की इस अर्जी को बीते 25 मई को आरटीआई एक्ट की धारा 6(3) के तहत यूपी के कार्मिक विभाग के जन सूचना अधिकारी को अंतरित किया था. कार्मिक अनुभाग-2 के राज्य लोक  सूचना अधिकारी जे. पी. श्रीवास्तव बीते 10 जून के पत्र के माध्यम से उर्वशी की 5 बिन्दुओं की आरटीआई अर्जी  पर सूचना दी है पर गलती से पत्र भेजने की तिथि 10 मई अंकित कर दी है.
 
उर्वशी को दिए गए जबाब में बताया गया है कि यूपी के वर्तमान सीएम  अखिलेश यादव ने मार्च 2012 में मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने के बाद से अब तक के चार सालों में मुस्लिमों को आरक्षण दिलाने के मुद्दे पर महज 1 प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है. मुसलामानों को आरक्षण दिलाने के परिपेक्ष्य में सच्चर समिति और रंगनाथ मिश्र आयोग द्वारा की गयी संस्तुति के सन्दर्भ में सार्थक एवं प्रभावी कार्यवाही कराने हेतु अखिलेश द्वारा दिसम्बर 2012 में केंद्र सरकार को भेजा गया 9 पेजों का यह प्रस्ताव इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार  द्वारा केंद्र को भेजा गया एकमात्र प्रस्ताव बनकर रह गया है. जे.पी. श्रीवास्तव के द्वारा दी गयी सूचना के अनुसार यूपी के वर्तमान सीएम  अखिलेश यादव ने मार्च 2012 में मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने के बाद से अब तक के चार सालों में मुस्लिमों को आरक्षण दिलाने के मुद्दे पर महज 1 पत्र केंद्र सरकार को भेजा है. मुसलामानों को आरक्षण दिलाने के परिपेक्ष्य में अखिलेश द्वारा अप्रैल 2013 में केंद्र सरकार को भेजा गया 2 पेजों का यह पत्र इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार  द्वारा केंद्र को भेजा गया एकमात्र प्रस्ताव बनकर रह गया है.जे.पी. श्रीवास्तव ने उर्वशी को इस प्रस्ताव, इस पत्र और इससे सम्बंधित 4 पेज की नोट-शीट्स भी दीं हैं.

समाजसेविका उर्वशी शर्मा ने इस स्वतंत्र पत्रकार से की गयी एक विशेष बातचीत में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी मुसलमानों  को जीते-जागते इंसान समझने के स्थान पर महज वोट-बैंक समझा जा रहा है. बकौल उर्वशी यूपी में कांग्रेस,सपा और बसपा द्वारा चुनावों से पहले मुसलमानों को सब्जबाग़ दिखाकर इनके वोट पाने के लिए आरक्षण जैसे मुद्दों को चुनावी घोषणा पत्रों में शामिल कर वोट तो पा लिया जाता है पर सरकार बनने के बाद इन मुद्दों को जिस तरह भुलाकर सूबे के मुस्लिमों को धोखा दिया जाता है, उसकी बानगी उनकी यह आरटीआई सामने रख रही है.

यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव  द्वारा आने वाले दिनों में अपने आवास पर आयोजित किये जाने वाले रोजा-इफ्तार कार्यक्रम का संदर्भ देते हुए उर्वशी ने इस सार्वजनिक कार्यक्रम में जाकर अखिलेश से भेंटकर उन को आरटीआई से सम्बंधित प्रपत्र सौंपकर उन से मुस्लिम आरक्षण पर अपने चुनावी वादों के अनुसार सार्थक कार्य कर  कथनी-करनी के अंतर को मिटाने की नसीहत देने की बात भी कही है. उर्वशी ने कहा कि उनको उम्मीद है कि यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव रोजेदारों के बीच बैठकर किये गए मुस्लिम आरक्षण के वादे को और बाकी राजनैतिक वादों की तरह झूठा नहीं होने देंगे.  
News©TAHRIRnews
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Sanjay Sharma is a Lucknow based freelancer and President at TAHRIR. He can be contacted at associated.news.asia@gmail.com Mobile/Whatsapp No. 7318554721.

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Tuesday, July 7, 2015

2017 चुनाव की सपा रणनीति के अनुसार जिलेवार फोल्डर वितरण पर अखिलेश ने खर्चे 4,68,975 रुपये !







कहने बालों ने सही ही कहा है 'माले मुफ्त, दिले बेरहम', यानि कि अगर मुफ्त का माल हो तो उड़ाने में दर्द नहीं होता है। इसीलिये तो आजकल सरकारें जनता के पैसों को मनमर्जी उड़ाने में कतई संकोच नहीं करती हैं और सरकारी खजाने को अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए जमकर इस्तेमाल करती हैं।


गौरतलब है कि इससे पहले मेरी ही एक आरटीआई से खुलासा हुआ था कि  सूबे के मुखिया अखिलेश यादव ने इस साल के जनवरी माह में समाजवादी सरकार के तीन साल की 25  कोशिशों,इरादों और कामयाबियों को बताने का दावा करते हुए  सरकार को महिमामंडित करने  बाले लीगल आकार के रंगीन और ग्लेज़्ड पेपर पर आगे और पीछे दोनों और छपे 'प्रदेशवासियों के नाम' विषयक 30 लाख फोल्डर उत्तर प्रदेश के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित कराने में सरकारी खजाने से 45 लाख रुपये खर्च किये थे । 



बीते मई माह में मैंने एक आरटीआई दायर कर जिलेवार वँटवाए गए फोल्डरों की संख्या और इन फोल्डरों को जिलों में वँटवाने पर आये खर्चों   के बारे में सूचना माँगी थे।  उत्तर प्रदेश  सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के जनसूचना अधिकारी और  उपनिदेशक डा०  विश्वनाथ त्रिपाठी ने बीते 26 जून को सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के  उपनिदेशक सै०  अमजद हुसैन का एक पत्र मुझे भेजा है जो बेहद चौंकाने बाला होने के साथ साथ चुनी गयी सरकारों की कार्यप्रणाली पर एक प्रश्नचिन्ह भी है ।  सै०  अमजद हुसैन के इस पत्र  के अनुसार अखिलेश यादव ने सपा सरकार की तीन साल की उपलब्धियों का बखान करने बाले  30 लाख फोल्डर 75 जिलों में वँटवाने पर जनता की गाढ़ी कमाई के  4,68,975 रुपये  खर्च कर दिए। 


बताते चलें कि साल 2012 में हुए आम चुनावों में सूबे में 127,492,836 वोटर्स और   उत्तर प्रदेश में  67.68% साक्षरता दर के आधार पर  सूबे के 86,287,151 साक्षर मतदाताओं  के लिए 30 लाख फोल्डर  छपवाने का मतलब है क़ि अखिलेश ने सूबे के हर 29 वें  साक्षर वोटर के लिए यह फोल्डर छपवाया और   साल 2012 में हुए आम चुनावों में समाजवादी पार्टी को   कुल पड़े 75,831,682 वोट्स में से  29.15% अर्थात 22,104,935 वोट्स देने बाले सपा मतदाताओं के लिए 30 लाख फोल्डर छपवाने का मतलब है क़ि अखिलेश ने  हर 8वें  सपा  वोटर के लिए यह फोल्डर छपवाया।  240928 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल बाले इस सूबे में  अखिलेश ने प्रति  वर्ग किलोमीटर 12.5 फोल्डर वँटवाए।


प्राप्त सूचना के अनुसार सपा का गढ़ माने जाने बाले कन्नौज,औरय्या,फिरोज़ाबाद, मैनपुरी,इटावा, आजमगढ़, बदायूँ,इलाहाबाद और लखनऊ में 50 -50 हज़ार फोल्डरों का वितरण कराया गया तो वहीं कानपुर,ग़ाज़ियाबाद,आगरा,मेरठ,बरेली,मुरादाबाद,झांसी जैसे बड़े जिलों में मात्र 30 -30  हज़ार फोल्डर ही बंटवाए गए। इस प्रकार ये फोल्डर सपा की चनावी रणनीति के तहत वितरित किये गए।


इन फोल्डरों की जिलेवार वितरण की संख्या के आधार पर मैं स्पष्ट रूप से कह सकता हूँ कि अखिलेश की पार्टी अभी से साल 2017 में होने बाले आम चुनावों की तैयारियों में गुपचुप रूप से जुट गयी है और इस प्रकार सरकारी धन से सूबे की जनता के बीच अपनी पैठ बना रही है।  मैं  इसे सपा के चुनाव प्रचार के  रूप में देखता हूँ और यूपी सरकार द्वारा योजनाओं को अक्षरशः क्रियान्वित कर उनका लाभ समाज की पंक्ति  के अन्तिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पंहुचाने के स्थान पर महज बनायी गयी योजनाओं का  प्रचार और वह भी जनता के ही पैसे से करने के सपा सरकार के इस कृत्य की भर्त्सना भी करता हूँ।   



हमारा मानना है कि एक लोकतंत्र  में सरकार  को संसाधनों का वेहतर प्रवंधन करने और समाज के सर्वांगीण विकास के लिए चुना  जाता है न कि सरकारी धन को प्रचार में उड़ाने के लिए।  हमारा सामाजिक संगठन 'तहरीर' इस सम्बन्ध में सूबे के मुखिया अखिलेश यादव को एक पत्र लिखकर  अंग्रेजी कहावत 'एक्शन्स स्पीक लाउडर देन वर्ड्स' अर्थात किसी के द्वारा किये गए कृत्य उसके द्वारा बोले गए शब्दों से अधिक गुंजित होते हैं, याद दिलाने जा रहा है।  सपा सरकार को आइना दिखाते हुए हम अखिलेश को यह भी बताएंगे कि वर्तमान में सूबे की सपा  सरकार इस कहावत से इतर काम कर रही  है और यह सरकार  योजनाओं का क्रियान्वयन करने  में नहीं अपितु घोषणाओं का ढोल पीटने में अधिक विश्वास कर रही  है जो एक चुनी हुई सरकार से अपेक्षित कृत्यों के सर्वथा प्रतिकूल है । हम अखिलेश को यह  बताना चाहते है कि यदि उनकी सरकार की योजनाएं समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पंहुचेंगी तो उनका और उनकी पार्टी की सरकार का प्रचार  स्वतः ही हो जायेगा और इसके लिए उनको इस प्रकार 30 -30 लाख फोल्डर  जनता के बीच बंटवाने में 50  -50 लाख रुपये खर्च करने की आवश्यकता ही नहीं रहेगी। 


इंजीनियर संजय शर्मा
संस्थापक अध्यक्ष - तहरीर
मोबाइल - 8081898081 , 9455553838