Monday, July 13, 2015

यूपी आईपीएस श्री अमिताभ ठाकुर के विरुद्ध एक महिला को नौकरी दिलाने का झांसा देकर बलात्कार करने का मुकद्दमा पंजीकृत होने के मद्देनज़र अमिताभ ठाकुर को तत्काल निलंबित कर अमिताभ ठाकुर द्वारा बलात्कार करने और इनके द्वारा अपने कथित सामाजिक संगठनों के माध्यम से महिलाओं को नौकरी दिलाने के रेकेट के सम्बन्ध में अनुशासनात्मक जांच कराकर अमिताभ ठाकुर को सेवा नियमों के तहत दण्डित कराने के सम्बन्ध में ।



Letter No. : TAHRIR/2015-16/150712-1                                  Date : 12-07-2015
सेवा में,
अखिलेश यादव
माननीय मुख्यमंत्री,उत्तर प्रदेश,लखनऊ। 

विषय : यूपी आईपीएस श्री अमिताभ ठाकुर के विरुद्ध  एक महिला को नौकरी दिलाने का झांसा देकर बलात्कार करने का मुकद्दमा पंजीकृत होने के मद्देनज़र अमिताभ ठाकुर को तत्काल निलंबित कर अमिताभ ठाकुर द्वारा बलात्कार करने और इनके द्वारा अपने कथित सामाजिक संगठनों के माध्यम से महिलाओं को नौकरी दिलाने  के रेकेट के सम्बन्ध में अनुशासनात्मक  जांच कराकर अमिताभ ठाकुर को सेवा नियमों के तहत  दण्डित कराने के सम्बन्ध में 

महोदय,
बीते जनवरी माह में गाजियाबाद की एक महिला ने  आईपीएस  श्री अमिताभ ठाकुर पर इनकी पत्नी श्रीमती नूतन ठाकुर के सहयोग से अपने  आवास पर जबरन रेप करने  का आरोप लगाया था । इनकी पत्नी नूतन पर  नौकरी का लालच देकर उस महिला को  लखनऊ के गोमतीनगर स्थित अपने आवास पर बुलाने का आरोप था । बाद में  गाजियाबाद की इस महिला ने  अमिताभ ठाकुर पर केस वापस लेने के लिए मोबाइल से धमकी देने का आरोप भी लगाया था  जिसके सम्बन्ध में पीड़िता  न्यायालय भी गयी थी । हमें समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि लखनऊ के थाना गोमतीनगर में  अमिताभ ठाकुर के विरुद्ध  महिला को नौकरी दिलाने का झांसा देकर बलात्कार करने का मुकद्दमा पंजीकृत हो  चुका है ।

स्वयं को समाजसेवी कहने बाले आईपीएस अमिताभ ने नवम्बर 2014  में कानपुर के एक  यौन उत्पीडन मामले की  जाँच में अनेकों अनियमितताओं के बीच पीड़िता को ही दोषी ठहरा दिया था। इस सम्बन्ध में हमने बीते 25 मई को महोदय को ई-मेल के माध्यम से शिकायत भेजी थी।   नवम्बर 2014 में आई.जी. - नागरिक सुरक्षा अमिताभ ठाकुर ने कानपुर के एक  यौन उत्पीडन मामले की  जाँच के दौरान  पीडिता के  बयान अकेले में लिए तथा घटना के चश्मदीद गवाह का बयान नहीं लिया था।  अमिताभ ने प्रेस-वार्ता में पीडिता की  पहचान भी उजागर की थी ।  बाद में इस मामले में जो जाँच समिति बनाई गयी थी उसमे भी इस यौन उत्पीडन आरोप के सह  अभियुक्त ए.डी.सी. रवीन्द्र  प्रताप की   डिप्टी कन्टोलर  पत्नी अनीता प्रताप को पीठासीन अधिकारी बनाया अमिताभ ठाकुर की  पत्नी  नूतन ठाकुर को समिति सदस्य।  इस से स्पष्ट है कि इस समिति का गठन किसी दुर्योजना के तहत किया गया था जिसमें नूतन ठाकुर की भूमिका भी संदिग्ध थी  क्योंकि कथित रूप से एक समाजसेविका और एक अधिवक्ता होते हुए भी नूतन ने इस जांच में इन विधिक और एथिकल बिन्दुओं पर  अपनी कोई आपत्ति प्रगट नहीं की जबकि  बिभिन्न मामलों में ये प्रायः ही नियमानुकूल और एथिकल आपत्तियां उठाती रहती हैं जो प्रायः ही समाचार पत्रों के माध्यम से हमारे सामने आते रहते हैं।

हमारे संगठन ने इस बलात्कार प्रकरण में जांच हेतु शिकायती पत्र महामहिम राज्यपाल को भी दिया था जिसे राज्यपाल द्वारा बीते 10 मार्च को  यूपी के गृह विभाग के  प्रमुख सचिव  को भेज दिया गया था l

महोदय से अनुरोध है कि बृहद लोकहित में  श्री अमिताभ ठाकुर के विरुद्ध  एक महिला को नौकरी दिलाने का झांसा देकर बलात्कार करने का मुकद्दमा पंजीकृत होने के मद्देनज़र अमिताभ ठाकुर को तत्काल निलंबित कर अमिताभ ठाकुर द्वारा बलात्कार करने और इनके द्वारा अपने कथित सामाजिक संगठनों के द्वारा महिलाओं को नौकरी दिलाने  के रेकेट के सम्बन्ध में अनुशासनात्मक  जांच कराकर अमिताभ ठाकुर को सेवा नियमों के तहत  दण्डित  कराने की नियमसंगत कार्यवाही कराने कृपा करें। 

सुलभ सन्दर्भ हेतु उपरोक्त  वर्णित सभी शिकायतों और पत्रों की छायाप्रतियां इस पत्र के साथ संलग्न कर  प्रेषित हैं।

सादर।
भवदीय

Sanjay Sharma سنجے شرما संजय शर्मा
(संस्थापक एवं अध्यक्ष)

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