Friday, December 4, 2015

जिस प्रदेश में हों अमिताभ ठाकुर सरीखे छली आईपीएस वहां शातिर अपराधियों के सामने क्या करें बेचारे जांच अधिकारी और पीड़ित महिलाओं को कहाँ से मिले त्वरित न्याय ?


जांच अधिकारियों और पीडिता के हटते ही निलंबित आईजी भले-चंगे हो घर आ गए और यह सामने आ ही गया कि आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अपने मातहत कार्यरत महिला कर्मचारी का उत्पीडन करने के आरोपों की आज की जांच में पीड़ित महिला का सामना करने से बचने के लिए ही चेस्ट पेन जैसी गंभीर बीमारी और आईसीयू में भरती होने जैसा ड्रामा किया था l

सोचा होगा कि पीडिता का सामना करने से भी बच जायेंगे और लगे हाथों लोगों की सहानुभूति भी ले लेंगे l
पर कब तक बचेंगे और कितनी बार लोगों की सहानुभूति लें पायेंगे आईजी अमिताभ ठाकुर ?

1- बकरे की अम्मा कब तक खैर मनायेगी ?
और
2- काठ की हांडी कितनी बार चडेगी ?
सच तो आखिर सच ही होता है और सामने आकर रहता ही है l


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