Thursday, June 25, 2015

मुआवजा बांटकर सपा सरकार नहीं दबा सकती इंसाफ का सवाल-सूबे में व्याप्त जंगल राज के खिलाफ रिहाई मंच ने दिया धरना

मुआवजा बांटकर सपा सरकार नहीं दबा सकती इंसाफ का सवाल-सूबे में व्याप्त जंगल राज के खिलाफ रिहाई मंच ने दिया धरना







आपातकाल की बरसी पर सूबे में व्याप्त जंगल राज के खिलाफ रिहाई मंच ने दिया धरना

लखनऊ 25 जून 2015। आपातकाल की बरसी पर पूरे प्रदेश में व्याप्त जंगल राज के खिलाफ जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा हजरतगंज पर रिहाई मंच ने धरना दिया। पत्रकारों पर हमले बंद करो, जगेन्द्र के हत्यारोपी मंत्री को गिरफ्तार करो, सिर्फ मुआवजा नहीं इंसाफ दो, दागी मंत्रियों से सजा मंत्रिमंडल हाय-हाय, आरटीआई कार्यकर्ताओं पर हमले बंद करो, दलितों पर हमले बंद करो, महिलओं की सुरक्षा की गारंटी करो, खनन माफिया सरकार मुर्दाबाद, किसानों की भूमि हड़पना बंद करो, आदि नारे प्रदर्शनकारी लगा रहे थे। मुख्यमंत्री को संबोधित 17 सूत्रीय ज्ञापन से मांग की गई कि पत्रकारों, कार्यकताओं की सुरक्षा की गांरटी की जाए, दलितों और महिलाओं की स्थिति पर विशेष सत्र आहूत किया जाए, खनन भ्रष्टाचार की जांच के लिए हाईकोर्ट के सिटिंग जज के नेतृत्व में एक जांच आपातकाल की बरसी पर पूरे प्रदेश में व्याप्त जंगल राज के खिलाफ जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा हजरतगंज पर रिहाई मंच ने धरना दियाआयोग गठित किया जाए, कारपोरेट घरानों, भ्रष्ट अधिकारियों व ट्रांसफर, पोस्टिंग में पुलिस अधिकारियों और नेताओं के गठजोड़ पर सरकार श्वेत पत्र लाए, उर्दू, अरबी और फारसी विश्वविद्यालय में इन तीनों भाषाओं की अनिवार्यता पुनः बहाल की जाए।

वक्ताओं ने कहा कि पूरे सूबे में अघोषित आपातकाल की स्थिति बनी हुई है। जहां सपा सरकार के सरंक्षण में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, सरकार मुआवजा बांटकर इंसाफ के सवाल को दबाना चाहती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री के दागी मंत्रियों के पक्ष में खड़े होकर अपराधियों के हौसले बुलंद कर रहे हैं। सरकार के आधे से ज्यादा मंत्री संगीन धाराओं में नामजद हैं, जिससे पूरा सरकारी अमला जनता के सेवक के बजाए आपराधिक और भ्रष्ट गिरोह में तब्दील हो चुका है। जिसका उदाहरण एनआरएचएम घोटाले के आरोपी नवनीत सहगल को सपा सरकार द्वार जेल भेजने के बजाए प्रमुख सचिव सूचना बना दिया जाना है। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रदेश में दलितों का उत्पीड़न कर रहे लोगों को सरकार संरक्षण देकर जातीय ध्रुवीकरण कराने की गंदी राजनीति कर रही है। 100 और 1090 जैसे हेल्पलाईन से सुरक्षा देने की गारंटी करने वाली पुलिस खुद महिलाओं के उत्पीड़न में संलिप्त है। वहीं किसान बेमौसम और प्रदेश सरकार की बेरुखी की दोहरी मार झेल रहा है। बेमौसम बारिश के चलते 500 से अधिक किसानों की मौत हुई जबकि सरकार ने सिर्फ 42 किसानों को मुआवजा दिया। जिस तरह से केन्द्र सरकार को अडानी चला रहे हैं उसी तरह सूबे की सरकार जेपी जैसे कारपोरेट समूह चला रहे हैं जिनके संरक्षण में सूब को लूटने के लिए बड़े पैमाने पर किसानों की जमीनें हड़पने की साजिश रची जा रही है। अकेले विद्युत नियामक आयोग की शह पर जेपी समूह तथा अन्य निजी बिजली उत्पादन कंपनियों ने ही 30 हजार करोड़ रुपए बिजली घोटाला कर दिया है तो वहीं बजाज, बिरला, मोदी ग्रुप, पोंटी चड्ढा के वेब ग्रुप, डालमियां समेत कई कारपोरेट घरानों ने उत्तर प्रदेश के किसानों का 6 हजार करोड़ रुपया बकाया रखा है। प्रदर्शकारियों ने …..जारी…..आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…..

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प्रदेश में बतौर काबीना मंत्री के रूप में ताजपोशी होने के बाद शिवपाल यादव द्वारा अर्जित परिसम्पत्तियों की जांच कराने की भी मांग की। वक्ताओं ने बताया कि यूपी में पत्रकारों पर होने वाले हमलों के खिलाफ आज ही पटना में भी विरोध प्रदर्शन हो रहा है।

आर्ट फॉर पीपुल इलाहाबाद के खालिद एस ने कहा कि ऐसे माहौल में संस्कृति कर्मियों कलाकारों का इस तरह के आंदोलन से जुड़ना निहायत जरूरी हो जाता है। उन्होंने सभी जन संस्कृतिकर्मियों से आह्वान किया कि ऐसे आंदोलनों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें। इस अवसर पर खालिद एस की पोस्टर प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।

प्रदर्शन में शानवाज आलम, मनीष कुमार, इरफान अली, अनूप गुप्ता, मोहम्मद शुऐब एडवाकेट, आदियोग, पंकज श्रीवास्तव, दिल्ली से आए पत्रकार प्रशान्त टंडन, अभिषेक श्रीवास्तव, प्रांशु मिश्रा, मुदित माथुर, सलीम बेग, नीति सक्सेना, अजय, अजय सिंह, नीरज त्रिपाठी, लक्ष्मण प्रसाद, सोनिल त्रिपाठी, सोनिया पौल, संयोग वाल्कर, जाहिद, हिमांशु वाजपेयी, कौशल किशोर, अजय शर्मा, के के वत्स, संजय शर्मा, संजय विद्यार्थी, अतहा शम्सी, अरुण पाण्डेय, राम कृष्ण, दिनेश चौधरी, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, कमर सीतापुरी, नवल किशोर, ओपी सिन्हा, वर्तिका शिवहरे, मानविका शिवहरे, इम्तियाज़, पूर्व सांसद इलियास आजमी, कल्पना पाण्डे, अखिलेश सक्सेना, देवी दत्त पाझे, एहसानुल हक मलिक, वीरेन्द्र त्रिपाठी, ताहिरा हसन, अनिल यादव, रिफत फातिमा, शिव नारायण कुशवाहा, जैद अहमद फारूकी, आसिफ खान, संजय शर्मा समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। धरने का संचालन रिहाई मंच नेता राजीव यादव ने किया।

प्रति,                                                                                                                                        दिनांक-25-06-2015

मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ

हम आपसे आपातकाल की बरसी पर आयोजित रिहाई मंच के धरने से प्रेषित ज्ञापन के माध्यम से निम्न मांगें करते हैं -

1- बलात्कार, अवैध खनन, स्मैक तस्करी और पत्रकार जगेेद्र सिंह की हत्या के आरोपी राज्यमंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा को तत्काल गिरफ्तार किया जाए तथा उन्हें मंत्री पद से हटाया जाए।

आपातकाल की बरसी पर पूरे प्रदेश में व्याप्त जंगल राज के खिलाफ जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा हजरतगंज पर रिहाई मंच ने धरना दिया2- बहराइच के गौरा गांव में आरटीआई कार्यकता गुरू प्रसाद शुक्ला को पुलिस सरंक्षण में ग्राम प्रधान व दबंगों द्वारा लाठी-डंडे से पीटकर हत्या की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तथा धमकी मिलने की शिकायत करने वाले आरटीआई कार्यकर्ताओं व उनके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

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3- आरटीओ चुन्नीलाल पर थप्पड़ तानकर उन्हें मारकर गंगा में फेंकने की धमकी देने वाले बेसिक शिक्षा व बालपुष्टाहार मंत्री कैलाश चौरसिया को पद से हटाया जाए।

4- कानपुर में पत्रकार दीपक मिश्र पर गोलीबारी की घटना, पीलीभीत में पत्रकार हैदर को पीटने के बाद मोटर साइकिल में बांधकर घसीटकर अधमरा कर देने की घटना साबित करती हैं कि आपके प्रदेश में पत्रकार अराजक तत्वों के निशाने पर हैं। अतः उनकी सुरक्षा की गारंटी की जाए।

5- पत्रकार हत्याकांड, दलितों व महिलाओं पर हमले पर आप व आपके मंत्रिमंडल के सदस्यों द्वारा जनभावनाओं को आहत करने वाले बयानों पर तत्काल रोक लगाएं।

6- बांदा के सपहाई गुरौली के किसान देवी दयाल को चारपाई में बांधकर जिंदा जला देने वालों को सपा नेताओं द्वारा हत्यारों के संरक्षण मामले की जांच कराई जाए।

7- शाहजहांपुर जिले में जलालाबाद के गांव बड़ेगांव हरेवा में पांच दलित महिलाओं को गांव के दबंगों द्वारा गांव में निर्वस्त कर घुमाया जाना। कुशीनगर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मीरा का दबंगों द्वारा बाल काटा जाना। झांसी के मोंठ इलाके के अहरौली गांव की आदिवासी महिला के साथ बलात्कार और पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज करने से इंकार किया जाना। महराजगंज के डिप्टी जेलर डीएन गुप्ता द्वारा विदेशी महिला के साथ तीन महीने तक बलात्कार किया जाना। झांसी के बंगरा ब्लाक के सेकरा गांव की पिछड़ी जाति की महिला के चारपाई पर बैठने पर दबंगों द्वारा महिला समेत सास-ससुर को पंचायत में जूते से पीटा जाना। रक्सा के सारमऊ गांव में दबंगों द्वारा सरिया से पीटने के बाद गर्भवति दलित महिला के साथ बलात्कार की कोशिश। रक्सा में ही दबंगों द्वारा युवक के प्राइवेट पार्ट पर कपड़ा बांधकर आग लगाना व मल मूत्र खिलाया जाना। जालौन में ऊंची जाति के लोगों के साथ खाने की पांत में बैठने को अपनी शान के खिलाफ कहते हुए दलित अशोक दोहरे की नाक काट देना। सिमरधा गांव में दबंगों द्वारा दलितों के परिवार को घर से भगा दिए जाने के बाद उनका जंगल में शरण लिया जाना। सीपरी बाजार के गांव में दलित युवक को बंधक बनाकर पीटना व जानवरों का इंजेक्शन लगा दिया जाना। ललितपुर के सौजना थाने के गौना कुरुमाड़ में चारपाई पर बैठने पर दबंग जाति के लोगों द्वारा महिला को जूते और लाठी-डंडे से पीटा जाना। गोरखपुर में सपा विधायक राजमति निषाद के बेटे …..जारी…..आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…..

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द्वारा अवैध पंचायत लगाकर प्रेमी युगल के मुंह पर कालिख पोतकर घुमाया जाना। सीतापुर में छात्रा के साथ गैंग रेप में सपा जिला पंचायत सदस्य का शामिल पाया जाना। वाराणसी में सामने घाट की 14 वर्षीय दलित लड़की को पिछले एक महीने से मकान मालिक द्वारा अगवा करने के बावजूद स्थानीय थानेदार रमेश यादव द्वारा मुकदमा दर्ज न करना। ये घटनाएं साबित करती हैं कि प्रदेश में महिलाएं और दलित सुरक्षित नहीं हैं। अतः हम मांग करते हैं कि दलितों और महिलाओं की स्थिति पर विशेष सत्र आहूत किया जाए।

8- सोनभद्र में 40 हजार करोड़ रुपए की 1 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को बाहर से आए रसूखदारों या उनकी संस्थाओं को अवैध तरीके से आवंटित कर दिया जाना। सूबे में अवैध खनन के आरोपी कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति द्वारा एक साल पहले अवैध खनन के आरोप में सस्पेंड इलाहाबाद के खनन अधिकारी मोहम्मद महबूब खान को पुरस्कार दिया जाना। झांसी के टहरौली के तहसीलदार गुलाब सिंह को अवैध खनन में लिप्त ट्रैक्टर पकड़ने के बाद सपा राज्य सभा सांसद चन्द्रपाल सिंह यादव द्वारा धमकी दिए जाना तथा गुलाब सिंह का तबादला किया जाना। बिजनौर में एसपी अखिलेश कुमार द्वारा खनन रोकने पर उनका तबादला किया जाना। साबित करता है कि पूरे प्रदेश में नेताओं और खनन माफिया का गठजोड़ प्राकृतिक संपदा की लूट में शामिल है। ऐसे में पूरे प्रदेश में खनन भ्रष्टाचार की जांच के लिए हाईकोर्ट के सिटिंग जज के नेतृत्व में एक जांच आयोग गठित किया जाए, जो निर्धारित समय के अंदर अपनी रिपोर्ट दे।

9- कनहर परियोजना समेत विभिन्न परियोजनाओं में विस्थापित लोगों के पुर्नवास की गारंटी की जाए।

10- विद्युत नियामक आयोग की शह पर जेपी समूह तथा अन्य निजी बिजली उत्पादन कंपनियों द्वारा किया गया 30 हजार करोड़ रुपए का बिजली घोटला। एनएचआरएम घोटाले के गवाहों द्वारा घोटाले में प्रमुख भूमिका निभाने वाले तत्तकालीन सरकार के करीबी आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल का नाम लिए जाने के बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई न किया जाना और …..जारी…..आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…..

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उन्हें सपा सरकार में भी महत्वपूर्ण पदों पर रखा जाना। बजाज, बिरला, मोदी ग्रुप, पोंटी चड्ढा के वेब ग्रुप, डालमियां समेत कई कारपोरेट घरानों द्वारा उत्तर प्रदेश के किसानों का 6 हजार करोड़ रुपया बकाया रखना साबित करता है कि प्रदेश में कारपोरेट घरानों, भ्रष्ट अधिकारियों और सत्ता का गठजोड़ जनता के खिलाफ हमालवर है। अतः इस गठजोड़ पर सरकार श्वेत पत्र लाए।

11- चुनावी घोषणा पत्र के वादे के अनुरूप किसानों को 6 गुना मुआवजा दिया जाए। सूबे में व्याप्त कृषि संकट को हल करने की दिशा में संकट का आर्थिक, सामाजिक और नीतिगत अध्ययन के लिए एक उच्च स्तरीय जांच आयोग गठित किया जाए। जिसमें इन मुद्दों पर निजी प्रयासों से कार्यरत विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाए।

12- हाशिमपुरा जनसंहार मामले में दोषी पुलिस वालों के खिलाफ एसआईटी से जांच न करवाकर मुआवजे के नाम पर इंसाफ का कत्ल करने की कोशिश किया जाना तत्काल बंद किया जाए तथा इस घटना पर गठित विभिन्न जांच आयोगों की रिपोर्टों को सार्वजनिक किया जाए।

13- सांप्रदायिक वैमन्सय फैलाने वाले समाज विरोधी राजनीतिक तत्वों के खिलाफ सरकारी चुप्पी तोड़ते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

14- सपा नेता शैलेन्द्र अग्रवाल के साथ मिलकर पूर्व पुलिस महानिदेशक एसी शर्मा व एएल बनर्जी द्वारा पुलिस अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का कारोबार, पुलिस भर्ती की नियुक्ति प्रक्रिया में एक क्षेत्र व जाति विशेष के लोगों का भर्ती किया जाना साबित करता है कि पुलिस का इस्तेमाल कानून-व्यवस्था दुरुस्त रखने व जनता को सुरक्षा मुहैया कराने के बजाए आर्थिक लूट और एक जाति विवेश का वर्चस्व स्थापित करने के लिए किया जा रहा है। अतः हम मांग करते हैं कि इस जन विरोधी कृत्य में शामिल पुलिस अधिकारियों और नेताओं के गठजोड़ पर सरकार श्वेत पत्र लाए।

15- प्रदेश में बतौर काबीना मंत्री के रूप में ताजपोशी होने के बाद शिवपाल यादव द्वारा अर्जित  परिसम्पत्तियों की जांच कराई जाए।

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16- उर्दू, अरबी, फारसी विश्वविद्यालय से इन तीनों भाषाओं की अनिवार्यता समाप्त कर दिया जाना इस विश्वविद्यालय के गठन के औचित्य पर ही सवाल उठा देता है। अतः इन तीनों भाषाओं की अनिवार्यता तत्काल बहाल की जाए।

17- धरना स्थल को विधान भवन से दूर न करके जीपीओ स्थित पार्क को धरना स्थल घोषित किया जाए।

द्वारा-

शाहनवाज आलम, राजीव यादव, मनीष कुमार, इरफान अली, अनूप गुप्ता, मोहम्मद शुऐब एडवाकेट, आदियोग, पंकज श्रीवास्तव, दिल्ली से आए पत्रकार प्रशान्त टंडन, अभिषेक श्रीवास्तव, प्रांशु मिश्रा, मुदित माथुर, सलीम बेग, नीति सक्सेना, अजय, अजय सिंह, नीरज त्रिपाठी, लक्ष्मण प्रसाद, सोनिल त्रिपाठी, सोनिया पौल, संयोग वाल्कर, जाहिद, हिमांशु वाजपेयी, कौशल किशोर, अजय शर्मा, के के वत्स, संजय शर्मा, संजय विद्यार्थी, अतहा शम्सी, अरुण पाण्डेय, राम कृष्ण, दिनेश चौधरी, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, कमर सीतापुरी, नवल किशोर, ओपी सिन्हा, वर्तिका शिवहरे, मानविका शिवहरे, इम्तियाज़, पूर्व सांसद इलियास आजमी, कल्पना पाण्डे, अखिलेश सक्सेना, देवी दत्त पाझे, एहसानुल हक मलिक, वीरेन्द्र त्रिपाठी, ताहिरा हसन, अनिल यादव, रिफत फातिमा, शिव नारायण कुशवाहा, जैद अहमद फारूकी, आसिफ खान,

9415254919, 7379393876, 9415012666, 9454292339, 9452800752

http://www.hastakshep.com/hindi-news/nation/2015/06/25/%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%86%E0%A4%B5%E0%A4%9C%E0%A4%BE-%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%9F%E0%A4%95%E0%A4%B0-%E0%A4%B8%E0%A4%AA%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%A8?print=print

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