Friday, February 27, 2015

आईपीएस अमिताभ ठाकुर के स्वीकृत अवकाश का उपभोग नहीं किए जाने के कथित प्रार्थना पत्र की छाया प्रति पर संदेह : 'तहरीर' की छानबीन जारी




आरटीआई से उजागर यूपी सिविल डिफेन्स संयुक्त निदेशक आईजी आईपीएस अमिताभ ठाकुर द्वारा किया गया छल,कूट रचना और लेखों के मिथ्याकरण के संबंध में कल एक फ़ेसबुक मित्र ने  अमिताभ ठाकुर द्वारा दिनांक 15-04-14 कोदिनांक 15-04-14 , 16-04-14    और 17-04-14 के स्वीकृत अवकाश का उपभोग नहीं किए जाने के कथित प्रार्थना पत्र की छाया प्रति की स्केंड कॉपी मेरी वॉल पर पोस्ट की है जो अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर द्वारा सामने लाया गया बताया गया है. यदि यह एक आधिकारिक दस्तावेज़ है तो जनसूचना अधिकारी मुझे अपूर्ण सूचना देने का दोषी है. परंतु कुछ कारणों से यह संदेहास्पद भी प्रतीत होती है जिसकी जाँच हेतु मैं आने बाले सोमवार को सिविल डिफेन्स निदेशालय जाकर अमिताभ ठाकुर के अवकाश लेखे को आरटीआई एक्ट की धारा 2(j) के तहत देखकर उसकी सत्यापित प्रति लेने का आवेदन करूँगा.

1-  हालाँकि यह आवेदन 15-04-14 को लिखा दिखाया गया है परंतु इसकी भाषा "अवकाश का उपभोग नहीं किया गया है" से ऐसा लग रहा है जैसे ये 17-04-14 के बाद लिखा गया हो.

2-  अमिताभ ठाकुर  द्वारा अवकाश का उपभोग नहीं किए जाने के कथित प्रार्थना पत्र की छाया प्रति की जो स्केंड कॉपी मेरी वॉल पर पोस्ट की है वह अमिताभ द्वारा कार्यालय को दी गयी प्रति जैसी है कि अमिताभ के पास रह गयी प्रति जैसी.
3-  सत्यापित नही होने के कारण यह प्रति आरटीआई में ली गयी भी नहीं लगती है.
4-  संभव है कि अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर द्वारा सामने लायागया यह  प्रार्थना पत्र भी फॅब्रिकेटेड हो और तत्कालीन निदेशक के किसी और पत्र के हस्ताक्षरों को लगाकर छाया प्रति करा ली गयी हो.
5-  अमिताभ ठाकुर द्वारा इन तीन दिनों में किए गये सरकारी कामों का विवरण नहीं दिया गया है.
6-  समाचार पत्रों में छपी खबरों के अनुसार अमिताभ ने 14-04-14 से आगे 1 सप्ताह का अवकाश लेने की घोषणा सार्वजनिक रूप से भी की थी. समाचार पत्रों में छपी खबरों को यहाँ से डाउनलोड करें http://tahririndia.blogspot.in/2015/02/14-2014.html
 
बहरहाल सत्य जानने को हमारी खोजबीन जारी है और आगे भी जारी रहेगी. यदि किसी मित्र के पास इस मामले में या समाज के वृहद लोकहित से जुड़े किसी भी मामले में कुछ इनपुट्स हों तो -मेल tahririndia@gmail.com पर भेजने का कष्ट करें या हमें बतायें हम वह इनपुट्स आपसे प्राप्त कर लेंगे.

( Er. Sanjay Sharma )
Mob. 8081898081, 9455553838

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आपस में क़ानूनी नोटिस-जबाब का खेल खेलकर अख़बारों की सुर्खियाँ बटोरने बाली ठाकुर दंपत्ति के  अमिताभ ठाकुर के विरुद्ध सिद्ध हो रहे छल,कूट रचना और लेखों का मिथ्याकरण के अपराध के लिए अमिताभ ठाकुर की पत्नी पत्रकार, वकील और आरटीआई एक्टिविस्ट  नूतन ठाकुर अमिताभ को सज़ा दिलाने को आगे आएँगी या आपराधिक कृत्य के  इस मामले में अमिताभ का ही साथ देंगीं?

आरटीआई से उजागर यूपी सिविल डिफेन्स संयुक्त सचिव आईजी आईपीएस अमिताभ ठाकुर द्वारा किया गया छल,कूट रचना और लेखों का मिथ्याकरण.

यदि मैं कहूँ कि यूपी के सिविल डिफेन्स के संयुक्त सचिव और आईजी आईपीएस अमिताभ ठाकुर द्वारा सरकार से छल करके कूट रचना द्वारा लेखों का मिथ्याकरण कर व्यक्तिगत लाभ लेने के दुरूद्देश्य से राजकीय कोष को क्षति पंहुचाई गयी है तो क्या आप मानेंगे ? शायद नहीं. पर मेरे द्वारा आरटीआई एक्ट के तहत सिविल डिफेन्स के निदेशालय से प्राप्त दस्तावेज़ों को देखने के बाद आपको मानना ही होगा कि अमिताभ ठाकुर द्वारा सरकार से छल करके कूट रचना द्वारा लेखों का मिथ्याकरण कर व्यक्तिगत लाभ लेने के दुरूद्देश्य से राजकीय कोष को क्षति पंहुचाने का आपराधिक कृत्य किया गया है.

दरअसल मैने दिनांक 26-08-14 को एक आरटीआई दायर कर यूपी के सिविल डिफेन्स के संयुक्त सचिव और आईजी आईपीएस अमिताभ ठाकुर के अवकाश प्रार्थना पत्रों और इनके सरकारी वाहनों की लॉग-बुक की सत्यापित प्रतियाँ माँगी थीं. दिनांक 30-01-15 को सिविल डिफेन्स के निदेशालय के जन सूचना अधिकारी सुरेंद्र सिंह नेगी ने जो सूचना दी है वह स्थापित कर रही है कि अमिताभ ठाकुर द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार से छल करके कूट रचना द्वारा सरकारी वाहन की लॉग-बुक के लेखों का मिथ्याकरण कर व्यक्तिगत लाभ लेने के दुरूद्देश्य से राजकीय कोष को क्षति पंहुचाने का आपराधिक कृत्य किया गया है.

सिविल डिफेन्स के निदेशालय के जन सूचना अधिकारी सुरेंद्र सिंह नेगी द्वारा सत्यापित कर दी गयी सूचना से स्पष्ट हो रहा है कि :
1-  अमिताभ ठाकुर के अवकाश प्रार्थना पत्र दिनांक 10-04-14 के अनुसार दिनांक 15-04-14, 16-04-14    और 17-04-14 को अमिताभ अवकाश पर थे और उच्च्तम न्यायालय में एक व्यक्तिगत विशेष अनुमति याचिका दायर करने और अन्य व्यक्तिगत कार्यों से भारत की राजधानी नई दिल्ली में थे.
2-  अमिताभ ठाकुर के सरकारी वाहन के ड्राइवर हेमचंद और अमिताभ ठाकुर द्वारा हस्ताक्षरित वाहन लॉग-बुक के अनुसार दिनांक 15-04-14, 16-04-14  और 17-04-14 को अमिताभ ने इन तीनों दिनों में अपने आवास से वाहन पर सवार होकर सरकारी वाहन का सरकारी कार्य से उपयोग किया और इन तिथियों में यह सरकारी गाड़ी क्रमशः 76 किलोमीटर, 56 किलोमीटर और 61 किलोमीटर चली जबकि इन तिथियों में अमिताभ अवकाश पर थे और उच्च्तम न्यायालय में एक व्यक्तिगत विशेष अनुमति याचिका दायर करने और अन्य व्यक्तिगत कार्यों से लखनऊ से 500 किलोमीटर से भी अधिक दूर भारत  की राजधानी नई दिल्ली में थे.

यह तो आप भी मानेंगे कि अवकाश पर लखनऊ से 500 किलोमीटर से भी अधिक दूर भारत  की राजधानी नई दिल्ली में बैठा आदमी किसी भी तरह इन तीनों दिनों में अपने आवास से वाहन पर सवार होकर सरकारी वाहन का सरकारी कार्य से उपयोग नहीं कर सकता है और यह अभिलेख स्वतः ही  स्थापित कर रहा है कि अमिताभ ठाकुर द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार से छल करके कूट रचना द्वारा सरकारी वाहन की लॉग-बुक के लेखों का मिथ्याकरण कर व्यक्तिगत लाभ लेने के दुरूद्देश्य से राजकीय कोष को क्षति पंहुचाने का आपराधिक कृत्य किया गया है.

यह खुलासे से वह कहावत एक बार फिर चरितार्थ हो रही है जो कहती है "चोर चोरी से जाए , हेराफेरी से नहीं." और यह भी कि "चोर कितना भी शातिर को कुछ सुराग तो छोड़ ही जाता है".

बड़ा सबाल यह भी है कि एक  दूसरे को क़ानूनी नोटिस-जबाब भेजकर अख़बारों की सुर्खियाँ बटोरने बाली सामाजिक रूप से सक्रिय  ठाकुर दंपत्ति के  एक सदस्य अमिताभ ठाकुर के विरुद्ध सिद्ध हो रहे इस अपराध के लिए अमिताभ ठाकुर की पत्नी पत्रकार, वकील और आरटीआई एक्टिविस्ट  नूतन ठाकुर अमिताभ को सज़ा दिलाने को आगे आएँगी या आपराधिक कृत्य के  इस मामले में अमिताभ का ही साथ देंगीं.

आरटीआई जबाब, अमिताभ के अवकाश प्रार्थना पत्र और वाहन लॉग बुक के तीन स्क़ेंड पेज यहाँ पायें http://tahririndia.blogspot.in/2015/02/rti-reveals-forgery-for-purpose-of.html

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