लखनऊ/नई दिल्ली, 1 जुलाई 2025:
उत्तर प्रदेश की राजनीतिक और धार्मिक गलियारों में एक नए कानूनी विवाद ने जन्म लिया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को लखनऊ के निवासी संजय शर्मा की ओर से एक कानूनी नोटिस भेजा गया है। इस नोटिस में धार्मिक प्रवचनकर्ता पंडित धीरेंद्र शास्त्री और अन्य कथावाचकों पर अवैध भुगतान के आरोप लगाने के लिए सबूत मांगे गए हैं।
विवाद की पृष्ठभूमि
कानूनी नोटिस के अनुसार, अखिलेश यादव ने सार्वजनिक रूप से कथित तौर पर कहा था कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री और अन्य कथावाचकों ने अपने धार्मिक प्रवचनों के बदले में "अंडर द टेबल" (गैर-कानूनी या अघोषित) भुगतान स्वीकार किए हैं। संजय शर्मा ने, जो खुद को ब्राह्मण हिंदू बताते हैं, अखिलेश यादव के लखनऊ और नई दिल्ली के पते पर यह नोटिस ईमेल द्वारा भेजा है और 15 दिनों के भीतर आरोपों को साबित करने वाले सबूत मांगे हैं।
कानूनी नोटिस के मुख्य बिंदु
- सबूत की मांग:
संजय शर्मा ने अखिलेश यादव से मांगा है कि वे अपने आरोपों को साबित करने वाले सभी दस्तावेजी, इलेक्ट्रॉनिक या अन्य सबूत 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत करें। - मानहानि का आरोप:
नोटिस में कहा गया है कि अखिलेश यादव के बयान से शर्मा और अन्य धार्मिक गतिविधियों से जुड़े लोगों को "गंभीर प्रतिष्ठा हानि, मानसिक तनाव और सार्वजनिक अपमान" झेलना पड़ा है। - कानूनी कार्रवाई की चेतावनी:
शर्मा ने चेतावनी दी है कि अगर 15 दिनों के भीतर सबूत नहीं दिए गए तो यह आरोपों की निराधारता मानी जाएगी और वे मानहानि तथा अन्य अपराधों के लिए आवश्यक नागरिक और/या आपराधिक कार्रवाई शुरू करने को मजबूर होंगे।
प्रतिक्रियाएं और प्रभाव
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे नोटिस आमतौर पर सार्वजनिक आरोपों को वापस लेने या साबित करने की मांग के लिए भेजे जाते हैं और मानहानि की कार्रवाई से पहले की प्रारंभिक प्रक्रिया है।
आगे की कार्रवाई
अखिलेश यादव के पास अब 15 दिनों का समय है कि वे इस नोटिस का जवाब दें और मांगे गए सबूत प्रस्तुत करें। अगर ऐसा नहीं होता है, तो संजय शर्मा आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर सकते हैं।
संजय शर्मा से उनके मोबाइल नंबर 9454461111, 7991479999 या ईमेल sanjaysharmalko@icloud.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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