Thursday, June 12, 2025

LDA उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल - 28 शिकायतकर्ताओं की 2114 शिकायतों पर नहीं हुई कोई ठोस जांच, भ्रष्टाचार पर भी नहीं दिखी गंभीरता

लखनऊ।
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) और इसके उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार    की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। “ब्लैकमेलिंग के लिए कीं 2114 शिकायतें” और “निर्माण रुकवाने वालों पर कसेगा शिकंजा” जैसी खबरों के बाद यह सामने आया है कि इन 2114 शिकायतों में शामिल अवैध निर्माणों की LDA द्वारा अब तक कोई ठोस जांच नहीं कराई गई है। इससे न सिर्फ प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि अधिकारियों के भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की गंभीरता पर भी संदेह गहराया है।


 

शिकायतों की हकीकत पर उठे सवाल

प्राप्त जानकारी के अनुसार, LDA ने दावा किया है कि 2114 शिकायतों में वर्णित सभी बिल्डिंग्स का निर्माण शत-प्रतिशत मानकों के अनुसार हुआ है और सभी शिकायतें झूठी हैं। लेकिन लखनऊ में अवैध निर्माणों की भरमार और LDA के अधिकारियों के पूर्व भ्रष्टाचारी इतिहास को देखते हुए यह दावा हजम नहीं हो रहा ।सवाल यह है कि जब शहर में अवैध निर्माण खुलेआम दिखाई दे रहे हैं, तो बिना किसी गहन और निष्पक्ष जांच के इतनी बड़ी संख्या में शिकायतों को कैसे खारिज किया जा सकता है?


 

जांच के नाम पर औपचारिकता

शिकायतकर्ता संजय शर्मा ने मांग की थी कि इन सभी 2114 शिकायतों की जांच SIT (जिसमें IIT के प्रोफेसर भी हों) गठित कर कराई जाए और रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। साथ ही, भविष्य में चारबाग के मोहन होटल या ट्रांसपोर्टनगर जैसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए पूरे लखनऊ की बिल्डिंग्स की जांच भी इसी SIT से कराई जाए ।लेकिन LDA ने अब तक न तो SIT का गठन किया, न ही किसी भी शिकायत की गहन जांच कराई। सिर्फ औपचारिकता निभाते हुए शिकायतों को झूठा करार दे दिया गया।


 

भ्रष्टाचार पर भी नहीं दिखी सख्ती

LDA के अधिकारियों और कर्मचारियों पर पहले भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग चुके हैं। बावजूद इसके, न तो इन शिकायतों की निष्पक्ष जांच कराई गई और न ही भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस कदम उठाए गए।शिकायतकर्ता का कहना है कि यदि जांच में शिकायतें गलत साबित होती हैं, तो गलत इनपुट देने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन LDA ने इस दिशा में भी कोई गंभीरता नहीं दिखाई।


 

जनता की सुरक्षा से खिलवाड़

लखनऊ जैसे बड़े शहर में अवैध निर्माणों की अनदेखी और भ्रष्टाचार पर लापरवाही न सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए, बल्कि आम जनता की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा है।चारबाग के मोहन होटल और ट्रांसपोर्टनगर की ध्वस्त बिल्डिंग जैसी घटनाएं पहले ही चेतावनी दे चुकी हैं कि बिना ठोस जांच और जवाबदेही के ऐसे हादसे कभी भी दोहराए जा सकते हैं।

 


निष्कर्ष:
लखनऊ विकास प्राधिकरण को चाहिए कि वह सभी 2114 शिकायतों की निष्पक्ष और गहन जांच कराए, SIT का गठन करे, रिपोर्ट सार्वजनिक करे और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करे। वरना, जनता का भरोसा और शहर की सुरक्षा दोनों ही खतरे में रहेंगे।

 

संजय शर्मा से मोबाइल नंबर्स मोबाइल: 9454461111, 7991479999, 9565-24x7x365 और ईमेल  sanjaysharmalko[AT]icloud[DOT]com, sukaylegal[AT]gmail[DOT]com पर संपर्क किया जा सकता है l

No comments:

Post a Comment