लखनऊ/मंगलवार/17 जून 2025 .............
लखनऊ के वरिष्ठ कानूनी अधिकार कार्यकर्ता संजय शर्मा की अथक मेहनत और साहसिक प्रयासों के चलते बहुचर्चित गोमती रिवरफ्रंट घोटाले की जांच अब उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त तक पहुँच गई है। वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के राजस्व विभाग द्वारा लोकायुक्त उत्तर प्रदेश को भेजे गए पत्र में संजय शर्मा की शिकायत के आधार पर उच्च स्तरीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है, जिससे राज्य के बड़े राजनेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं।
₹1,500 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश
गोमती रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट, जिसे अखिलेश यादव सरकार के दौरान शुरू किया गया था, में करीब ₹1,435 करोड़ खर्च होने के बावजूद मात्र 60% कार्य ही पूरा हो पाया। इस परियोजना में वित्तीय कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और भारी अनियमितताएं सामने आईं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) दोनों ने इस मामले में जांच शुरू की, जिसमें पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन, पूर्व प्रमुख सचिव सिंचाई दीपक सिंघल, पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों के नाम सामने आए।
संजय शर्मा को मिल रही धमकियाँ— स्वयं और परिवार को खतरा
इस घोटाले की शिकायत करने के बाद न केवल संजय शर्मा, बल्कि उनके परिवार को भी लगातार धमकियाँ मिल रही हैं। एक अखबार संघ और उसके सदस्यों द्वारा, संभवतः घोटाले में नामजद राजनेताओं और आईएएस अधिकारियों के इशारे पर, संजय शर्मा और उनके परिवार को भांति-भांति से डराने-धमकाने का सिलसिला जारी है। संजय शर्मा ने सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव सहित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल, मुख्य सचिव और गृह सचिव से सुरक्षा और उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई है।
उन्होंने मांग की है कि इस कथित अखबार एसोसिएशन, उसके सदस्यों, सदस्यों के परिवारीजनों के सभी अखबारों, पोर्टलों, सामाजिक संगठनों और उनके सहयोगियों के विगत 5 वर्ष के सभी वित्तीय लेन-देन की केंद्रीय और राज्य एजेंसियों से उच्च स्तरीय जांच कराई जाए, क्योंकि इन पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप भी लगते रहे हैं।
इन एजेंसियों से जांच की मांग:
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate - ED),केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation - CBI),आयकर विभाग (Income Tax Department - ITD),केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes - CBDT),वित्तीय आसूचना इकाई - भारत (Financial Intelligence Unit – India - FIU-IND),राजस्व खुफिया निदेशालय (Directorate of Revenue Intelligence - DRI),गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (Serious Fraud Investigation Office - SFIO),गृह मंत्रालय – आतंकवाद और कट्टरपंथ निरोधक प्रभाग (Ministry of Home Affairs – Counter Terrorism & Counter Radicalization Division), कंपनियों के रजिस्ट्रार (Registrar of Companies - RoC),राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency - NIA),राज्य आर्थिक अपराध शाखा (State Economic Offences Wing - EOW),राज्य पुलिस (विशेष शाखा/खुफिया) (State Police - Special Branch/Intelligence),राज्य सतर्कता विभाग (State Vigilance Department),राज्य सोसायटी/ट्रस्ट रजिस्ट्रार (State Registrar of Societies/Trusts),भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India - RBI),कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs - MCA)
भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष—संजय शर्मा की मिसाल
संजय शर्मा ने निडर होकर न केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई, बल्कि लगातार मिल रही धमकियों के बावजूद अपने मिशन को जारी रखा। उनकी शिकायत पर अब यह मामला लोकायुक्त तक पहुँच गया है, जिससे उम्मीद जगी है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी प्रशासनिक और दंडात्मक कार्रवाई होगी। संजय शर्मा की बहादुरी और पारदर्शिता के लिए उनकी सराहना की जा रही है, और यह मामला समाजसेवा और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए एक प्रेरणा बन गया है।
जनता की उम्मीद—दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई
संजय शर्मा ने मांग की है कि आलोक रंजन, दीपक सिंघल, शिवपाल सिंह यादव सहित सभी जिम्मेदार लोगों पर शीघ्र और सख्त प्रशासनिक व दंडात्मक कार्रवाई हो, लोकायुक्त जांच पारदर्शी ढंग से पूरी की जाए, और जनता को इसकी जानकारी दी जाए। यह मामला न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का प्रतीक बन गया है।
संजय शर्मा जैसे साहसी नागरिकों की वजह से ही लोकतंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही कायम रह सकती है। उनकी सुरक्षा और न्याय के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाने चाहिए।
संजय शर्मा से मोबाइल नंबर्स मोबाइल: 9454461111,
7991479999,
9565-24x7x365 और ईमेल
sanjaysharmalko[AT]icloud[DOT]com,
sukaylegal[AT]gmail[DOT]com पर संपर्क किया जा सकता है l सम्बंधित पत्र वेबलिंक
पर उपलब्ध है
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