Monday, November 6, 2017

यूपी : एंग्लो इंडियन बीजेपी विधायक डॉ. डेन्ज़िल जॉन गोडिन की नियुक्ति की सूचनाएं आरटीआई में नहीं देगी योगी सरकार l

लखनऊ / 6 नवंबर 2017

विधायक आम जनता के नुमाइंदे होते हैं और इसीलिए आम जनता को अपने विधायक के बारे में सब कुछ जानने का पूरा हक होता है  l चुनाव आयोग भी विधायकी का इलेक्शन लड़ने वाले लोगों से एक शपथ पत्र लेता है और उसे अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक भी करता है लेकिन यूपी की योगी सरकार ने हाल ही में एंग्लो-इंडियन कोटे से नियुक्त किए गए विधान परिषद सदस्य डॉ. डेन्ज़िल जॉन गोडिन की नियुक्ति से संबंधित सूचनाओं को राजधानी लखनऊ निवासी और देश के प्रख्यात RTI  एक्सपर्ट और इंजीनियर संजय शर्मा को आरटीआई एक्ट के तहत  मांगने पर भी  सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया है l  

Todownload original RTI and its reply, please click this weblink


RTI  एक्सपर्ट और इंजीनियर संजय शर्मा ने बीते सितंबर की 7 तारीख को यूपी के मुख्य सचिव कार्यालय में एक आरटीआई अर्जी देकर  गोडिन  को एंग्लो-इंडियन कम्युनिटी के सदस्य के रूप में विधान परिषद में भेजे जाने के संबंध में 9 बिंदुओं पर सूचना मांगी थी l इस सूचना के मांगे जाने के बाद संजय के परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी गई थी जिसकी FIR थाना तालकटोरा में दर्ज होकर वर्तमान में विवेचना प्रचलित है l अब उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य अनुभाग - 1 के अनुभाग अधिकारी और जन सूचना अधिकारी महमूद बट सिद्दीकी ने बीते महीने की 17 तारीख को समाजसेवी संजय को पत्र जारी कर  जो सूचना दी है उसके अनुसार डॉ गोडिन  के माता-पिता की नागरिकता, उनके नाम और डॉ गोडिन  के एंग्लो इंडियन समुदाय से होने के प्रमाण को थर्ड पार्टी इनफार्मेशन मानते हुए सिद्दीकी ने बीते 20 सितंबर को आरटीआई एक्ट की धारा 11(1) के अधीन  डॉ गोडिन को नोटिस निर्गत की थी  जिस के संबंध में विधायक ने अपने आधिकारिक लेटर पैड पर पत्र लिखकर संजय शर्मा का सूचना प्राप्त करने के पीछे का मंतव्य स्पष्ट न होने की बात कहते हुए शर्मा द्वारा उनकी नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया पर दुर्भावना से प्रेरित होकर प्रश्न उठाने की बात कहते हुए आरटीआई एक्ट की धारा 8 के अंतर्गत उनसे जुड़ी कोई भी व्यक्तिगत जानकारी किसी को भी न देने की बात सिद्दीकी को लिखी है lविधायक डेन्ज़िल के इस पत्र का हवाला देते हुए महमूद बट सिद्दीकी ने इन सूचनाओं को पर व्यक्ति सूचना बताते हुए समाजसेवी संजय को सूचना देने से इंकार कर दिया है l

देश के नामचीन आरटीआई एक्टिविस्ट में शुमार होने वाले संजय शर्मा योगी सरकार के इस जवाब से संतुष्ट नहीं हैं और सवाल उठाते हैं कि जब बाकी सब विधायकों के परिवारीजनों के नाम और उनकी नागरिकता विधायकों  द्वारा दिए गए शपथ पत्रों के माध्यम से सार्वजनिक की जाती है तो आखिर किस आधार पर डा. गोडिन के माता पिता के नाम और उनकी नागरिकता से जुड़ी सूचना सार्वजनिक नहीं की जा रही है l इसी प्रकार संजय सवाल उठाते  के जब डा. गोडिन  ने विधायक बनने के लिए एंग्लो-इंडियन कोटे का लाभ लिया है तो उनका एंग्लो इंडियन समुदाय से होना प्रमाणित करने वाला प्रपत्र सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा है जबकि आम जनता अगर किसी कोटे का लाभ लेती है तो उसे उस कोटे का प्रमाण पत्र  सार्वजनिक करना होता है l


लखनऊ के इस फायरब्रांड समाजसेवी संजय ने यह भी कहा है कि क्योंकि विधायक आम जनता के नुमाइंदे होते हैं इसीलिए उनको अपने जीवन में आदर्शों के उच्च मानक स्थापित करते हुए अपने जीवन में पारदर्शिता धारित करनी चाहिए और डा. गोडिन द्वारा उनके सूचना मांगने के मंतव्य के पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए सूचना मांगने के पीछे उनकी दुर्भावना की बात उठाने को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6 की उप धारा 2 के तहत ग्राह्य न  होने की बात कहते हुए डा. गोडिन के एंग्लो इंडियन समुदाय से होने को संदेह से परे नहीं  होने की बात कही है और इस मामले में अपील दायर कर सूचनाएं प्राप्त करने के बाद प्रकरण को उच्च न्यायालय ले जाने की बात भी कही है l

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