Friday, August 4, 2017

UP : मंत्री मोहसिन रज़ा के फ्रॉड और भ्रष्टाचार पर CM योगी का मौन योग ?

UP : मंत्री मोहसिन रज़ा के फ्रॉड और भ्रष्टाचार पर CM योगी का मौन योग ?



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लखनऊ/04 अगस्त 2017

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर अपने पूर्ववर्ती सीएम अखिलेश यादव की तरह अपने दागी मंत्री पर मुलायम रुख अख्तियार करने और कोई कार्यवाही न करने का आरोप लग रहा है। यह मंत्री हैं यूपी के राज्यमंत्री मोहसिन रज़ा और सीएम आदित्यनाथ पर यह आरोप लगाया है राजधानी लखनऊ के आरटीआई कार्यकर्ता और इंजीनियर संजय शर्मा ने।शर्मा ने योगी पर यह आरोप उनके द्वारा उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव कार्यालय में दायर की गई आरटीआई पर गोपन विभाग के अनुभाग अधिकारी और जन सूचना अधिकारी धर्मपाल सिंह द्वारा दिये गए जबाब के आधार पर लगाया है।

संजय ने बताया कि शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने योगी के मंत्री मोहसिन रज़ा द्वारा वक्फ कागज़ातों में कूटरचना कर कब्रों की बिक्री कर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए योगी से शिकायत कर जांच की मांग करने संबंधी समाचार संज्ञान में आने पर उन्होंने बीते मई महीने में यूपी के मुख्य सचिव के कार्यालय में एक आरटीआई दायर कर दागी मंत्री रज़ा के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गई कार्यवाही के संबंध में 6 बिंदुओं पर सूचना मांगी थी।मुख्य सचिव कार्यालय के अनुसचिव एवं जन सूचना अधिकारी पी. के. पांडेय ने बीते 31 मई को संजय का RTI आवेदन गोपन अनुभाग-1 को अंतरित किया था।गोपन अनुभाग-1 के पीआईओ धर्मपाल सिंह ने बीते 19 जून के पत्र के माध्यम से संजय को बताया है कि मोहसिन रज़ा के कथित अपराध और भ्रष्टाचार से संबंधित कोई भी शिकायती पत्र गोपन अनुभाग-1 में प्राप्त नहीं हुआ है और इस आधार पर रज़ा के खिलाफ जांच,कार्यवाही,स्पस्टीकरण,FIR आदि से संबंधित सूचना देने से मना कर दिया है।

लोकजीवन में पारदर्शिता और जबाबदेही स्थापित करने वाले के क्षेत्र में मुखर रूप कार्यशील संजय कहते हैं कि योगी ने बीते मार्च में यूपी की बागडोर संभालते ही भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की बड़ी-बड़ी बातें करते हुए 'जीरो टॉलरेंस टु करप्शन' का दम भरते हुए अनगिनत घोषणाएं कीं थीं पर अब खुद के मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप पर दागी मंत्री का स्पस्टीकरण तलब करने या जांच बैठाने जैसी प्राथमिक कार्यवाही शुरू तक न कराने से यह साफ होता जा रहा है कि यूपी में सिर्फ नाम बदले है और सत्ता आज भी उच्च पदासीन भ्रष्ट व्यक्तियों को बचाने की उसी मानसिकता से काम कर रही है जिससे पूर्ववर्ती सपा शासनकाल में कर रही थी।

PIL एक्टिविस्ट संजय ने बताया कि वे इस संबंध में सूबे राज्यपाल से व्यक्तिगत भेंटवार्ता हेतु मिलने का समय लेकर उनको सम्पूर्ण प्रकरण से अवगत कराकर उनसे इस प्रकरण में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने की मांग करेंगे।



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