Wednesday, November 18, 2015

सत्ता पाते ही शाहखर्च बने अरविन्द केजरीवाल !

शाहखर्ची में नवगठित आम आदमी पार्टी के दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पीछे नहीं हैं । अन्ना हजारे जैसी शख्शियत के साथ चलते सत्ता की कुंजी पाए अरविन्द कहने को तो 'वीआईपी कल्चर खत्म करने आए थे' पर सत्ता पाते ही 'वीआईपी कल्चर’ का शिकार हो गए और अपने सिविल लाइन्स स्थित आवास में 2 महीनों में ही जनता के 91,000 रुपए बिजली पर खर्च कर बैठे ।

अब ऐसे में आखिर दोष किसका है ? केजरीवाल जैसे राजनेताओं का जो सत्ता पाते ही अपनी कमजोर इच्छाशक्ति के कारण सत्ता-सुख के स्नान का पूर्ण आनंद लेने के लिए धीरे-धीरे ‘हमाम में नंगे’ होने लगते हैं या उस जनता का जो वोट देते समय सही चुनाव करने से हमेशा चूक जाती है ?

या फिर यही है भारत की नियति और राजनेताओं की इस शाहखर्ची से निजात पाने का कोई भी उपाय है ही नहीं ।

कोई जबाब हो तो बताइए ।

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