Monday, August 3, 2015

संजय ने लोकायुक्त को सौंपे अमिताभ ठाकुर के काली कमाई को खपाने के परिवारीजनों के नाम से 13. 811 हेक्टेयर कृषि भूमि की खरीद फरोख्त , पत्नी नूतन ठाकुर के 2625 वर्गफुट के प्लाट पर कथित बलात कब्जे और अमिताभ द्वारा पद का दुरुपयोग कर विभाग में कार्यरत महिला का शारीरिक शोषण करने के लिए विभागीय कार्यवाही को अस्त्र बनाने के अभिलेखीय साक्ष्य ।



Press Note 03/08/15

सामाजिक संगठन 'तहरीर' के संस्थापक और आरटीआई कार्यकर्ता संजय शर्मा ने आज लोकायुक्त से भेंट कर निलंबित आईपीएस अमिताभ ठाकुर के सम्बन्ध में किये गए परिवाद  पर अपना दूसरा पूरक अभिकथन लोकायुक्त को सौंपा।  संजय ने लोकायुक्त को  बाराबंकी में अमिताभ ठाकुर के  परिवारीजनों के नाम से 13. 811 हेक्टेयर कृषि भूमि की खरीद फरोख्त , पत्नी नूतन ठाकुर के   2625 वर्गफुट के प्लाट पर कथित बलात कब्जे  और  अमिताभ द्वारा पद का दुरुपयोग कर विभाग में कार्यरत महिला का शारीरिक शोषण करने के लिए विभागीय कार्यवाही को अस्त्र बनाने के आरोप लगाते हुए आरोपों से सम्बंधित अभिलेखीय साक्ष्य भी लोकायुक्त को सौंपे। संजय ने लोकायुक्त से मिलकर मांग की कि इस मामले में अमिताभ ठाकुर द्वारा दिए गए जबाबों की प्रतियां उनको उपलब्ध कराई जाएँ ताकि वे अपना पक्ष उनके समक्ष समुचित रूप से रख सकें।
                                                                                                                      
दूसरे पूरक अभिकथन में संजय ने अमिताभ ठाकुर के खिलाफ निम्नलिखित बिंदु उठाये है :

i)                    अमिताभ ठाकुर ने अपनी काली कमाई को खपाने के लिए अपने परिवार , सगे-सम्बन्धियों और मित्रों के नामों से रीयल एस्टेट में  भारी-भरकम निवेश किया है। पहले जारी सम्पत्तियों के अतिरिक्त अमिताभ ठाकुर ने जनवरी 2008 में अपनी  माता माधुरीबाला पत्नी तपेश्वर नारायण ठाकुर और पिता तपेश्वर नारायण ठाकुर  पुत्र बद्री नारायण के नाम से ग्राम तीरगांव परगना सतरिख तहसील नबाबगंज जिला बाराबंकी में 6.907 हेक्टेयर कृषि भूमि 2 लोगों से  खरीदी और 2014 में मेरे द्वारा मामला उठाये जाने पर जून 2014 और जुलाई 2014 में इन जमीनों को छोटे-छोटे टुकड़ों में दर्जन भर लोगों को  बेच दिया।  इस प्रक्रिया में अमिताभ ठाकुर ने अकूत लाभ भी अर्जित किया जिस पर समुचित टैक्स भी नहीं दिया गया। यह जांच का विषय है कि इन सम्पत्तियों को खरीदने के लिए धन कहाँ से आया और इन सम्पत्तियों को बेचने के बाद धन कहाँ गया ।
ii)                  अमिताभ ठाकुर ने अपने उच्च पुलिस  पद की धौंस जमाकर पद का दुरुपयोग करते हुए  ग्राम खरगापुर, परगना ,  तहसील जिला लखनऊ के खसरा संख्या 249 , का मिश्रण के 2625 वर्गफुट के भूखण्ड संख्या 38  पर अपनी पत्नी नूतन ठाकुर का बलात अवैध कब्ज़ा किया हुआ है जिसकी जांच आवश्यक है।नूतन ठाकुर के अवैध कब्जे के कारण भूस्वामी अपनी संपत्ति से वंचित हो गया है। 
iii)       अमिताभ ठाकुर ने एक लोकसेवक की हैसियत से अपनी उच्च स्थिति का दुरुपयोग अपनी अनियमितताओं  से सम्बंधित सूचनाओं के प्रगटन को रोकने के लिए किया।  अमिताभ ने अपने निदेशालय के जनसूचना अधिकारी के कुछ दिनों के अवकाश की अवधि में मौके का अनुचित लाभ उठाया उठाया  और जनसूचना अधिकारी के पदीय अधिकारों का अतिक्रमण तक करते हुए अधिनियम की धारा 6 (2 ) के प्रतिकूल मुझे उनके कार्यालय आने को वाध्य किया। अमिताभ इस मामले में दोहरे मापदण्ड अपनाने के कारण  ईमानदारी की कमी के भी दोषी हैं क्योंकि ये स्वयं को आरटीआई एक्टिविस्ट कहते हैं पर इन्होने दोहरा मापदंड अपनाकर अपने से सम्बंधित वही सूचना देने से मना किया जो सूचना ( अन्य लोकसेवकों के वारे में ) ये स्वयं मांगते रहे हैं।
iv)       अमिताभ ठाकुर ने एक लोकसेवक की हैसियत से अपनी उच्च स्थिति का दुरुपयोग कर राज्य सूचना आयोग में लम्बित 143 मामलों में बिना अवकाश/अल्प अवकाश की  स्वीकृति के अपनी अवैध उपस्थिति दर्ज कराई। अमिताभ इस मामले में दोहरे मापदण्ड अपनाने के कारण  ईमानदारी की कमी के भी दोषी हैं क्योंकि ये स्वयं को सोशल  एक्टिविस्ट कहते हैं पर इन्होने दोहरा मापदंड अपनाकर अनियमितता करके  143 मामलों में बिना अवकाश/अल्प अवकाश की  स्वीकृति के अपनी अवैध उपस्थिति दर्ज कराई जिसके  लिए इनको दण्डित किया जाना जरूरी है।
v)       अमिताभ ठाकुर ने  लोकसेवक की हैसियत से अपने उच्च पद में निहित शक्तियों का दुरुपयोग कर  विभागीय कार्यवाही की प्रक्रिया का दुरुपयोग नागरिक संगठन विभाग में कार्यरत महिला कार्मिक का शारीरिक शोषण करने के लिए किया और इस  कनिष्ठ महिला कार्मिक को निलंबित कराकर अनुचित अपहानि भी पंहुचायी  है। अमिताभ ठाकुर ने लैंगिक उत्पीड़न की इसी पीड़िता का फोटो समाचार पत्र में छपवाया था और इसी महिला का फ़ोन अपने अधीनस्थ पुरुष कार्मिक से टेप कराया था जिसकी सूचना आपको पूर्व में दी जा चुकी है। दिनांक 14 नबम्बर 2014 की एक नोटशीट के अनुसार अमिताभ ठाकुर ने जाँच अधिकारी की नियुक्ति के सामान्य नियमों और प्रक्रिया का उल्लंघन कर  कानपुर के अधिवक्ता प्रदीप गुप्ता की एक शिकायत में स्वयं को जांच अधिकारी नियुक्त कराने के लिए निदेशक पर दवाव डाला। अपनी इस  शिकायत में अधिवक्ता प्रदीप गुप्ता  ने  कतिपय कार्मिकों द्वारा अवैध HRA/CCA की बसूली  करके राजस्व की चोरी की शिकायत की थी। अमिताभ ठाकुर द्वारा दिनांक 16-11-14 को अधिवक्ता प्रदीप गुप्ता की शिकायत पर जांच करने के स्थान पर नागरिक सुरक्षा कानपुर की सहायक उप नियंत्रक महिला कार्मिक की जांच कर दिनांक 24-11-14 को उसे चेतावनी जारी कर दी। जबकि नागरिक सुरक्षा निदेशालय के पत्र संख्या 390 दिनांक 18 मार्च 2015 के अनुसार  अमिताभ ठाकुर की  इस कथित जांच के आधार पर किसी भी कार्मिक के विरुद्ध कार्यवाही नहीं की गयी। दिनांक 14 जून  2014 की एक नोटशीट  के अनुसार अमिताभ ठाकुर ने इस  कनिष्ठ महिला कार्मिक  के विरुद्ध प्राप्त एक शिकायत पर जाँच अधिकारी की नियुक्ति के सामान्य नियमों और प्रक्रिया का उल्लंघन कर  स्वयं को जांच अधिकारी नियुक्त कराने के लिए निदेशक पर दवाव डाला।नागरिक सुरक्षा के निदेशक के एक पत्र संख्या 1004 दिनांक 02-07-15 के अनुसार अमिताभ ठाकुर अपने वरिष्ठ अधिकारियों की शिकायतें करके और उनके विरुद्ध समाचार पत्रों में वयान देकर उन पर अपने मनमाफ़िक कार्य करने का दवाव बनाते हैं। इसीलिये नागरिक सुरक्षा के निदेशक ने भी अपने इस पत्र संख्या 1004 दिनांक 02-07-15 द्वारा  इस  कनिष्ठ महिला कार्मिक  के द्वारा  महिला आयोग में अमिताभ ठाकुर पर लगाए गए शारीरिक शोषण के प्रयास के गंभीर आरोपों पर भी कार्यवाही करने से इंकार कर दिया इस  कनिष्ठ महिला कार्मिक को दिनांक 19 मार्च 2015 को निलंबित  किया जा चुका  है। अब इस महिला कार्मिक  ने दिनांक 29-07-15 को 5 पेज का पत्र भेजकर यूपी के पुलिस महानिदेशक से न्याय की गुहार लगाई है।

दिनांक : 03 अगस्त 2015                                  
                                                                                            
Sanjay Sharma سنجے شرما संजय शर्मा              

                                

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