Saturday, May 19, 2018

लखनऊ : योगीराज में कोई मुसलमान थानेदार नहीं,सभी हिन्दू जिनमें 77% अगड़े, OBC और SC मिलकर भी महज 23% पर सिमटे l

लखनऊ / 19 मई 2018/
आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में लगभग 19% आबादी मुसलामानों की हैं पर राजधानी लखनऊ के 43 थानों में एक भी मुसलमान थानेदार नहीं तैनात किया गया है l  यानि कि लखनऊ के थानों में शत-प्रतिशत हिन्दू थानेदार तैनात हैं l यूपी की 38%  आबादी ओबीसी यानि कि अन्य पिछड़ा वर्ग से है लेकिन थानों में उनका प्रतिनिधित्व मात्र 11.5% तक ही सीमित है l इसी प्रकार कुल आबादी का 21% हिस्सा अनुसूचित जाति का होने पर भी इस सूबे की राजधानी में  SC थानेदारों की नुमाइंदगी मात्र 11.5% पर ही सिमट कर रह गई है l अलबत्ता कुल आबादी के 22% पर सिमटे अगड़े सूबे की राजधानी के 77% थानों पर काबिज हैं l चौंकाने वाला यह खुलासा राजधानी के फायरब्रांड आरटीआई कंसलटेंट और इंजिनियर संजय शर्मा की एक आरटीआई पर लखनऊ के अपर पुलिस अधीक्षक विधानसभा और जनसूचना अधिकारी द्वारा दिए जबाब से हुआ है l


पारदर्शिता, जबाबदेही और मानवाधिकार क्रांति के लिए एक पहल ( तहरीर ) नामक पंजीकृत संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय शर्मा को दी गई सूचना से खुलासा हुआ है कि लखनऊ के 43 थानों में से 18 में ब्राह्मण,12 में क्षत्रिय,02 में कायस्थ, 01 में वैश्य, 02 में कुर्मी,01 में मोराई, 01 में काछी, 01 में ओबीसी, 01 में धोबी,01 में जाटव,01 में खटिक और 02 में अनुसूचित जाति के थानेदार तैनात हैं l


देश के नामचीन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं में शुमार होने वाले संजय शर्मा का कहना है कि सरकारों से उम्मीद तो यह की जाती है कि वे जाति-वर्ग-धर्म से ऊपर उठकर काम करेंगी पर सूबे के पुलिस थानों में बसपा की सरकारों में अनुसूचित जाति का दबदबा कायम रहता है , सपा में यादवों का तो बीजेपी में ब्राह्मण ठाकुरों का दबदबा कायम होने की परंपरा सी कायम हो गई है जो लोकतंत्र के लिए घातक है l संजय के अनुसार सरकारों की ऐसी पक्षपाती कार्यप्रणाली की   बजह से लोकसेवकों को न चाहते हुए भी राजनैतिक निष्ठाएं नियत करनी पड़ती है और उनकी निष्पक्षता भी प्रभावित होती है जिसके चलते वे कानून व्यवस्था पर प्रभावी नियंत्रण नहीं रख पाते हैं l  संजय ने बताया कि वे अपनी संस्था ‘तहरीर’ की ओर से सीएम योगी को  पत्र लिखकर मांग करेंगे कि सरकारी पदों पर बिना किसी  भेद-भाव के समाज के सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए l 



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