Sunday, April 9, 2017

UP : योगी की ‘जीरो टॉलरेंस टु करप्शन’ की कसौटी पर कितने खरे मंत्री,अधिकारी? बताएगी संजय शर्मा की RTI



लखनऊ/ 09 अप्रैल 2017

बीजेपी नेता और सांसद योगी आदित्यनाथ ने सूबे में भ्रष्टाचार समाप्त करने के चुनावी अजेंडे को अमली जामा पहनाने के पहले कदम के तहत बीते 19 मार्च को उप्र का मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद पहला बड़ा फैसला करते हुए अपने सभी मंत्रियों से कहा था कि 15 दिन के अंदर सभी मंत्री अपनी आय और चल अचल संपत्ति का ब्योरा घोषित कर दें। 

इसके अगले ही दिन यानी कि बीते 20 मार्च को योगी ने लोकभवन में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ परिचय बैठक की थी और सभी अधिकारियों को भाजपा के चुनावी संकल्प पत्र के वादों को लागू करने की कार्य योजना जल्द से जल्द बनाने के साथ-साथ इन को भी मंत्रियों की ही भांति 15 दिन के भीतर आय और चल अचल संपत्ति का ब्यौरा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।
योगी के ये दोनों निर्णय उनकी ‘न खाऊंगा और न खाने दूंगा’ की मुहिम के रास्ते की पहली छोटी किन्तु महत्वपूर्ण मंजिल साबित हो सकते है बशर्ते योगी के सभी मंत्रियों और अधिकारीयों की मंशा भी योगी की ही तरह ‘न खाऊंगा और न खाने दूंगा’ की हो और वे इतने आज्ञाकारी भी हों कि अपनी सीएम के निर्देश को ब्रह्मवाक्य मानकर उसको अक्षरशः मानने के लिए कृतसंकल्प हों l
पर क्या योगी के मंत्री और अधिकारी वास्तव में उनके इतने आज्ञाकारी है कि वे उत्तर प्रदेश को उनके सपनों का प्रदेश बनाने के लिए उनके आदेशों को गंभीरता से लेकर उनको मान भी रहे हों ? इसी सबाल का जबाब पाने के लिए राजधानी लखनऊ के समाजसेवी और आरटीआई कार्यकर्ता इं. संजय शर्मा ने बीते 5 अप्रैल को यूपी के मुख्यमंत्री कार्यालय में एक आरटीआई दायर कर उन मंत्रियों और अधिकारियों के नाम जानने चाहे हैं जो सीएम योगी के आज्ञाकारी हैं और जिन्होंने 15 दिन के अन्दर अपनी आय और चल अचल संपत्ति का ब्यौरा उपलब्ध करा दिया है l
10 बिन्दुओं की अपनी आरटीआई में संजय ने 15 दिन के अन्दर अपनी आय और चल अचल संपत्ति का ब्यौरा देने वाले मंत्रियों,अधिकारियों की संख्या, उनके नाम और मंत्रियों,अधिकारीयों द्वारा दी गई आय और चल अचल संपत्ति के व्योरों की सत्यापित प्रतियाँ माँगी हैं l संजय ने बताया कि क्योंकि मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचना देने में कुछ दिन लगेंगे इसलिए उन्होंने उनके आरटीआई आवेदन पर सूचना देने के दिननक तक अपनी आय और चल अचल संपत्ति का ब्यौरा देने वाले मंत्रियों,अधिकारियों की संख्या, उनके नाम और मंत्रियों, अधिकारीयों द्वारा दी गई आय और चल अचल संपत्ति के व्योरों की सत्यापित प्रतियाँ भी माँगी हैं l
बकौल संजय उनकी आरटीआई पर आये जबाब से मंत्रियों और अधिकारीयों की संपत्ति और आय आधिकारिक रूप से सार्वजनिक होने के साथ यह भी सामने आएगा कि कौन कौन मंत्री और अधिकारी योगी का कहना मान रहे हैं और कौन कौन योगी के आदेश को ठेंगा दिखा रहे है।
गौरतलब है कि संपत्ति का  ब्योरा देने में आईएएस अफसरों की सुस्ती को देखते हुए नियुक्ति और कार्मिक विभाग द्वारा मुख्य सचिव को भेजे प्रस्ताव के बाद संपत्ति की जानकारी देने की सीमा समाप्ति का समय 15 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है और नौकरशाहों ने अपनी शातिराना चाल चलते हुए योगी की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की मंशा पर अंदरखाने प्रहार करते हुए संपत्ति जमा करने के फॉर्म में से संपत्ति अर्जित करने से सम्बंधित एक अहम बिंदु हटा दिया है ।

समाजसेवी संजय कहते हैं कि यदि योगी को भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य करना है तो उनको भ्रष्टाचार के आरोप लगे दागी इतिहास वाले और संपत्ति सार्वजनिक न करने वाले अधिकारियों और मंत्रियों से किनारा करना ही होगा l संजय ने योगी को पत्र लिखकर संपत्ति जमा करने के फॉर्म में से संपत्ति अर्जित करने से सम्बंधित एक अहम बिंदु को हटाये जाने पर कड़ा ऐतराज जताते हुए अधिकारियों और मंत्रियों और इनके परिवारीजनों के संपत्ति अर्जन को पूर्णतया पारदर्शी बनाने की मांग की है  ।


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