Tuesday, April 4, 2017

RTI से उजागर होगी UP CM योगी के पालतू जानवरों की जानकारी! - पालतू जानवरों का पंजीकरण कराने के नियम को सूबे में सख्ती से लागू कराने की मंशा से समाजसेवी संजय शर्मा ने दायर की है आरटीआई l



लखनऊ/04-04-2017
उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही सूबे का मीडिया योगी आदित्यनाथ के जीवन के प्रत्येक पहलू की जांच-पड़ताल कर उसे जनता के सामने रखने की भरपूर कोशिश कर रहा है l योगी तो योगी उनसे जुडी हर चीज आज मीडिया में सुर्खियाँ बटोर रही है फिर चाहे वह योगी द्वारा लिए गये नए प्रशासनिक निर्णय हों, सीएम आवास का कायाकल्प हो या योगी की दिनचर्या l इसी बीच राजधानी लखनऊ के समाजसेवी और मानवाधिकार कार्यकर्ता संजय शर्मा ने सूबे के मुख्यमंत्री कार्यालय के जनसूचना अधिकारी शिवपरसन को एक आरटीआई आवेदन भेजकर मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री योगी के साथ प्रवेश पाए योगी के पालतू जानवरों की सूचना मांग ली है l

समाजसेवी संजय बताते हैं कि नगर निगम की सीमा में रिहायश करने वाले लोगों द्वारा पाले जाने वाले पालतू जानवरों का नगर निगम में रजिस्ट्रेशन करवाना कानूनन जरूरी है लेकिन न तो नगर निगम को इसकी चिंता है और न ही जानवर पालने वालों को। बकौल संजय चाहें भैंस पालें या गाय, बकरी पालें या खरगोश, बिल्ली या फिर कुत्ता, रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। संजय कहते हैं कि रजिस्ट्रेशन के बाद जानवर पालने वालों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय हो हो जाती है और इससे उन छुट्टा जानवरों पर, जो आये दिन लोगों को घायल करते रहते हैं, लगाम भी लगाईं जा सकती है । यही नहीं इससे पालतू जानवरों के मालिक को उनकी सेहत पर ध्यान देना भी कानूनी रूप से जरूरी हो जाता है ।जानवरों के पंजीकरण शुल्क से नगर निगम को अतिरिक्त आय होती है जिसका प्रयोग आम जन सुविधाओं के लिए किया जा सकता है lबकौल संजय, कानूनन हर पालतू जानवर का रजिस्ट्रेशन जरूरी है, वरना इन्हें छुट्टा जानवर की श्रेणी में मान लिया जाएगा और तब इनके पालने वालों पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

 

संजय ने अपने आरटीआई आवेदन में सीएम योगी के लखनऊ स्थित आवास में रह रहे पालतू जानवरों की कुल संख्या,पालतू जानवरों के प्रकार-वार उनकी संख्या , जानवरों के नगर निगम लखनऊ में कराये गये सभी पंजीकरणों और जानवरों को मुख्यमंत्री आवास में पालने के लिए नगर निगम लखनऊ द्वारा दिये गये लाइसेंसों  की सूचना माँगी है l

 


यह आरटीआई मांगने के उद्देश्य और इसमें निहित लोकहित के वारे में पूंछे जाने पर मानवाधिकार कार्यकर्ता संजय ने बताया कि वे इस आरटीआई के द्वारा छुट्टा जानवरों से होने वाली दुर्घटनाओं के चलते मानव जीवन को उत्पन्न खतरों और पालतू जानवरों पर उनके मालिकों द्वारा किये जा रहे अत्याचारों , जानवरों के स्वास्थ्य की सही देखभाल न करने आदि के मुद्दों को अपनी आरटीआई के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी  के संज्ञान में लाकर पालतू जानवरों का पंजीकरण कराये जाने संबंधी नियम को सूबे में सख्ती से लागू कराना चाहते हैं l  

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