यूपी की सरकार ने सूबे के वर्तमान सीएम योगी आदित्यनाथ और उनके आध्यात्मिक गुरु महंत अवैद्धनाथ समेत गोरखपुर के अब तक के सभी विजयी सांसदों के चुनावी हलफनामों को आरटीआई एक्ट के तहत सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया है।चौंकाने वाला यह खुलासा सूबे की राजधानी लखनऊ के मानवाधिकार कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा दायर की गई एक आरटीआई पर गोरखपुर के सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा दिये गए जबाब से हुआ है।
संजय ने बताया कि उन्होंने बीते मई माह में एक आरटीआई दायर कर साल 1951-52,1957,1962,1971,1977,
अधिकारी और जन सूचना अधिकारी ने बीते 19 जून को संजय को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव नियोजन के आदेश दिनांक 18 अप्रैल 2017 का हवाला देते हुए चुनावी हलफनामे आरटीआई में सार्वजनिक करने से मना कर दिया है।
एक्टिविस्ट संजय ने बताया कि हालाँकि चुनाव आयोग ने चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के चुनावी हलफनामे अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना आरंभ किया है किंतु पूर्व के वर्षों के हलफनामे वेबसाइट पर न होने के कारण ही उन्होंने यह आरटीआई लगाई थी जिस पर गलत आधार देते हुए सूचना देने से मना किया गया है जो गैरकानूनी है।संजय ने जनसूचना अधिकारी पर सीएम की चापलूसी में आरटीआई एक्ट के उल्लंघन का आरोप भी लगाया है।

 
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