Sunday, June 4, 2017

नमामि गंगे के 3 साल : वादा 12000 करोड़ का, खर्च पाए महज़ 1836.40 करोड़ ( 15.30%) - ऐसे कैसे साफ होगी गंगा? कक्षा 11 की छात्रा का मोदी अंकल से सबाल?

नमामि गंगे के 3 साल : वादा 12000 करोड़ का, खर्च पाए महज़ 1836.40 करोड़ ( 15.30%) - ऐसे कैसे साफ होगी गंगा? कक्षा 11 की छात्रा का मोदी अंकल से सबाल


3 सालों में 12000 करोड़ खर्चने की घोषणा के बाद बजट प्राविधान हुआ 5378 करोड़ का जिसमें से स्वीकृत हो पाए 3633 करोड़ जिसमें से वास्तव में खर्च हो पाए महज़ 1836.40 करोड़ रुपये।

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लखनऊ/05  मई 2017

आज विश्व पर्यावरण दिवस है यानि साल का वह दिन जब पूरा विश्व पर्यावरण संरक्षण की अपनी जिम्मेदारी को याद कर निभाने की कसम खायेगा । पर पर्यावरण संरक्षण की कसम खाने वाले वास्तव में अपनी कसम कितनी निभाएंगे , ये उनकी अपनी खुद की नैतिकता  का सवाल हो सकता है लेकिन अगर आज पर्यावरण दिवस के दिन भारत की जीवनदायिनी गंगा नदी को पुनर्जीवन देने के सम्बन्ध में समय समय पर किये गए बड़े-बड़े वादों की  बात न की  जाए तो बात कुछ अधूरी सी रहेगी । क्या आप जानते हैं कि वैज्ञानिक दृष्टि से गंगा का जल  पीने और नहाने के योग्य नहीं रह गया है और इसकी पूरी जिम्मेदारी हमारी सरकारों की है । बड़ा सबाल यह है कि  केंद्र की वर्तमान सरकार और पीएम मोदी ने गंगा की साफ सफाई पर किए गए अपने वादे पूरे किए हैं या पिछले लोक सभा चुनाव और उसके बाद की गई घोषणाएं महज जुमला बनकर रह गई हैं और यही एक कारण है की गंगा मैया आज भी मैली की मैली ही हैं।  अब राजधानी लखनऊ के सिटी मोंटेसरी स्कूल की राजाजीपुरम शाखा   की कक्षा 11 की 15 वर्षीय छात्रा और देश में 'आरटीआई गर्ल' के नाम से प्रसिद्ध ऐश्वर्या पाराशर द्वारा लगाई गई एक आरटीआई के जवाब से जो चौकाने वाला खुलासा हुआ है उसने केंद्र की बीजेपी सरकार और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गंगा साफ सफाई पर किए गए बड़े-बड़े वादों की हवा निकाल दी है।

दरअसल ऐश्वर्या ने बीते अप्रैल माह की 15 तारीख को भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय में एक आरटीआई दायर कर साल 2014 से 2017 तक के समय में नमामि गंगे योजना पर किए गए खर्चे और गंगा सफाई योजनाओं के संबंध में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठकों की जानकारी मांगी थी।

 प्रधानमंत्री कार्यालय के अवर सचिव एवं केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी प्रवीण कुमार ने ऐश्वर्या का आरटीआई आवेदन बीते 12 मई को भारत सरकार के जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय को ट्रांसफर कर दिया था। इस मंत्रालय के अवर सचिव के. के. सपरा ने बीते मई की 29 तारीख को ऐश्वर्या को एक पत्र भेजकर इस संबंध में सूचना दी है।

 सपरा ने ऐश्वर्या को बताया है कि वित्तीय वर्ष 2014 -15 में गंगा साफ सफाई के लिए 2053 करोड़ों रुपयों का बजट प्रावधान किया गया जिसमें से महज 326 करोड़ रुपए रिलीज किए गए और केवल 170 करोड़ 99 लाख रुपये ही खर्च हो पाए।इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2015 -16 में गंगा साफ सफाई के लिए 1650 करोड़ों रुपयों का बजट प्रावधान किया गया जिसमें से 1632 करोड़ रुपए रिलीज किए गए और केवल 602 करोड़ 60 लाख रुपये ही खर्च हो पाए और वित्तीय वर्ष 2016 -17 में 1675 करोड़ रुपयों का बजट प्राविधान कर निर्गत किए गए लेकिन केवल 1062 करोड़ 81 लाख रुपए ही खर्च किए जा सके हैं। जीव विज्ञान की छात्रा ऐश्वर्या कहती हैं कि गंगा साफ सफाई के लिए पिछले 3 सालों में 12000 करोड़ रुपयों का बजट देने की बात कही जाती है उसमें से 5378 करोड़ ही बजट में दिए जाते हैं से उसमें 3633 करोड़ रुपए खर्चने के लिए निकाले जाते हैं जिसमें से केवल 1836 करोड़ 40 लाख रुपए ही वास्तव में खर्चे जाते हैं। बकौल ऐश्वर्या गंगा साफ सफाई पर खर्च की गई यह धनराशि खर्चे के लिए निकाली गई धनराशि की 50% है यानी कि खर्चे के लिए जितना धन वास्तव में निकाला गया उसमें से भी आधा खर्च नहीं हो पाया है। विज्ञान की छात्रा ऐश्वर्या अपनी गणनाओं के आधार पर बताती हैं गंगा सफाई पर खर्ची गई यह धनराशि बजट में निर्धारित 5378 करोड़ की धनराशि की महज 34% ही है।


राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की वेबसाइट के हवाले से ऐश्वर्या बताती हैं कि नमामि गंगे कार्यक्रम की शुरुआत जून 2014 में हुई थी और उस समय गंगा सफाई के इस कार्यक्रम को 5 वर्षों में 20000 करोड़ का बजट देने की बात कही गई थी। इस आधार पर 3 वर्षों का निर्धारित बजट 12000 करोड रुपए मानते हुए हैं अब तक हुए 1836.40 करोड़ के खर्चे को ऐश्वर्या ने निर्धारित बजट का 15.30% होने के आधार पर नाकाफी बताया है।

ऐश्वर्या को बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में गंगा सफाई के लिए 2550 करोड़ का बजट रखा गया है जिसमें बिना पैसा रिलीज हुए ही अब तक 25 करोड़ 71 लाख रुपये खर्चे जा चुके हैं।

गंगा साफ सफाई की मीटिंग के संबंध में मांगी गई सूचना पर सपरा ने ऐश्वर्या को भारत सरकार की वेबसाइट देखने की बात कही जिसके आधार पर ऐश्वर्या ने बताया कि राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की अब तक छह मीटिंग हो चुकी हैं जिनमें से तीन की अध्यक्षता पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की है एक की अध्यक्षता वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है और दो की अध्यक्षता जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने की है।


जीव विज्ञान और बायोटेक्नोलॉजी में विशेष रूचि रखने वाली इस जागरुक छात्रा ने कहा कि यदि गंगा जिंदा है तो भारत जिंदा है और यदि गंगा जिंदा नहीं रहेगी तो भारत के अस्तित्व पर भी संकट आ जाएगा। आरटीआई जवाब से दुखी ऐश्वर्या ने बताया कि वह जल्द ही अपने मोदी अंकल को पत्र लिख उन से अनुरोध करेंगी कि वह अपने वादे के अनुसार नमामि गंगे कार्यक्रम के लिए निर्धारित 20,000 करोड़ रुपए में से बचे पैसे बाकी बचे 2 वर्षों में खर्चने की व्यवस्था करें और गंगा में गिरने वाले सीवरों के ट्रीटमेंट प्लांट के प्रबंधन और औद्योगिक कचरा रोकथाम प्रबंधन की दिशा में कड़े कदम उठाएं ताकि वे गंगा से किये अपने वादे निभाकर ऐश्वर्या जैसे देश के करोड़ों बच्चों को एक बेहतर भविष्य दे सकें।

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