Monday, February 23, 2015

Lucknow based NGO TAHRIR demands SIT investigation in Corporate espionage in GOI ministries

गोपनीय दस्तावेजों की चोरी द्वारा 'मंत्रालयों की जासूसी' और 'राष्ट्रीय सुरक्षा में सेंध' के मामलों की एसआईटी जाँच की माँग :सामाजिक संगठन 'तहरीर' ने भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को पत्र लिखकर की है एसआईटी जाँच की माँग

हालिया जासूसी मामले में बरामद दस्तावेज ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा’’ से भी जुड़े हैं. मतलब साफ है राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ भी समझौता किया गया है. इनमें मुकेश अंबानी की कंपनी आरआईएल, रुइया मित्तल की कंपनी एस्सार, केयर्न्स इंडिया, अनिल अंबानी की कंपनी एडीएजी और जुबीलैंट एनर्जी जैसी दिग्गज कंपनियों के अधिकारी चुराये गये दस्तावेज मंत्रालयों से प्राप्त करते थे जो उनके कार्यालय परिसरों पर छापे के दौरान बरामद किये गये हैं. गोपनीय दस्तावेजों की चोरी का यह मामला पेट्रोलियम मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय , वित्त मंत्रालय, कोयला मंत्रालय और बिजली मंत्रालय तक फैला है.

मामले में दो ऊर्जा सलाहकारों शांतनु सैकिया और प्रयास जैन को भी गिरफ्तार किया गया है. शांतनु पूर्व पत्रकार हैं जिन्होने दावा किया है कि यह 10 हजार करोड़ से भी ज़्यादा का बहुत बड़ा घोटाला है और यह भी कि उनको फंसाया जा रहा है. खुफिया विभाग ने इस मामले में कई अधिकारियों के शामिल होने की रिपोर्ट दी है और गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी जानते हैं कि ये काम लंबे समय से हो रहा है पर सितंबर में आईबी द्वारा रिपोर्ट देने से अभी तक कोई भी बड़ा सरकारी अधिकारी गिरफ्त में नही आया है हालाँकि ज्वाइंट सेक्रेटरी लेवल के अधिकारी भी शक के घेरे में हैं.
जब यह स्पष्ट हो चुका है कि जासूसी का कि ये खेल 10-12 साल से चल रहा है तो यह भी साफ है कि अब तक दस्तावेजों के लीक होने से सरकारी खजाने को अकूत धनराशि का का चूना लग चुका होगा जिसमें अनेकों आईएएस अधिकारियों और मंत्रियों की संलिप्तता रही होगी. वैसे भी भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा में सेंध के इस मामले में इन मंत्रालयों में संबंधित अवधि में तैनात आईएएस अधिकारी और मंत्री अपनी स्पष्ट जबाबदेही से बच नहीं सकते हैं और इनको भी दंडित किया जाना आवश्यक है.

हमारा मानना है कि यह कोई सामान्य केस नहीं है और दिल्ली पुलिस द्वारा इस खेल में बड़ी मछलिय़ों के नाम जानकर उजागर करना और इस समंदर के दायरे का सच सामने ला पाना लगभग असंभव है अतः इस खेल के खिलाड़ियों की पूरी लिस्ट संसार के सामने लाकर उनको दंडित कराने के लिए हमारे संगठन 'तहरीर' ने भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को पत्र लिखकर ‘एसआईटी’ जाँच की माँग की है.

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