Sanjay Sharma<tahririndia@gmail.com> | Tue, Feb 10, 2015 at 9:11 AM |
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Letter No. : TAHRIR/2014-15/150210/06
Date : 10-02-2015 सेवा में, 1- श्री प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति - भारत सरकार नई दिल्ली , भारत 2- श्री राजनाथ सिंह गृहमंत्री - भारत सरकार through Home Secretary नई दिल्ली , भारत 3- श्री राम नाइक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001 4- श्री अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001 5- अध्यक्ष - राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, मानव अधिकार भवन, ब्लॉक-सी, जी.पी.ओ. कम्प्लेक्स आई.एन.ए., नई दिल्ली - 110023 6- श्री अलोक रंजन उत्तर प्रदेश के मुख्यसचिव लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001 विषय : गौरी हत्याकांड में पुलिस खुलासे से असंतुष्ट सामाजिक संगठन 'तहरीर' की सीबीआई जाँच की माँग महोदय, तहरीर (पारदर्शिता, जवाबदेही और मानवाधिकार क्रांति के लिए पहल ) भारत में लोक जीवन में पारदर्शिता संवर्धन, जबाबदेही निर्धारण और आमजन के मानवाधिकारों के संरक्षण के हितार्थ जमीनी स्तर पर कार्यशील संस्था है l गौरी हत्याकांड में पुलिस की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट लखनऊ स्थित सामाजिक संगठन तहरीर ने 07-02-15 को 'गौरी हत्याकांड' की सीबीआई जाँच की माँग करने संबंधी एक माँग-पत्र भारत के गृह मंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह,यूपी के राज्यपाल,मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव, डीजीपी, महिला आयोग की अध्यक्षा और लखनऊ के जिलाधिकारी,डीआईजी और एसएसपी को भेजा था. 'तहरीर' का मानना था कि क्योंकि हर मामले में सीबीआई जाँच नही कराई जेया सकती है क्योंकि यह अव्यवहारिक है अतः जब तक पुलिस सुधार लागू कर सूबे की पुलिस को गैर-जायज़ राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त नही किया जाएगा, तब तक यूपी की क़ानून व्यवस्था नही सुधर सकती है इसीलिए लखनऊ स्थित सामाजिक संगठन तहरीर ने उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रकाश सिंह मामले में दी गयी गाइड्लाइन्स का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करते हुए यूपी में 'पुलिस सुधार' लागू कराने और 'गौरी हत्याकांड' की सीबीआई जाँच की माँग करने संबंधी एक माँग-पत्र भारत के गृह मंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह,यूपी के राज्यपाल,मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव, डीजीपी, महिला आयोग की अध्यक्षा और लखनऊ के जिलाधिकारी,डीआईजी और एसएसपी को भेजा था. राजधानी लखनऊ के बहुचर्चित गौरी हत्याकांड के खुलासे में पुलिस की बतायी थ्योरी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई पेंच नजर आ रहे हैं जिनसे पुलिस के खुलासे और पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर कई सवाल खड़े खड़े हो रहे हैं. पुलिस ने गौरी हत्याकांड के खुलासे में लाश के टुकड़े करने में लकड़ी काटने वाली आरी के इस्तेमाल की बात कही है| वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक लाश के टुकड़े करने में दो तरह के हथियारों का प्रयोग किया गया है| पोस्टमार्टम रिपोर्ट साफ कहती है कि गौरी को मोटराइज्ड हथियार से काटा गया। पर अब पुलिस कह रही है कि उसे आरी से काटा गया था . इसी के साथ पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गौरी की हत्या गला दबाकर नहीं बल्कि किसी धारदार हथियार से काटकाट मारा गया था क्योकि जिस वक़्त गौरी की गर्दन काटी गयी, उस समय गौरी ज़िंदा थी. अगर विशेषज्ञों की माने तो किसी लकड़ी काटने वाली आरी से किसी इंसान के शरीर को काटा जाएगा तो उसे तेजी से चलाना होगा, जो कि किसी अनाड़ी के दवारा इतनी सफाई से नही काटा जा सकता है| दांतेदार आरी से काटने पर त्वचा के ऊतक बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं| गौरी को जिस सफाई से काटा गया है उसे देखकर तो एक बात स्पष्ट है कि उसे किसी मोटोराइज्ड कटर से काटा गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक गौरी के गर्दन के ऊपरी हिस्से में गर्दन की तीसरी हड्डी(सी-3) को धारदार हथियार से आर-पार काटा गया.यह चोट गौरी की मौत से पहले की है क्योंकि यहां पर इकोमोसिस(मौत से पहले एकत्रित मिलने वाला रक्त) मिला है. इसका मतलब है कि जब गौरी की गर्दन को काटा गया तब तक गौरी ज़िंदा थी. दूसरी चोट में कंधे से निचे नोकदार हथियार से घाव आर-पार थे| तीसरी चोट में दायें हाथ के टॉप पर कंधे के नीचे नोकदार हथियार से घाव आर-पार और चौथी चोट में कमर की एलियक क्रस्ट से 12 सेमी. नीचे दोनों पैर सीरेटेड(नोकदार) घाव आर-पार थे|पहली चोट को छोड़कर तीनों चोटों पर इकोमोसिस नहीं मिला, यानि ये तीनों चोटें मरने के बाद की हैं. इसके अलावा जो तीन सीरेटेड घाव मिले हैं वह गौरी की स्किन पर हैं उसके नीचे के ऊतक और हड्डियों पर शार्प कट हैं. गौरी मामले में भी उसकी गर्दन को ज़िंदा रहते हुए काटा गया था, जिससे उसके गर्दन के हिस्से में खून के जमे हुए थक्के मिले थे| जोकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दिया गया है परंतु पुलिस थ्योरी इस बात को झुठला रही है क्योंकि पुलिस के मुताबिक़ आरोपी हिमांशु ने गौरी की गला दबाकर हत्या की थी बाद में उसके टुकड़े किये थे. इससे साफ है कि पुलिस कई चीजें छिपा रही है. अब सवाल यह है कि डॉक्टरों की रिपोर्ट गलत है या पुलिस की थ्योरी? और इसका पता लगाने के लिए डॉक्टरों की रिपोर्ट और पुलिस की थ्योरी, दोनों का ही परीक्षण आवश्यक है. अतः गौरी हत्याकांड में पुलिस खुलासे से असंतुष्ट सामाजिक संगठन 'तहरीर' फिर से सीबीआई जाँच की माँग को दोहरा रहा है. आपसे अनुरोध है कि मृतका को पूर्ण न्याय दिलाने के लिए प्रकरण की सीबीआई जाँच कराने का कष्ट करें. अपेक्षाओं सहित सादर प्रेषित l Sanjay Sharma سنجے شرما संजय शर्मा (संस्थापक एवं अध्यक्ष) Transparency, Accountability & Human Rights Initiative for Revolution ( TAHRIR ) 101,Narain Tower,F Block, Rajajipuram Lucknow,Uttar Pradesh-226017 Facebook : https://www.facebook.com/ Website :http://tahririndia.blogspot. E-mail : tahririndia@gmail.com Twitter Handle : @tahririndia Mobile : 9369613513 TAHRIR ( Transparency, Accountability & Human Rights initiative for revolution ) is a Bareilly/Lucknow based Social Organization, working at grass-root level by taking up & solving issues related to strengthening transparency & accountability in public life and protection of Human Rights in India. तहरीर (पारदर्शिता, जवाबदेही और मानवाधिकार क्रांति के लिए पहल ) भारत में लोक जीवन में पारदर्शिता संवर्धन, जबाबदेही निर्धारण और आमजन के मानवाधिकारों के संरक्षण के हितार्थ जमीनी स्तर पर कार्यशील संस्था है l |
Monday, February 9, 2015
गौरी हत्याकांड में पुलिस खुलासे से असंतुष्ट सामाजिक संगठन 'तहरीर' की सीबीआई जाँच की माँग
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