लखनऊ स्थित सामाजिक संगठन
तहरीर ने उच्चतम
न्यायालय द्वारा प्रकाश सिंह
मामले में दी
गयी गाइड्लाइन्स का
पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित
करते हुए यूपी
में 'पुलिस सुधार'
लागू कराने और
'गौरी हत्याकांड' की
सीबीआई जाँच की
माँग करने संबंधी एक
माँग-पत्र भारत
के गृह मंत्री
और लखनऊ के
सांसद राजनाथ सिंह,यूपी के
राज्यपाल,मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव,
डीजीपी, महिला आयोग की
अध्यक्षा और लखनऊ
के जिलाधिकारी,डीआईजी
और एस एस
पी को भेजा
है. तहरीर का
माँग-पत्र नीचे
दिए वेब-लिंक
से डाउनलोड किया
जा सकता है.
गत रविवार को विधि
की छात्रा गौरी
श्रीवास्तव की नृंशस
हत्या और इसके
बाद मुख्यमंत्री अखिलेश
यादव की सक्रियता
के बाद भी
पुलिस का खाली
हाथ होना उत्तर प्रदेश का
पुलिस विभाग की
लचर कार्यप्रणाली को
उजागर करने के
लिए काफ़ी है.
पीजीआइ इलाके में बेरहमी
से टुकड़ों-टुकड़ों
में काटी गयी
विधि छात्रा गौरी
श्रीवास्तव के हत्यारों
की गिरफ्तारी को
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ)
की पांच टीमों
को मामले
की जांच में
लगा देने के
बाद भी परिणाम
शून्य ही है.
पुलिस की संवेदनहीनता
और नाकामी लेकर
लखनऊ पुलिस की
खूब किरकिरी हो
रही है पर
सीएम अखिलेश यादव
द्वारा डीएम
और एसएसपी को
तलब कर नाराजगी
जताने और शासन
व पुलिस उच्चाधिकारियोंको
अविलंब राजफाश के निर्देश
दिए। जाने के
बाद भी कोई
परिणाम सामने न आना
पुलिस की कार्यप्रणाली
पर संदेह पैदा
कर रहा है.
'तहरीर' का मानना
है कि हम
हर मामले में
सीबीआई जाँच नही
करा सकते क्योंकि
यह अव्यवहारिक है
अतः जब तक
पुलिस सुधार लागू
कर सूबे की
पुलिस को गैर-जायज़ राजनैतिक नियंत्रण
से मुक्त नही
किया जाएगा, तब
तक यूपी की
क़ानून व्यवस्था नही सुधर
सकती है इसीलिए
लखनऊ स्थित सामाजिक
संगठन तहरीर ने
उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रकाश
सिंह मामले में
दी गयी गाइड्लाइन्स
का पूर्ण अनुपालन
सुनिश्चित करते हुए
यूपी में 'पुलिस
सुधार' लागू कराने
और 'गौरी हत्याकांड'
की सीबीआई जाँच
की माँग करने
संबंधी एक
माँग-पत्र भारत
के गृह मंत्री
और लखनऊ के
सांसद राजनाथ सिंह,यूपी के
राज्यपाल,मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव,
डीजीपी, महिला आयोग की
अध्यक्षा और लखनऊ
के जिलाधिकारी,डीआईजी
और एस एस
पी को भेजा
है.
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