Monday, February 16, 2015

Help 'RTI Girl' Aishwarya Parashar in achieving 1 Lakh Signature target for the cause of 'Total Gomti Cleaning'

Help 'RTI Girl' Aishwarya Parashar in achieving 1 Lakh Signature target for the cause of 'Total Gomti Cleaning'
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------Thanks a lot to all of you who supported Aishwarya's social endeavor. Aishwarya has sent today's memorandum and has decided to take 1 lakh signatures and then meet the authorities concerned personally to press her demand.
We presume that Aishwarya's demands are your demands as well so help her to reach her target of 1 lakh signatures as soon as possible.
Please take a print of the demand letter, add your demands ( if you wish ) take signatures and send these to 101, Narayan Tower, F Block, Rajajipuram, Lucknow-226017, Uttar Pradesh.
Copy of Memo :
सेवा में,
1-श्री  राम नाइक
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001
2-       श्री  अखिलेश  यादव
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001
3-      श्री  अलोक रंजन
उत्तर प्रदेश के मुख्यसचिव
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत, पिन कोड -226001

विषय : 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें कराकर सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर लागू कराने की माँग.

महोदय,

मेरा नाम ऐश्वर्या पाराशर है और मैं कक्षा 8 की छात्रा हूँ. मेरे द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय में दायर एक आरटीआई पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिए गये जबाब से यह साफ हो रहा है कि चाहें केंद्र की सरकार हो या प्रदेश की सरकार, किसी ने भी गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह भी स्वीकारा है कि उनके पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी नहीं है और ये जानकारी लेने के लिए मुझे नगर विकास विभाग से संपर्क करने को कहा है.

 

हम जानते हैं कि गोमती उत्तर भारत मे बहने वाली एक नदी है. इसका उद्गम पीलीभीत जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है . माधोटान्डा पीलीभीत से लगभग 30 कि. मी. पूर्व में स्थित है. कसबे के मध्य से करीब 1 कि. मी. दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे पन्गैली फुल्हर ताल या गोमत ताल कहते हैं, वही इस नदी का स्रोत्र है . इस ताल से यह नदी मात्र एक पतली धारा की तरह बहती है. इसके उपरान्त लगभग 20 कि. मी. के सफ़र के बाद इससे एक सहायक नदी गैहाई मिलती है. लगभग 100 कि. मी. के सफ़र के पश्चात यह लखीमपुर खीरी जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां इसमें सहायक नदियाँ जैसे सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके बाद यह एक पूर्ण नदी का रूप ले लेती है.  लखनऊ, लखीमपुर खेरी, सुल्तानपुर और जौनपुर शहर गोमती के किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में स्थित 15 शहर में से सबसे प्रमुख हैं . नदी की लम्बाई उद्गम से लेकर गंगा में समावेश तक लगभग 900 कि. मी. (किलोमीटर) है. गोमती में प्रदूषण के प्रमुख स्रोत औद्योगिक कचरे और चीनी कारखानों और मद्यनिष्कर्षशालाओं से  प्रवाह और घरेलू कचरे और बस्तियों से निकले सीवेज़ और पानी  हैं. सई,कथिना,सरायन,छोहा, सुखेता आदि भी गोमती की सहायक नदियां हैं. गोमती में मिलने बाली ये नदियाँ भी प्रदूषित हैं.

 

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गयी सूचना से व्यथित होकर मैने सोचा कि जब केंद्र की सरकार और प्रदेश की सरकार ने गोमती नदी की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश के गठन से अब तक एक रुपया भी खर्च नहीं किया है और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास गोमती में कूड़ा- कचरा डालने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये गए आदेशों की जानकारी ही नहीं है तो आखिर गोमती नदी की सफाई होगी कैसे ? मेरे मन में यह सबाल भी आया कि जब आए दिन अख़बारों में गोमती सफाई की खबरें छपती रहती हैं तो आख़िर ऐसा क्यों है कि इतने प्रयासों और रुपयों के खर्चे के बाद भी स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. जब मैने इस सब को अपने अध्यापकों,मित्रों और परिवारजनों से डिसकस किया तो मुझे यह समझ में आया कि इस तरह टुकड़ों में सफाई करने से संसाधन व्यर्थ जाते रहेंगे और जब तक कि गोमती की सफाई की  एक अलग कार्य-योजना बनाकर योजना को पीलीभीत से शुरू कर बनारस तक गोमती नदी पर और इसमें मिलने बाली सभी नदियों पर क्रियान्वित नहीं किया जाएगा तब तक गोमती साफ नहीं हो पाएगी. मुझे यह भी समझ में आया कि जब तक  एक अलग विशिष्ट कार्य योजना बनाकर इस योजना के अंतर्गत धन आवंटित कर कार्य नहीं किया जाएगा तब तक स्पष्ट जबाबदेही के अभाव में कोई भी परिणाम आने से रहा.  जब ऐसा होगा तभी  सफाई का असर दिखेगा और गोमती साफ हो सकेगी. 

 

मेरे साथ साथ भारत के सजग नागरिक  आज दिनांक 15 फ़रवरी 2015 दिन रविवार को लखनऊ के हज़रतगंज मेन क्रॉसिंग / जीपीओ के पास स्थित महात्मा गाँधी पार्क में चलने बाले इस हस्ताक्षर अभियान का समर्थन करते हुए 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को आरंभ करने, योजना हेतु राज्य सरकार के बजट में अलग हेड बनाकर वित्तीय आवंटन करने, योजना के क्रियान्वयन की सफलता का आंकलन करने हेतु कम से कम 9 स्थानों पर नदी के पानी के प्रदूषण स्तर की जाँचें कराकर जाँच रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक करने और गोमती नदी में गंदगी डालने को प्रतिवन्धित करने का क़ानून बनाकर उसे कड़ाई से लागू  कराने की माँग कर रहे हैं.

 

आशा है कि गोमती नदी की पूर्ण सफाई के लिए आप हमारी माँगों को अवश्य पूरा कर प्रदेशवासियों को स्वच्छ पर्यावरण का यह अधिकार अवश्य देंगे .

 

प्रतिलिपि : 'गोमती नदी समग्र सफाई योजना' को राज्य सरकार के साथ आरंभ करने एवं  योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु केंद्र सरकार के स्तर से उत्तर प्रदेश सरकार को आवश्यक संसाधन और सहयोग  उपलब्ध कराने संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु  निम्नलिखित को प्रेषित:  

1-           श्री प्रणब मुखर्जी
राष्ट्रपति - भारत सरकार
नई दिल्ली , भारत -  110001
2-      श्री नरेंद्र मोदी
                प्रधानमंत्री-भारत सरकार
                नई दिल्ली110001
     3-      सुश्री उमा भारती
               मंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण
               भारत सरकार, नई दिल्ली - 110001 
   4-       श्री राजनाथ सिंह
      सांसद - लखनऊ एवं
      गृहमंत्री - भारत सरकार
      नई दिल्ली , भारत

अत्यधिक अपेक्षाओं सहित सादर प्रेषित -
1-      ऐश्वर्या पाराशर,101 नारायण टॉवर,F ब्लॉक ,राजाजीपुरम,लखनऊ.
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