Friday, May 15, 2015

अब अमिताभ ठाकुर के खिलाफ होगी अंचल संपत्तियां छुपाने की जांच

http://www.tahlkanews.com/News/4512344/%E0%A4%85%E0%A4%AC_%E0%A4%85%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%AD_%E0%A4%A0%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%B0_%E0%A4%95%E0%A5%87_%E0%A4%96%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AB_%E0%A4%B9%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A5%80_%E0%A4%85%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A4%B2_%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%AA%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%82_%E0%A4%9B%E0%A5%81%E0%A4%AA.html

अब अमिताभ ठाकुर के खिलाफ होगी अंचल संपत्तियां छुपाने की जांच


लखनऊ, 15 मई. भ्रष्टाचार और सिस्टम में खामी के खिलाफ करीब-करीब हर दिन नया मोर्चो खोलने वाले चर्चित आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को अखिलेश यादव की सरकार तो कोई नोटिस नहीं दे पाई लेकिन एक गंभीर शिकायत के बाद राज्यपाल ने उनकी सम्पति की जाँच के आदेश जरूर कर दिए हैं. उत्तर प्रदेश के इस आईपीएस द्वारा छुपाई गई अचल संपत्तियों के मामले में राजभवन ने सख्ती दिखाते हुए नागरिक सुरक्षा के महानिदेशक को नागरिक सुरक्षा के संयुक्त निदेशक आईजी अमिताभ ठाकुर की छुपाई गई अचल संपत्तियों की जांच के आदेश दिए हैं। राजभवन की ओर से यह आदेश एक सामाजिक संगठन द्वारा की गई शिकायत को संज्ञान में लेते हुए दिए गए हैं। 

उल्लेखनीय है कि सूचना के अधिकार एवं स्वसंज्ञान के जरिये अमिताभ ठाकुर और उनकी समाजसेवी एवं वकील पत्नी नूतन ठाकुर पिछले काफी समय से सामाजिक सरोकारों और सरकारी लापरवाहियों के साथ ही तमाम वे मुद्दे उठाते रहे हैं जिनकी बड़े स्तर पर चर्चाये हुई है. यह दम्पति विभिन्न मामलों में दर्जनों बार धरने पर बैठ चुका है और सड़क से लेकर अदालत तक सरकार को चुनौती दी चुका है. अभी दो हफ्ते पहले ही नूतन ठाकुर ने आरटीआई के जरिये प्राप्त सूचना के आधार पर उत्तर प्रदेश के तमाम आईपीएस अफसरों द्वारा अपनी चल-अचल सम्पति का ब्यौरा सरकारी अभिलेखों में दर्ज नहीं कराने का मुद्दा उठाया था. 
दरअसल, सामाजिक संगठन तहरीर का आरोप है कि 1992 बैच के आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने वर्ष 2010 में केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी अचल संपत्ति की जानकारी (इम्मूवेबिल प्रोपर्टी रिटर्न) में बताया था कि उनके और उनकी पत्नी के नाम से लखनऊ व बिहार में दस संपत्तियां थीं, जिसमें राजधानी के गोमतीनगर स्थित विरामखंड में एक एचआईजी मकान, खरगापुर में पांच प्लाट व उजरियांव में एक पांच हजार स्क्वायर फिट में मकान भी थे। 

उनके पास इसके अलावा बिहार के मुजफ्फरपुर, पटना, सीतामढ़ी में भी उनके पास मकान व कृषि भूमि थी। इन सभी संपत्तियों से उनकी वार्षिक आय दो लाख 88 हजार 390 रुपये थी गठन का कहना है कि आईपीएस ठाकुर की इन संपत्तियों को मामले ने जब तूल पकड़ा तो उन्होंने बाद के वर्षो में दाखिल किए गए अपने आईपीआर में उनके नाम केवल दो संपत्तियां ही होने का दावा किया था और अपनी पत्नी नूतन ठाकुर के नाम आठ संपत्तियों की जानकारी छुपा ले गए। 

गौरतलब है कि इससे पहले भी अचल संपत्तियां छुपाने के मामले में आईपीएस अमिताभ ठाकुर के खिलाफ डीजीपी के निर्देश पर आईजी कार्मिक ने उनकी संपत्ति की प्रारंभिक जांच की थी। जांच में उनके खिलाफ लगे आरोपों के पक्ष में कई अहम प्रमाण भी मिले थे, पर कोई अंतिम कार्यवाही नहीं हो पाई थी। इसके बाद ठाकुर दंपत्ति ने इन परिसंपत्तियों में से एक को अपने एनजीओ पीपल्स फोरम को देकर उस पर 'बलात्कार पीड़ित महिलाओं का स्मारक' बनाने की घोषणा भी की थी लेकिन अचल संपत्तियों का प्रकरण उठने के चलते संपत्ति का स्थानांतरण नहीं हो सका और अभी तक इस स्मारक का निर्माण भी नहीं कराया गया। इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए संगठन तहरीर की ओर से राज्यपाल को पत्र लिखा था, जिस पर राज्यपाल ने कार्यवाही करते हुए प्रकरण को जांच के लिए नागरिक सुरक्षा के महानिदेशक को भेज दिया है। (आईएएनएस)

No comments:

Post a Comment