नूतन ठाकुर को नागरिक सुरक्षा विभाग की 'महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 की धारा 4 के अधीन बनायी गयी समिति' के गैर सरकारी संगठन के सदस्य पद से हटाये जाने के सम्बन्ध में ।
Sanjay Sharma<tahririndia@gmail.com> | Mon, May 25, 2015 at 4:51 PM | ||||
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सेवा में,
अरविन्द कुमार जैन,उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक,उत्तर प्रदेश,लखनऊ। dgp@up.nic.in , uppcc-up@nic.in , uppcc@up.nic.in Letter No. : TAHRIR/2015-16/150522/6 Date : 25-05-2015 विषय : नूतन ठाकुर को नागरिक सुरक्षा विभाग की 'महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 की धारा 4 के अधीन बनायी गयी समिति' के गैर सरकारी संगठन के सदस्य पद से हटाये जाने के सम्बन्ध में । महोदय भिज्ञ होंगे कि बीते जनवरी माह में गाजियाबाद की एक महिला ने नूतन ठाकुर पर अपने पति आईपीएस और आपके कार्यालय में संयुक्त निदेशक नागरिक सुरक्षा के पद पर कार्यरत अमिताभ ठाकुर से इनके आवास पर जबरन रेप कराने का आरोप लगाया है। नूतन पर नौकरी का लालच देकर उस महिला को लखनऊ के गोमतीनगर स्थित अपने आवास पर बुलाने का आरोप भी है। हाल ही में गाजियाबाद की महिला ने नूतन ठाकुर और अमिताभ ठाकुर पर केस वापस लेने के लिए मोबाइल से धमकी देने का आरोप भी लगाया है जिसके सम्बन्ध में वह न्यायालय भी गयी है। नूतन ठाकुर ने भी इस नए धमकी मामले में पुलिस महानिदेशक से जांच की मांग करने की बात कही है l सामाजिक संगठन तहरीर को पता चला है कि दिनाक नवम्बर २०१४ में आई.जी. - नागरिक सुरक्षा अमिताभ ठाकुर ने कानपुर के एक यौन उत्पीडन मामले की जाँच के दौरान अकेले पीडिता के ही बयान लिए तथा घटना के चश्मदीद गवाह का बयान नहीं लिया था। अमिताभ ने प्रेस-वार्ता में पीडिता की पहचान भी उजागर की। बाद में इस मामले में जो जाँच समिति बनाई गयी थी उसमे भी इस यौन उत्पीडन आरोप के सह अभियुक्त ए.डी.सी. रवीन्द्र प्रताप की डिप्टी कन्टोलर पत्नी अनीता प्रताप को पीठासीन अधिकारी बनाया अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर को समिति सदस्य। इस से स्पष्ट है कि इस समिति का गठन किसी दुर्योजना के तहत किया गया था जिसमें नूतन ठाकुर की भूमिका भी संदिग्ध है क्योंकि कथित रूप से एक समाजसेविका और एक अधिवक्ता होते हुए भी नूतन ने इस जांच में इन विधिक और एथिकल बिन्दुओं पर अपनी कोई आपत्ति प्रगट नहीं की जबकि बिभिन्न मामलों में ये प्रायः ही नियमानुकूल और एथिकल आपत्तियां उठाती रहती हैं जो प्रायः ही समाचार पत्रों के माध्यम से हमारे सामने आते रहते हैं। यद्यपि स्वयं को समाजसेविका कहने बाली नूतन ठाकुर को उनके ऊपर रेप समेत अन्य महिला अपराधों के आरोप लगने के बाद अंतरात्मा की आवाज पर और एथिकल ग्राउंड्स पर स्वतः ही इस पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए था किन्तु क्योंकि उनके द्वारा ऐसा नहीं किया गया है अतः हमारा आपसे निवेदन है कि उपरोक्त के दृष्टिगत कृपया नूतन ठाकुर को वर्णित समिति के सदस्य पद से तत्काल हटाने की कार्यवाही करें l साथ ही साथ हमारा आपसे निवेदन है कि इस समिति को भंग कर नयी समिति गठित कर कानपुर प्रकरण जांच नए सिरे से कराना चाहें। प्रतिलिपि : आवश्यक कार्यवाही हेतु सादर ई-मेल द्वारा प्रेषित। १- राजनाथ सिंह, माननीय गृह मंत्री, भारत सरकार द्वारा गृह सचिव, भारत सरकार। hshso@nic.in २- राम नाइक, माननीय राज्यपाल,उत्तर प्रदेश,लखनऊ। hgovup@nic.in , hgovup@up.nic.in , hgovup@gov.in ३- अखिलेश यादव, माननीय मुख्यमंत्री,उत्तर प्रदेश,लखनऊ। cmup@nic.in , cmup@up.nic.in ४-अलोक रंजन, मुख्य सचिव,उत्तर प्रदेश,लखनऊ। csup@up.nic.in , csup@nic.in ५- तनूजा श्रीवास्तव - आईजी ( कार्मिक ) उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक,उत्तर प्रदेश,लखनऊ। igkarmik-up@nic.in भवदीय Sanjay Sharma سنجے شرما संजय शर्मा ( Founder & Chairman) Transparency, Accountability & Human Rights Initiative for Revolution ( TAHRIR ) 101,Narain Tower,F Block, Rajajipuram Lucknow,Uttar Pradesh-226017 https://www.facebook.com/ Website :http://tahririndia.blogspot. E-mail : tahririndia@gmail.com Twitter Handle : @tahririndia Mobile : +91 - 8081898081 TAHRIR ( Transparency, Accountability & Human Rights initiative for revolution ) is a Bareilly/Lucknow based Social Organization, working at grass-root level by taking up & solving issues related to strengthening transparency & accountability in public life and protection of Human Rights in India. तहरीर (पारदर्शिता, जवाबदेही और मानवाधिकार क्रांति के लिए पहल ) भारत में लोक जीवन में पारदर्शिता संवर्धन, जबाबदेही निर्धारण और आमजन के मानवाधिकारों के संरक्षण के हितार्थ जमीनी स्तर पर कार्यशील संस्था है l
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