Pressnote. TAHRIR. लखनऊ. 07 मई 2015 . सूबे के राज्यपाल राम नाईक
ने सामाजिक संगठन तहरीर की शिकायत पर उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के प्रमुख सचिव को
वरिष्ठ आइपीएस अमिताभ ठाकुर द्वारा अपनी सामाजिक कार्यकत्री अधिवक्ता पत्नी डा० नूतन
ठाकुर के सहयोग से ग़ाज़ियाबाद की एक महिला के साथ बलात्कार किए जाने के मामले की शीघ्र जाँच कर प्रकरण में विधिअनुसार न्यायोचित
कार्यवाही करने का निर्देश दिया है.
दरअसल बीते जनवरी में गाजियाबाद और एटा की अलग-अलग महिलाओं द्वारा राज्य
महिला आयोग की शरण में जाकर पुलिस महानिरीक्षक
(नागरिक रक्षा) अमिताभ ठाकुर द्वारा अपनी समाजसेविका पत्नी
नूतन ठाकुर की मदद से जबरन बलात्कार करने और जबरन सेक्सुअल
हेरेसमेंट करने के आरोप लगाते हुए कार्यवाही के लिए अर्जियाँ दीं गयीं थीं. राज्य महिला
आयोग ने यह मामले जाँच हेतु स्थानीय एसएसपी को भेज दिए थे. गाजियाबाद
की महिला ने आरोप लगाया था कि नूतन ने नौकरी का लालच देकर उन्हें लखनऊ के गोमतीनगर
स्थित आवस पर बुलाया. देर रात नूतन के पति अमिताभ ठाकुर ने उसके साथ रेप किया.
एटा
की लड़की का कहना था कि नूतन ठाकुर एनजीओ के नाम पर लड़की सप्लाई करती हैं और नूतन ने
उस औरत को जबरदस्ती अपने पति अमिताभ के पास तेल मालिश और दुराचार के लिए भेजा था. ये
दोनों शिकायतें 14 जनवरी 2015 ( बुधवार ) को लगातार क्रम संख्या 1501 और 1502 पर राज्य महिला आयोग में दर्ज हुईं.
उस समय इस संबंध में नूतन ठाकुर का कहना था कि
वे मामले से अनभिज्ञ थीं और उनको इस घटना की जानकारी दिनांक 17/01/2015 ( शनिवार ) की शाम को समय 19.09 पर एक अखबार से फोन आने पर
हुई जबकि सामाजिक संगठन तहरीर को विश्वष्त सूत्रों से पता चला था कि गाजियाबाद की महिला
द्वारा राज्य महिला आयोग में शिकायत करने के 02 दिन बाद 16 जनवरी 2015 (शुक्रवार) को
नूतन ठाकुर गाज़ियाबाद गयी थी हालाँकि नूतन ने इस शुक्रवार अपने गाज़ियाबाद जाने की बात को स्वयं तो कभी स्वीकारा
ही नहीं और तो और जानकारी करने पर हमेशा ही इसे नकारा था.
नूतन के इस झूंठ से यह स्पष्ट हो रहा था कि इस
मामले में ठाकुर दंपत्ति अवश्य कुछ न कुछ छुपा रही थी और इसीलिए संदेह होने पर इस मामले
में पूरा सच सामने लाने के उद्देश्य से तहरीर ने यह शिकायत दिनांक 18 जनवरी 2015 (रविवार)
को राज्यपाल को भेजी थी. http://tahririndia.blogspot.in/2015/01/seeking-high-level-enquiry-based-on.html
सामाजिक संगठन तहरीर का मानना है कि अपराध करने
के बाद कोई भी व्यक्ति अपनी उच्च पंहुच और
उच्च संबंधों के चलते तिगड़म लगाकर छूटना नहीं चाहिए और यह भी कि प्रत्येक मामले में
पूरा सच सामने आना ही चाहिए.
तहरीर के संस्थापक इंजिनियर संजय शर्मा का कहना
है कि गाजियाबाद की महिला द्वारा राज्य महिला आयोग में शिकायत करने के 02 दिन बाद
16 जनवरी 2015 (शुक्रवार) को नूतन ठाकुर द्वारा
गाज़ियाबाद जाने पर भी वहाँ जाने से मना करने से नूतन-अमिताभ द्वारा घटना का
पता लगने पर गाज़ियाबाद जाकर अपनी उच्च स्थिति और पंहुच का प्रयोग कर पीड़ित महिला
को साम-दाम-दंड-भेद द्वारा शांत कर देने की आशंका भी जन्म ले रही है और अखवारों की
खबरों के आधार पर उच्च न्यायालय में पीआईएल कर 'सूनामी' का खिताव पाने बाली अधिवक्ता
नूतन ठाकुर और अमिताभ ठाकुर का अपनी प्रतिष्ठा से जुड़ी इस लड़ाई में तीन महीने बाद
भी उच्च न्यायालय जाने जैसा कोई ठोस कदम उठाने के स्थान पर महज कुछ प्रत्यावेदन देकर
मामले की लीपापोती मात्र काराने के उद्देश्य से शांत हो कर बैठने से यह आशंका और भी बलवती हो रही
है.
संजय ने बताया कि यही कारण हैं जिनकी बजह से
उनका संगठन अब नूतन ठाकुर के 16 जनवरी 2015 (शुक्रवार) को गाज़ियाबाद में होने के प्रमाण
प्रमुख सचिव गृह को देकर नूतन और अमिताभ का नार्को टेस्ट कराते हुए इस हाइ प्रोफाइल
मामले का पूरा सच सामने लाने के लिए जाँच का अनुरोध करेगा.
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