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Release : 27/07/15 आरटीआई एक्टिविस्ट संजय
शर्मा ने लोकायुक्त
को सौंपे यूपी
के निलंबित आईपीएस
अमिताभ ठाकुर परिवाद में
अमिताभ के परिवार
की छुपी सम्पत्तियों,
धोखाधड़ी और अमिताभ
द्वारा अधीनस्थ महिला कार्मिक
की जासूसी कराने
के साक्ष्य
लखनऊ स्थित सामाजिक संगठन
'तहरीर' के मुखिया
और आरटीआई
एक्टिविस्ट संजय शर्मा
ने आज लोकायुक्त
को यूपी
के निलंबित आईपीएस
अमिताभ ठाकुर के विरुद्ध
बीते 21 जुलाई को दायर
परिवाद में अमिताभ
ठाकुर के परिवार
की छुपी सम्पत्तियों,
अमिताभ की पत्नी
नूतन ठाकुर द्वारा
एक सोसाइटी के
सचिव के साथ
धोखाधड़ी कर गरीबों
की जमीन हड़पने
और अमिताभ द्वारा
अपनी अधीनस्थ महिला
कार्मिकों की जासूसी
कराने के साक्ष्य
सौंपकर इनको जांच
में सम्मिलित करने
का अनुरोध किया
है।
संजय की शिकायत
के अनुसार माधव
दत्त द्विवेदी , अपर
जिला सहकारी अधिकारी,
तहसील - बी. के. टी.,
जनपदीय कार्यालय , लखनऊ की
एक जांच आख्या
दिनांक 22 -12-2008 के अनुसार
अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर
ने ममता सहकारी
गृह निर्माण समिति
लिमिटेड लखनऊ के
तत्कालीन सचिव के
साथ मिलकर दर्जनों
व्यक्तिओं के साथ
धोखाधड़ी करके खरगापुर
, लखनऊ में 27200 वर्गफुट आवासीय
प्लाट खरीदे। इसी जांच
आख्या के अनुसार
अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर
ने नियमों को
धता - बताकर कुल 40000 वर्गफुट जमीन
ममता सहकारी गृह
निर्माण समिति लिमिटेड से
खरीदी है किन्तु
इस अतिरिक्त भूमि
का विवरण आज
तक सरकार से
छुपाया है। संजय
ने जांच आख्या के
7 पेजों की छायाप्रति
लोकायुक्त को दी
है ।
संजय ने यह
भी कहा है
कि अमिताभ ठाकुर
ने अपनी काली
कमाई खपाने के
लिए अपने परिवार
, सगे-सम्बन्धियों और
मित्रों के नामों
से रीयल एस्टेट
में भारी-भरकम निवेश
किया है। मूल
अभिकथन में दी
गयी 11 सम्पत्तियों के अतिरिक्त
अमिताभ ठाकुर की माताजी
श्रीमती माधुरीबाला पत्नी श्री
तपेश्वर नारायण ठाकुर के
नाम से गाटा
संख्या 816स ग्राम
भैंसवारा लखनऊ में
4000 वर्गफुट और गाटा
संख्या 536 ग्राम खरगापुर लखनऊ
में 28000 वर्गफुट
के आवासीय प्लॉट खरीदे गए
हैं। संजय ने
बताया उन्होंने अमिताभ
ठाकुर की माताजी
की 2 और पत्नी
श्रीमती नूतन ठाकुर
की 3 सम्पत्तियों के
विवरण भी लोकायुक्त
को दिए हैं
।
लोकायुक्त को साक्ष्य
सौंपते हुए
है कि
अमिताभ ठाकुर ने लोकसेवक की हैसियत
से अपने उच्च
पद का दुरुपयोग
अपने विभाग की
कनिष्ठ महिला कार्मिक को
अनुचित अपहानि पंहुचाने के
लिए किया है। अमिताभ
ठाकुर ने लैंगिक उत्पीड़न की
पीड़िता का फोटो
समाचार पत्र में
छपवाया और इसी
महिला का फ़ोन
अपने अधीनस्थ पुरुष
कार्मिक से टेप
कराया जो अपने
विभाग की कनिष्ठ
महिला कार्मिक को
अनुचित अपहानि पंहुचाने के
दुरुद्देश्य से पद
के दुरुपयोग का
मामला है जिसके लिए इनको
दण्डित किया जाना
जरूरी है।
अपने 25 बिन्दुओं बाले 100 पेज
के पत्र में
संजय ने हिन्दू
अविभाज्य परिवार, आयकर एक्ट,
लोकपाल अधिनियम समेत तमाम
नियमों का हवाला
देते हुए कहा
है कि अमिताभ
ठाकुर का यह
कथन कि उनको
अपनी पत्नी नूतन
ठाकुर की सम्पत्तिओं
से कोई मतलब
नहीं है, महज
अपने भ्रष्टाचार को
छुपाने का प्रयास
है और मेरी
शिकायत के इस
यह इस मामले
में लागू नहीं
होता है।
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