Letter No. : TAHRIR/2015-16/150713-1
Date
: 13-07-2015
सेवा में,
वरिष्ठ पुलिस
अधीक्षक
जनपद लखनऊ ,
उत्तर प्रदेश।
विषय : यूपी
आईपीएस श्री अमिताभ ठाकुर तथा उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के विरुद्ध नौकरी दिलाने का झांसा देकर बलात्कार करने के पंजीकृत
मुकद्दमे की वादिनी द्वारा राज्य महिला आयोग
में शिकायत देने के 02 दिन बाद अभियुक्त नूतन के 16 जनवरी 2015 (शुक्रवार) को गाज़ियाबाद जाने
के प्रमाण, अमिताभ ठाकुर द्वारा अपने एक फेसबुक स्टेटस में एक महिला के साथ बदसलूकी
की स्वीकारोक्ति करने के बाद स्टेटस हटा देने और नूतन की लोगों द्वारा उसके पास नौकरी के लिए पैसे लेकर आने
की अधोहस्ताक्षरी के सम्मुख की गयी स्वीकारोक्ति के तथ्यों को मुकद्दमे की विवेचना
में सम्मिलित करने के सम्बन्ध में ।
महोदय,
बीते जनवरी माह
में गाजियाबाद की एक महिला ने आईपीएस श्री अमिताभ ठाकुर पर इनकी पत्नी श्रीमती नूतन ठाकुर
के सहयोग से अपने आवास पर जबरन रेप करने का आरोप लगाया था । इनकी पत्नी नूतन पर नौकरी का लालच देकर उस महिला को लखनऊ के गोमतीनगर स्थित अपने आवास पर बुलाने का
आरोप था । बाद में गाजियाबाद की इस महिला ने अमिताभ ठाकुर पर केस वापस लेने के लिए मोबाइल से
धमकी देने का आरोप भी लगाया था जिसके सम्बन्ध
में पीड़िता न्यायालय भी गयी थी । हमें समाचार
पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि लखनऊ के थाना गोमतीनगर में अमिताभ ठाकुर के विरुद्ध महिला को नौकरी दिलाने का झांसा देकर बलात्कार करने
का मुकद्दमा पंजीकृत हो चुका है ।
अमिताभ ने नवम्बर
2014 में कानपुर के एक यौन उत्पीडन मामले की जाँच में अनेकों अनियमितताओं के बीच पीड़िता को ही
दोषी ठहरा दिया था। नवम्बर 2014 में आई.जी. - नागरिक सुरक्षा अमिताभ ठाकुर ने कानपुर
के एक यौन उत्पीडन मामले की जाँच के दौरान
पीडिता के बयान अकेले में लिए थे तथा
घटना के चश्मदीद गवाह का बयान नहीं लिया था।
अमिताभ ने प्रेस-वार्ता में पीडिता की
पहचान भी उजागर की थी । बाद में इस
मामले में जो जाँच समिति बनाई गयी थी उसमे भी इस यौन उत्पीडन आरोप के सह अभियुक्त ए.डी.सी. रवीन्द्र प्रताप की
डिप्टी कन्टोलर पत्नी श्रीमति अनीता प्रताप को पीठासीन अधिकारी बनाया और अमिताभ
ठाकुर की पत्नी श्रीमति
नूतन ठाकुर को समिति सदस्य। इस से स्पष्ट
है कि इस समिति का गठन किसी दुर्योजना के तहत किया गया था जिसमें नूतन ठाकुर की भूमिका
भी संदिग्ध थी क्योंकि कथित रूप से एक समाजसेविका
और एक अधिवक्ता होते हुए भी नूतन ने इस जांच में इन विधिक और एथिकल बिन्दुओं पर अपनी कोई आपत्ति प्रगट नहीं की जबकि बिभिन्न मामलों में ये प्रायः ही नियमानुकूल और
एथिकल आपत्तियां उठाती रहती हैं जो प्रायः ही समाचार पत्रों के माध्यम से हमारे सामने
आते रहते हैं। इस सम्बन्ध में हमने बीते 25 मई को नागरिक सुरक्षा के महानिदेशक को शिकायत भेजी थी जिसकी छायाप्रति आपके सुलभ सन्दर्भ
हेतु संलग्न है ।
श्री अमिताभ
ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर इस पंजीकृत मुकद्दमे की वादिनी द्वारा राज्य महिला आयोग में शिकायत देने के 02 दिन बाद 16 जनवरी 2015 (शुक्रवार) को गाज़ियाबाद
गयीं थीं जबकि इस संबंध में नूतन ठाकुर का
कहना था कि वे उस समय इस मामले से अनभिज्ञ थीं और उनको इस घटना की जानकारी दिनांक
17/01/2015 ( शनिवार ) की शाम को समय 19.09 पर एक अखबार से फोन आने पर हुई जबकि मुझे
विश्वष्त सूत्रों से पता चला था कि गाजियाबाद की महिला द्वारा राज्य महिला आयोग में
शिकायत करने के 02 दिन बाद 16 जनवरी 2015 (शुक्रवार) को नूतन ठाकुर गाज़ियाबाद गयी
थी हालाँकि नूतन ने 16 जनवरी 2015 (शुक्रवार) को अपने गाज़ियाबाद जाने की बात को स्वयं
तो कभी स्वीकारा ही नहीं था और मेरे द्वारा व्यक्तिगत रूप से सच्चाई जानने पर हमेशा ही इसे नकारा था. नूतन के इस झूंठ से यह
स्पष्ट हो रहा था कि इस मामले में ठाकुर दंपत्ति अवश्य कुछ न कुछ छुपा रही थी और इसीलिए
संदेह होने पर इस मामले में पूरा सच सामने लाने के उद्देश्य से मैंने इस सम्बन्ध में शिकायत
राज्यपाल को भेजी थी जिसे राज्यपाल द्वारा बीते 10 मार्च को यूपी के गृह विभाग के प्रमुख सचिव
को भेज दिया गया था l
बाद में बीते
18 मई को मैंने नूतन ठाकुर के 16 जनवरी 2015 (शुक्रवार) को गाज़ियाबाद में होने के
प्रमाण (श्रीमति नूतन ठाकुर के फेसबुक प्रोफाइल के स्क्रीनशॉट् की प्रति ) प्राप्त होने पर मैंने
इसे राज्यपाल को देकर जाँच का अनुरोध किया था जिसकी छायाप्रति
आपके सुलभ सन्दर्भ हेतु संलग्न है ।
आपको अवगत कराना
है कि अमिताभ ठाकुर द्वारा अपने एक फेसबुक स्टेटस में एक महिला के साथ बदसलूकी की स्वीकारोक्ति
करने के बाद अपने प्रोफाइल को पेज में बदलकर स्टेटस हटा लिया गया।
इसके अतिरिक्त
नूतन ठाकुर ने दिनांक 7 जनवरी 2015 को हज़रतगंज गांधी प्रतिमा पर एक धरने के दौरान अधोहस्ताक्षरी
के सम्मुख यह स्वीकारोक्ति की थी कि काफी लोग
उनके पास नौकरी के लिए पैसे लेकर आते हैं।
एक जिम्मेदार
नागरिक होने के नाते मैं उपरोक्त तथ्यों को
आपके सम्मुख इस आशय से रख रहा हूँ कि मेरे
इस पत्र को मुकद्दमे की विवेचना में सम्मिलित करने की नियमसंगत कार्यवाही कराने
कृपा करें ।
सादर।
भवदीय
Sanjay
Sharma سنجے شرما संजय शर्मा
(संस्थापक एवं अध्यक्ष)
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