भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूरे देश में 906 पद खाली पड़े हैं, जिनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश
में हैं, जहां 129 पद रिक्त हैं। पूरे देश
में आईपीएस अधिकारियों के 4,754 पद हैं। फिलहाल
3848 अधिकारी ही सेवा में है, लिहाजा वरिष्ठ
पुलिस अधिकारियों के 906 पद खाली पड़े हैं।
मैंने बीते 17 मई को भारत सरकार के गृह मंत्रालय में एक आरटीआई
अर्जी दी थी जिसके जबाब में गृह मंत्रालय के उप सचिव ( पुलिस ) एवं जन सूचना अधिकारी
जी० सी० यादव ने बीते 01 जुलाई को पत्र भेजकर मुझे बताया है कि आईपीएस अधिकारियों के
सबसे ज्यादा 129 पद उत्तर प्रदेश कैडर में
खाली हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल कैडर है, जहां पर 98 पद खाली हैं। उत्तर प्रदेश में आईपीएस अधिकारियों
के 517 और पश्चिम बंगाल में 347 सृजित पद हैं। ओडिशा कैडर में 79 , महाराष्ट्र कैडर में
62 और कर्नाटक कैडर में 59 आईपीएस अधिकारियों के पद रिक्त हैं।तेलंगाना राज्य
बन जाने के बाद आंध्र प्रदेश में आईपीएस अधिकारियों के 144 पद रह गए हैं जिनमें से
26 पद खाली पड़े हैं तो वहीं नवगठित राज्य
तेलंगाना के 112 पदों में से 21 पद खाली हैं । आरटीआई जबाब के अनुसार देश के सभी 26
कैडरों में आईपीएस के पद खाली हैं और किसी भी कैडर में शत-प्रतिशत पद भरे हुए
नहीं हैं ।
यदि हम आईपीएस के खाली पड़े पदों को कुल सृजित पदों के सापेक्ष
देखें तो देश में इस संवर्ग के कुल 19% पद खाली हैं। कैडर के हिसाब से सबसे अधिक 42% पद उड़ीसा कैडर में खाली हैं। उसके बाद नागालैंड में 37%,जम्मू और काश्मीर में
33%,मणिपुर में 32%,कर्नाटक में 29%,पश्चिम बंगाल में 28% और उत्तर प्रदेश में 25%
पद खाली हैं। सबसे कम 13% पद राजस्थान और सिक्किम कैडर में खाली हैं।
आईपीएस
अधिकारियों की सीधी भर्ती की इन्टेक पहले 88 थी जिसे वर्ष 2005 में बढ़ाकर 103, 2008 में 130 और 2009 में 150 किया गया था।
साल 2013 में 145 आईपीएस अधिकारियों को सेवा में लिया गया था तो वहीं साल 2014 में चयनित 145 आईपीएस प्रशिक्षु अभी प्रोबेशनरी अवधि में हैं।
आईपीएस अधिकारियों की भर्ती करने के अलावा सरकार ने 'सीमित प्रतियोगिता परीक्षा' का वैकल्पिक तरीका भी अपनाया है पर सरकार अब तक तो
आईपीएस के सभी संवर्गों में पद भरने में असफल ही रही है।
गौरतलब
है कि जून 2014 में वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी आईपीएस स्तर पर रिक्त पदों और वरिष्ठ स्तर पर अधिकारियों के प्रमोशन में हो रही देरी पर चिंता जताते हुए अपने विभाग के अधिकारियों को इस मसले पर तुरंत एक विस्तृत योजना तैयार करने के निर्देश दिए थे पर मुझे लगता है इन निर्देशों का भी कोई असर नहीं हुआ है और ये गृहमंत्री के ये निर्देश कहीं फाइलों में दफन होकर रह गए हैं ।
मेरा मानना है कि इस प्रकार देश के सर्वोच्च पुलिस संबर्ग के 19% पद खाली रहने से पुलिस बल हतोत्साहित होता है, कानून व्यवस्था प्रतिकूल प्रभावित होती है और जबाबदेही निर्धारण न हो पाने के कारण व्यवस्था में भ्रष्टाचार पनपता है।
मैं इस सम्बन्ध में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और और गृहमंत्री
राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर नियमों के अनुसार
आईपीएस अधिकारियों के पदों को तत्काल
प्रमोशन से भरने और अवशेष रिक्त पदों पर एकमुश्त विशेष भर्ती करने का आग्रह कर रहा हूँ।
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