लखनऊ/बुधवार 18 नवम्बर 2015/ जीवन में पारदर्शिता और जबाबदेही के मुद्दों पर
बड़ी-बड़ी बातें करने बाली लखनऊ की अमिताभ-नूतन ठाकुर दंपत्ति पारदर्शिता और
जबाबदेही के मुद्दे पर खुद ही कटघरे में आ गयी है l अब उत्तर प्रदेश के फर्म्स,सोसाइटीज एवं चिट्स के
रजिस्ट्रार के कार्यालय में भेजी गयी एक शिकायत से खुलासा हुआ है कि इस दंपत्ति
द्वारा बनाए गए आधा दर्जन एनजीओ में से कोई भी उत्तर प्रदेश के फर्म्स,सोसाइटीज
एवं चिट्स के रजिस्ट्रार के कार्यालय में पजीकृत नहीं पाया गया है l
बताते चलें कि पारदर्शिता और जबाबदेही पर कार्य करने बाली सामाजिक संस्था ‘तहरीर’
के संस्थापक अध्यक्ष लखनऊ निवासी सामाजिक कार्यकर्ता और इंजीनियर संजय शर्मा ने ठाकुर
दंपत्ति द्वारा संचालित एनजीओ नेशनल आरटीआई फोरम,पीपुल्स फोरम,पीके-ओएमजी ट्रस्ट,इंस्टिट्यूट
फॉर डॉक्यूमेंटेशन इन सोशल साइंस और आरटीआई फंड की गतिविधियों को संदिग्ध बताते
हुए इनके माध्यम से पीआइएल ट्रेडिंग करने और काला धन सफेद करने की सम्भावना व्यक्त
करते हुए इसकी शिकायत उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त से की थी l लोकायुक्त ने संजय की इस शिकायत को सही पाते हुए शिकायत पर
अग्रिम जांच हेतु अनुशंषा राज्य सरकार को प्रेषित की थी l
बीते 07 अक्टूबर को संजय ने उत्तर प्रदेश के फर्म्स,सोसाइटीज एवं चिट्स के
रजिस्ट्रार को लोकायुक्त की रिपोर्ट प्रेषित करते हुए ठाकुर दंपत्ति द्वारा बनाए
गए इन एनजीओ की संदिग्ध गतिविधियों, इनके माध्यम से पीआइएल ट्रेडिंग करने और काला
धन सफेद करने, इनके आय के स्रोतों,बैलेंस शीट,ऑडिट रिपोर्ट व अन्य जांचे कराने का
अनुरोध किया था l
उत्तर प्रदेश के फर्म्स,सोसाइटीज एवं चिट्स के रजिस्ट्रार पी० एन० दुबे ने
बीते 19 अक्टूबर के एक पत्र के माध्यम से संजय को बताया है कि उनके कार्यालय में
उपलब्ध कंप्यूटरीकृत रिकॉर्ड में नेशनल आरटीआई फोरम,पीपुल्स फोरम,पीके-ओएमजी
ट्रस्ट,इंस्टिट्यूट फॉर डॉक्यूमेंटेशन इन सोशल साइंस और आरटीआई फंड में से कोई भी
एनजीओ पंजीकृत नहीं पायी गयी है l
इस सम्बन्ध में संजय का कहना है कि उत्तर प्रदेश के फर्म्स,सोसाइटीज एवं चिट्स
के रजिस्ट्रार पी० एन० दुबे के इस जबाब से उनके द्वारा लोकायुक्त के समक्ष ठाकुर
दंपत्ति के इन एनजीओ के माध्यम से पीआइएल ट्रेडिंग करने,काला धन सफेद करने आदि गैर-कानूनी
गतिविधियाँ संचालित कर धन का घालमेल करने संबंधी आरोप खुद-ब-खुद पुष्ट हो रहे हैं l संजय ने अमिताभ-नूतन ठाकुर दंपत्ति पर
पारदर्शिता और जबाबदेही के मुद्दों पर बड़ी-बड़ी बातें करने का ढकोसला मात्र करने का
आरोप लगाते हुए इस दंपत्ति द्वारा गैर कानूनी गतिविधियाँ संचालित करने के उद्देश्य
से आधा दर्जन एनजीओ बनाने की बात कही है और इन सभी गैर-पंजीकृत एनजीओ द्वारा
संदिग्ध गतिविधियाँ संचालित करने के मामलों की जांच हेतु सूबे के राज्यपाल,मुख्यमंत्री और मुख्य
सचिव को पत्र लिखकर जांच कराये जाने की बात कही है l
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