Wednesday, November 18, 2015

जनता के पैसों से ऐश में पीछे नहीं रही कांग्रेस भी !


जब भारत में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय की रिपोर्ट कह रही थी कि एक गरीब 17 रुपये प्रतिदिन में गुजर-बसर कर रहा था, भारत का योजना आयोग 28 रुपये रोजाना खर्च करने वाले को गरीब नहीं मान रहा था और सत्तारूढ़ पार्टी ( कांग्रेस ) के नेता दिल्ली में 12 रुपये में भरपेट भोजन मिलने के दावे कर रहे थे तब देश की सत्तारूढ़ यूपीए सरकारने अपने सालगिरह के जश्न पर प्रति आगंतुक 6871 रुपये की भारी-भरकम रकम खर्च करने से पहले एक बार भी नहीं सोचा था ।

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