Thursday, November 26, 2015

2008 में बीजेपी और आर.एस.एस. को गरियाने बाली नूतन ठाकुर आखिर अब किस मुंह से कर रहीं हैं बीजेपी की तारीफ ?



नूतन ठाकुर का जबरदस्त वैचारिक दोगलापन और मतलबपरस्ती उजागर : साल 2008 में बीजेपी और आर.एस.एस. को खुलकर गरियाने बाली नूतन ठाकुर ने अपने पति की काली कमाई का काला साम्राज्य बचाने के लिए साल 2015 में आखिर थाम ही लिया बीजेपी का दामन.


साल 2008 में नूतन ठाकुर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( आर.एस.एस. ) को  Hindu right-wing fundamentalist group कहते हुए भारतीय जनता पार्टी ( बी.जे.पी. ) को संघ के इशारों पर काम कर बाली बताते हुए जमकर गरियाया था.उडीसा के लेनिन कुमार राय गिरफ्तारी प्रकरण में नूतन ने लिखा था So, in India (and particularly in Orissa) it is a crime to write anything against the RSS or to produce an RSS letter or to comment upon it- more so if the government is supported by the BJP! यही नहीं नूतन ने तो अपने लेख में भारत में नागरिकों की आजादी पर सबाल उठाते हुए लिखा था Is this a free country we are living in? अपनी सामाजिक संस्था आई.आर.डी.एस. के प्रतिनिधि के तौर पर लिखे इस लेख में नूतन ने तब RSS को Hindu right-wing fundamentalist group भी बताया था.



साल 2008 में बीजेपी और आर.एस.एस. को खुलकर गरियाने बाली नूतन ठाकुर ने अब साल 2015 में 'बीजेपी में शामिल होने की घोषणा कर अपना वैचारिक दोगलापन जाहिर करते हुए कहा है 'बीजेपी में शामिल होने के मुख्य कारण यह हैं कि इस पार्टी में वंशवाद नहीं है. राजनीतिक दलों में इसमें सर्वाधिक आतंरिक प्रजातंत्र है. यह विभिन्न वर्गों में विभेद नहीं करता है. एक अखिल भारतीय पार्टी है और राष्ट्रीयता की भावना पर आधारित है.



तो क्या नूतन ठाकुर के इस कदम के आधार पर यह माना जाय कि इस साल 2015 में भारतीय जनता पार्टी कथित रूप से Hindu right-wing fundamentalist group कहे जाने बाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रभुत्व से आजाद हो गयी है और आर.एस.एस. भी अब Hindu right-wing fundamentalist group नहीं रहा है अर्थात सही मायनों में सेक्युलर हो गया है. यदि ऐसा है तो नरेंद्र मोदी जी और भागवत जी को इस सकारात्मक परिवर्तन के लिए कोटिशः धन्यवाद. परन्तु यदि ऐसा नहीं है तो वैचारिक दोगलेपन और मतलबपरस्ती के लिए नूतन ठाकुर की कोटिशः भर्त्सना क्योंकि नूतन के इस समय बीजेपी ज्वाइन करने का स्पष्ट कारण इनके द्वारा अपने पति की काली कमाई के काले साम्राज्य को बचाने की मतलबपरस्ती मात्र ही है. 





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