खुद ही आपदाग्रस्त है आपदा-प्रबंधन के लिए बनाया गया यूपी का नागरिक
सुरक्षा विभाग ! : नेपाल केंद्रीकृत भूकंप राहत अभियान में उत्तर प्रदेश
सरकार और नागरिक सुरक्षा निदेशालय की संवेदनहीनता आरटीआई से उजागर.
हाल ही में नेपाल केंद्रीकृत भूकंप में सैकड़ों लोगों की मौत हुई, काफी
लोग घायल भी हुए और कई इमारतें जमींदोज हो गई . भारत के उत्तर प्रदेश और
विहार भी इन भूकंपीय झटकों से प्रभावित हुए. संसार भर के संवेदनशील और
जागरूक लोगों ने,जिससे जो भी मदद बन पड़ी, की. मीडियाकर्मियों ने भी अपनी
जान की परवाह किए बिना भूकंप प्रभावितों की खबरें संसार के सामने लाकर और
राहत कार्यों में सेना और सरकार को हर संभव मदद की. नेशनल डिजास्टर
मैनेजमेंट अथॉरिटी ने नेपाल में गुमशुदा लोगों से जुड़ी जानकारी के लिए
हेल्पलाइन नंबर जारी किए तो गूगल ने भी पर्सन फाइंडर लॉन्च किया. मुसीबत
की इस घड़ी में भी उत्तर प्रदेश सरकार और नागरिक सुरक्षा निदेशालय के
आरामतलब अधिकारी आराम फरमाते रहे और आपदा प्रबंधन के एकमात्र विशेष
उद्देश्य से गठित उत्तर प्रदेश नागरिक सुरक्षा विभाग ने नेपाल
केंद्रीकृत भूकंप के राहत अभियान में संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर
दीं और माना जा सकता है कि कुछ भी नही किया.
चौंकानेबाला यह दुखद खुलासा मेरी एक आरटीआई पर उत्तर प्रदेश नागरिक
सुरक्षा निदेशालय के स्टाफ अधिकारी और जन सूचना अधिकारी सुरेंद्र सिंह
नेगी के जबाब से हुआ है. मैने बीते २२ मई को उत्तर प्रदेश नागरिक सुरक्षा
निदेशालय के जन सूचना अधिकारी को पत्र लिखकर नेपाल केंद्रीकृत भूकंप
राहत अभियान में उत्तर प्रदेश सरकार और नागरिक सुरक्षा की भूमिका से
संबंधित ८ बिंदुओं पर सूचना माँगी थी.
उत्तर प्रदेश नागरिक सुरक्षा निदेशालय के स्टाफ अधिकारी और जन सूचना
अधिकारी सुरेंद्र सिंह नेगी ने बीते ५ जून के पत्र के माध्यम से मुझे
बताया है कि नागरिक सुरक्षा नगरों को ३ पत्र भेजने के अलावा नागरिक
सुरक्षा निदेशालय ने नेपाल केंद्रीकृत भूकंप के संबंध में न तो निदेशालय
पर कोई बैठक ही आहूत की और न ही जिलेवार कोई राहत टीम ही भेजी गयी. नेगी
ने यह भी बताया है कि नागरिक सुरक्षा निदेशालय ने नेपाल केंद्रीकृत भूकंप
के संबंध में न तो कोई राहत सामग्री या राहत धनराशि भेजी है और न ही इस
हेतु कोई खरीद ही की गयी है . नेगी ने मुझे यह भी बताया है कि इस मामले
में उत्तर प्रदेश शासन के अधिकारी भी आराम फरमाते रहे और उन्होने इस
संबंध में नागरिक सुरक्षा निदेशालय से कोई भी पत्राचार तक नहीं किया है.
कहने को तो नागरिक सुरक्षा विभाग के पास नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण
संस्थान जैसा संस्थान भी है और इस विभाग का गठन ही आपदा के समय राहत
कार्यों के समुचित प्रबंधन के लिए किया गया है परंतु इस आरटीआई जबाब के
बाद लगता है कि आरामतलब और अकर्मण्य अधिकारियों की तैनाती के चलते
आपदा-प्रबंधन के लिए बनाया गया यह नागरिक सुरक्षा विभाग खुद ही
आपदाग्रस्त हो गया है जो सरकारी बजट खाने बाला सफेद हाथी मात्र बनकर रह
गया है .
मैं इस मामले में सामाजिक संगठन 'तहरीर' के माध्यम से सूबे के राज्यपाल
और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनसे गुज़ारिश करूँगा कि वे आपदाग्रस्त हो
सफेद हाथी बन चुके इस विभाग में कर्मठ और योग्य अधिकारियों की तैनाती कर
इस विभाग को आपदा-प्रबंधन में तत्पर बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाते हुए
इस मामले में निहायत ही असंवेदनशील व्यवहार करने के दोषी अधिकारियों को
कड़े से कड़ा दंड देकर यह भी सुनिश्चित करें कि सूबे का नागरिक सुरक्षा
विभाग अपने गठन के निश्चित उद्देश्यों के अनुसार ही कार्य करे.
Er. Sanjay Sharma
Mobile - 8081898081
सुरक्षा विभाग ! : नेपाल केंद्रीकृत भूकंप राहत अभियान में उत्तर प्रदेश
सरकार और नागरिक सुरक्षा निदेशालय की संवेदनहीनता आरटीआई से उजागर.
हाल ही में नेपाल केंद्रीकृत भूकंप में सैकड़ों लोगों की मौत हुई, काफी
लोग घायल भी हुए और कई इमारतें जमींदोज हो गई . भारत के उत्तर प्रदेश और
विहार भी इन भूकंपीय झटकों से प्रभावित हुए. संसार भर के संवेदनशील और
जागरूक लोगों ने,जिससे जो भी मदद बन पड़ी, की. मीडियाकर्मियों ने भी अपनी
जान की परवाह किए बिना भूकंप प्रभावितों की खबरें संसार के सामने लाकर और
राहत कार्यों में सेना और सरकार को हर संभव मदद की. नेशनल डिजास्टर
मैनेजमेंट अथॉरिटी ने नेपाल में गुमशुदा लोगों से जुड़ी जानकारी के लिए
हेल्पलाइन नंबर जारी किए तो गूगल ने भी पर्सन फाइंडर लॉन्च किया. मुसीबत
की इस घड़ी में भी उत्तर प्रदेश सरकार और नागरिक सुरक्षा निदेशालय के
आरामतलब अधिकारी आराम फरमाते रहे और आपदा प्रबंधन के एकमात्र विशेष
उद्देश्य से गठित उत्तर प्रदेश नागरिक सुरक्षा विभाग ने नेपाल
केंद्रीकृत भूकंप के राहत अभियान में संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर
दीं और माना जा सकता है कि कुछ भी नही किया.
चौंकानेबाला यह दुखद खुलासा मेरी एक आरटीआई पर उत्तर प्रदेश नागरिक
सुरक्षा निदेशालय के स्टाफ अधिकारी और जन सूचना अधिकारी सुरेंद्र सिंह
नेगी के जबाब से हुआ है. मैने बीते २२ मई को उत्तर प्रदेश नागरिक सुरक्षा
निदेशालय के जन सूचना अधिकारी को पत्र लिखकर नेपाल केंद्रीकृत भूकंप
राहत अभियान में उत्तर प्रदेश सरकार और नागरिक सुरक्षा की भूमिका से
संबंधित ८ बिंदुओं पर सूचना माँगी थी.
उत्तर प्रदेश नागरिक सुरक्षा निदेशालय के स्टाफ अधिकारी और जन सूचना
अधिकारी सुरेंद्र सिंह नेगी ने बीते ५ जून के पत्र के माध्यम से मुझे
बताया है कि नागरिक सुरक्षा नगरों को ३ पत्र भेजने के अलावा नागरिक
सुरक्षा निदेशालय ने नेपाल केंद्रीकृत भूकंप के संबंध में न तो निदेशालय
पर कोई बैठक ही आहूत की और न ही जिलेवार कोई राहत टीम ही भेजी गयी. नेगी
ने यह भी बताया है कि नागरिक सुरक्षा निदेशालय ने नेपाल केंद्रीकृत भूकंप
के संबंध में न तो कोई राहत सामग्री या राहत धनराशि भेजी है और न ही इस
हेतु कोई खरीद ही की गयी है . नेगी ने मुझे यह भी बताया है कि इस मामले
में उत्तर प्रदेश शासन के अधिकारी भी आराम फरमाते रहे और उन्होने इस
संबंध में नागरिक सुरक्षा निदेशालय से कोई भी पत्राचार तक नहीं किया है.
कहने को तो नागरिक सुरक्षा विभाग के पास नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण
संस्थान जैसा संस्थान भी है और इस विभाग का गठन ही आपदा के समय राहत
कार्यों के समुचित प्रबंधन के लिए किया गया है परंतु इस आरटीआई जबाब के
बाद लगता है कि आरामतलब और अकर्मण्य अधिकारियों की तैनाती के चलते
आपदा-प्रबंधन के लिए बनाया गया यह नागरिक सुरक्षा विभाग खुद ही
आपदाग्रस्त हो गया है जो सरकारी बजट खाने बाला सफेद हाथी मात्र बनकर रह
गया है .
मैं इस मामले में सामाजिक संगठन 'तहरीर' के माध्यम से सूबे के राज्यपाल
और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनसे गुज़ारिश करूँगा कि वे आपदाग्रस्त हो
सफेद हाथी बन चुके इस विभाग में कर्मठ और योग्य अधिकारियों की तैनाती कर
इस विभाग को आपदा-प्रबंधन में तत्पर बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाते हुए
इस मामले में निहायत ही असंवेदनशील व्यवहार करने के दोषी अधिकारियों को
कड़े से कड़ा दंड देकर यह भी सुनिश्चित करें कि सूबे का नागरिक सुरक्षा
विभाग अपने गठन के निश्चित उद्देश्यों के अनुसार ही कार्य करे.
Er. Sanjay Sharma
Mobile - 8081898081
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