Friday, June 26, 2015

मुआवजा बांटकर सपा सरकार नहीं दबा सकती इंसाफ का सवाल

मुआवजा बांटकर सपा सरकार नहीं दबा सकती इंसाफ का सवाल

आपातकाल की बरसी पर सूबे में व्याप्त जंगल राज के खिलाफ रिहाई मंच ने दिया धरना
मुआवजा बांटकर सपा सरकार नहीं दबा सकती इंसाफ का सवाल
आपातकाल की बरसी पर सूबे में व्याप्त जंगल राज के खिलाफ रिहाई मंच ने दिया धरना

http://jansattaexpress.co.in/miscellaneous/11364.html


लखनऊ 25 जून 2015। आपातकाल की बरसी पर पूरे प्रदेश में व्याप्त जंगल राज
के खिलाफ जीपीओ स्थिति गांधी प्रतिमा हजरतगंज पर रिहाई मंच ने धरना दिया।
पत्रकारों पर हमले बंद करो, जगेन्द्र के हत्यारोपी मंत्री को गिरफ्तार
करो, सिर्फ मुआवजा नहीं इंसाफ दो, दागी मंत्रियों से सजा मंत्रिमंडल
हाय-हाय, आरटीआई कार्यकर्ताओं पर हमले बंद करों, दलितों पर हमले बंद करो,
महिलओं की सुरक्षा की गारंटी करो, खनन माफिया सरकार मुर्दाबाद, किसानों
की भूमि हड़पना बंद करो आदि नारे प्रदर्शनकारी लगा रहे थे। मुख्यमंत्री
को संबोधित 17 सूत्रीय ज्ञापन से मांग की गई कि पत्रकारों, कार्यकताओं की
सुरक्षा की गांरटी की जाए, दलितों और महिलाओं की स्थिति पर विशेष सत्र
आहूत किया जाए, खनन भ्रष्टाचार की जांच के लिए हाईकोर्ट के सिटिंग जज के
नेतृत्व में एक जांच आयोग गठित किया जाए, कारपोरेट घरानों, भ्रष्ट
अधिकारियों व ट्रांसफर, पोस्टिंग में पुलिस अधिकारियों और नेताओं के
गठजोड़ पर सरकार श्वेत पत्र लाए, उर्दू, अरबी और फारसी विश्वविद्यालय में
इन तीनों भाषाओं की अनिवार्यता पुनः बहाल की जाए।

वक्ताओं ने कहा कि पूरे सूबे में अघोषित आपातकाल की स्थिति बनी हुई है।
जहां सपा सरकार के सरंक्षण में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, सरकार
मुआवजा बांटकर इंसाफ के सवाल को दबाना चाहती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री
के दागी मंत्रियों के पक्ष में खड़े होकर अपराधियों के हौसले बुलंद कर
रहे हैं। सरकार के आधे से ज्यादा मंत्री संगीन धाराओं में नामजद हैं,
जिससे पूरा सरकारी अमला जनता के सेवक के बजाए आपराधिक और भ्रष्ट गिरोह
में तब्दील हो चुका है। जिसका उदाहरण एनआरएचएम घोटाले के आरोपी नवनीत
सहगल को सपा सरकार द्वार जेल भेजने के बजाए प्रमुख सचिव सूचना बना दिया
जाना है। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रदेश में दलितों का उत्पीड़न कर रहे
लोगों को सरकार संरक्षण देकर जातीय ध्रुवीकरण कराने की गंदी राजनीति कर
रही है। 100 और 1090 जैसे हेल्पलाईन से सुरक्षा देने की गारंटी करने वाली
पुलिस खुद महिलाओं के उत्पीड़न में संलिप्त है। वहीं किसान बेमौसम और
प्रदेश सरकार की बेरुखी की दोहरी मार झेल रहा है। बेमौसम बारिश के चलते
500 से अधिक किसानों की मौत हुई जबकि सरकार ने सिर्फ 42 किसानों को
मुआवजा दिया। जिस तरह से केन्द्र सरकार को अडानी चला रहे हैं उसी तरह
सूबे की सरकार जेपी जैसे कारपोरेट समूह चला रहे हैं जिनके संरक्षण में
सूब को लूटने के लिए बड़े पैमाने पर किसानों की जमीनें हड़पने की साजिश
रची जा रही है। अकेले विद्युत नियामक आयोग की शह पर जेपी समूह तथा अन्य
निजी बिजली उत्पादन कंपनियों ने ही 30 हजार करोड़ रुपए बिजली घोटाला कर
दिया है तो वहीं बजाज, बिरला, मोदी ग्रुप, पोंटी चड्ढा के वेब ग्रुप,
डालमियां समेत कई कारपोरेट घरानों ने उत्तर प्रदेश के किसानों का 6 हजार
करोड़ रुपया बकाया रखा है। प्रदर्शकारियों ने प्रदेश में बतौर काबीना
मंत्री के रूप में ताजपोशी होने के बाद शिवपाल यादव द्वारा अर्जित
परिसम्पत्तियों की जांच कराने की भी मांग की। वक्ताओं ने बताया कि यूपी
में पत्रकारों पर होने वाले हमलों के खिलाफ आज ही पटना में भी विरोध
प्रदर्शन हो रहा है।

आर्ट फाॅर पीपुल इलाहाबाद के खालिद एस ने कहा कि ऐसे माहौल में संस्कृति
कर्मियों कलाकारों का इस तरह के आंदोलन से जुड़ना निहायत जरूरी हो जाता
है। उन्होंने सभी जन संस्कृतिकर्मियों से आह्वान किया कि ऐसे आंदोलनों
में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें। इस अवसर पर खालिद एस की पोस्टर प्रदर्शनी भी
आयोजित की गई।

प्रदर्शन में शानवाज आलम, मनीष कुमार, इरफान अली, अनूप गुप्ता, मोहम्मद
शुऐब एडवाकेट, आदियोग, पंकज श्रीवास्तव, दिल्ली से आए पत्रकार प्रशान्त
टंडन, अभिषेक श्रीवास्तव, प्रांशु मिश्रा, मुदित माथुर, सलीम बेग, नीति
सक्सेना, अजय, अजय सिंह, नीरज त्रिपाठी, लक्ष्मण प्रसाद, सोनिल त्रिपाठी,
सोनिया पौल, संयोग वाल्कर, जाहिद, हिमांशु वाजपेयी, कौशल किशोर, अजय
शर्मा, के के वत्स, संजय शर्मा, संजय विद्यार्थी, अतहा शम्सी, अरुण
पाण्डेय, राम कृष्ण, दिनेश चैधरी, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, कमर सीतापुरी,
नवल किशोर, ओपी सिन्हा, वर्तिका शिवहरे, मानविका शिवहरे, इम्तियाज़,
पूर्व सांसद इलियास आजमी, कल्पना पाण्डे, अखिलेश सक्सेना, देवी दत्त
पाझे, एहसानुल हक मलिक, वीरेन्द्र त्रिपाठी, ताहिरा हसन, अनिल यादव, रिफत
फातिमा, शिव नारायण कुशवाहा, जैद अहमद फारूकी, आसिफ खान, संजय शर्मा समेत
बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। धरने का संचालन रिहाई मंच नेता राजीव यादव
ने किया।

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