लखनऊ / सोमवार, 27 जून 2022 …………..
उत्तर प्रदेश का सूचना विभाग मीडिया प्रतिनिधियों को विभिन्न प्रकार की मान्यताएं देता है जिनमें राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार, वरिष्ठ पत्रकार या स्वतंत्र पत्रकार की मान्यताएं उच्चतम श्रेणी की ऐसी मान्यताएं हैं जिनके साथ अनेकों निःशुल्क अथवा सशुल्क सरकारी लाभ भी दिए जाते हैं. इन लाभों में सरकारी आवास आबंटन; रियायती दर पर यात्रा; रिवाल्विंग फण्ड के माध्यम से एस.जी.पी.जी.आई. ( SGPGI ) लखनऊ में निःशुल्क इलाज़; विधान सभा,लोकभवन, एनेक्सी, सचिवालय में प्रवेश समेत अनेकों लाभ शामिल हैं.
सार्वजनिक जीवन में कुछ मान्यता प्राप्त पत्रकारों द्वारा गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को हेय दृष्टि से देखने की घटनाएं प्रायः सामने आती रहती हैं लेकिन क्या आपको पता है कि राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार, वरिष्ठ पत्रकार या स्वतंत्र पत्रकार जैसी उच्चतम श्रेणी की मान्यताएं प्राप्त व्यक्ति यदि अँगूठा टेक भी हों तो भी राज्य सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता है और राज्य सरकार को अंगूठा टेक व्यक्तियों तक को इस प्रकार की मान्यताएं देने में कतई कोई गुरेज नहीं है. यानि कि तिकड़म भिडाकर कोई अंगूठा टेक भी यूपी में राज्य मुख्यालय, वरिष्ठ या स्वतंत्र पत्रकार की मान्यता पा सकता है.चौंकाने वाला यह खुलासा राजधानी लखनऊ निवासी इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा बीती 10 मई को यूपी के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय में दायर की गई एक आरटीआई पर निदेशालय के उप निदेशक और जन सूचना अधिकारी दिनेश कुमार सहगल द्वारा बीती 7 जून को दिए गए उत्तर से हुआ है.
संजय ने आरटीआई आवेदन देकर सूचना मांगी थी कि उनको सूचना विभाग से राज्य मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त मीडिया प्रतिनिधियों,स्वतंत्र पत्रकारों और वरिष्ठ पत्रकारों की शैक्षिक योग्यता की सूचना मीडिया प्रतिनिधि/पत्रकार के नाम-वार उनको दी जाए. इस पर सहगल ने संजय को लिखकर दिया है कि सूचना विभाग से राज्य मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त मीडिया प्रतिनिधियों,स्वतंत्र पत्रकारों और वरिष्ठ पत्रकारों के लिए कोई शैक्षिक योग्यता निर्धारित नहीं है.
संजय ने बताया कि उनको भ्रष्टाचार विरोधी मोबाइल हेल्पलाइन नंबर 7991479999 पर कई सूचनाएं प्राप्त हुई थीं कि कतिपय मीडिया संस्थानों के मालिकों ने आपस में दुरभिःसंधि का गठजोड़ स्थापित कर एक दूसरे के मीडिया संस्थानों से अदला-बदली करके स्वयं अथवा अपने ऐसे रिश्तेदारों-नातेदारों को सूचना विभाग से सरकारी मान्यताएं दिलवा रखीं हैं जिनमें एक पेज खबर लिखने तक की क्षमता नहीं हैं इसीलिए उन्होंने इस तथ्य की पुष्टि करने के लिए यह सूचना मांगी थी. संजय के अनुसार कम शिक्षित मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा जुगाड़ बैठाकर सरकारी मान्यताएं प्राप्त कर लेने से पत्रकारिता का स्तर गिरने के साथ-साथ उच्च शिक्षित मान्यता प्राप्त मीडिया प्रतिनिधियों के सामने अपना सम्मान बचाए रखने का संकट भी उत्पन्न हो रहा है.
पत्रकारिता जैसे विशुद्ध रूप से लिखने पढने के पेशे में सरकारी मान्यता लेने ले लिए किसी भी शैक्षिक योग्यता का मानक निर्धारित नहीं होने पर आश्चर्य जताते हुए संजय ने कहा है कि पत्रकारिता के उच्च मानदंडों एवं पत्रकारिता के उच्च मानकों को बनाए रखने के साथ-साथ वर्तमान मान्यता प्राप्त मीडिया प्रतिनिधियों में से उच्च शिक्षित मीडिया प्रतिनिधियों के सम्मान को बचाए रखने के मद्देनज़र वे सूबे के मुखिया को पत्र लिखकर उनसे आग्रह करेंगे कि वे राज्य मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त मीडिया प्रतिनिधि, स्वतंत्र पत्रकार मान्यता प्राप्त मीडिया प्रतिनिधि, वरिष्ठ पत्रकार मान्यता प्राप्त मीडिया प्रतिनिधि तथा जनपद स्तर पर मान्यता प्राप्त मीडिया प्रतिनिधि जैसी सरकारी मान्यताएं देने की आवश्यक अर्हताओं में स्नातक के साथ साथ पत्रकारिता में डिप्लोमा जैसी कुछ न्यूनतम शैक्षिक योग्यतायें निर्धारित करने के लिए एक कमेटी का गठन करके कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर न्यूनतम शैक्षिक योग्यताओं का निर्धारण करायें.
संजय ने बताया कि यदि आवश्यक हुआ तो वे इस मामले को जनहित याचिका के माध्यम से अदालत लेकर जायेंगे.
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