लखनऊ / शनिवार, 25 जून 2022………….
गिनीज़ रिकॉर्ड बुक में दर्ज लखनऊ के प्रतिष्ठित सिटी मोंटेसरी स्कूल की मान्यता से सम्बंधित सूचना छुपाना जिले के संयुक्त शिक्षा निदेशक षष्ठ मंडल सुरेन्द्र कुमार तिवारी को भारी पड़ गया है. सूबे के सूचना आयोग ने सुरेन्द्र को सूचना कानून की धारा 20 के तहत दोषी मानते हुए 25 हज़ार रुपयों का जुर्माना लगा दिया है. आयोग ने यह कार्यवाही लखनऊ निवासी इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा आयोग में दायर की गई एक शिकायत पर सुनवाई करते हुए की है.
संजय ने साल 2020 के दिसंबर माह की 5 तारीख को संयुक्त शिक्षा निदेशक षष्ठ मंडल लखनऊ के कार्यालय में एक आरटीआई अर्जी देकर शिक्षाविद के रूप में मशहूर जगदीश गाँधी द्वारा संचालित सिटी मोंटेसरी स्कूल की मान्यता से सम्बंधित सूचना मांगी थी. संयुक्त शिक्षा निदेशक के कार्यालय ने बीते साल के जनवरी महीने की 8 तारीख़ और 30 तारीख को संजय को दो पत्र लिखकर सूचनाओं को विस्तृत बताया और सूचना देने से इनकार कर दिया. संयुक्त शिक्षा निदेशक के कार्यालय के इन आदेशों के खिलाफ संजय ने बीते साल राज्य सूचना आयोग में शिकायत दर्ज की थी.
मामले की सुनवाइयों में से एक सुनवाई बीते साल के सितम्बर महीने की 1 तारीख को हुई जिसमें सूचना आयुक्त रचना पाल ने जन सूचना अधिकारी के प्रतिनिधि डा. दिनेश कुमार, विज्ञान प्रगति अधिकारी की उपस्थिति में जन सूचना अधिकारी को साशय सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराने,आयोग के आदेशों की अवहेलना करने और सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के क्रियान्वयन में शिथिलता का दोषी पाते हुए 25 हज़ार रुपयों का अर्थदंड अधिरोपित किया और अर्थदंड के सम्बन्ध में सुनवाई का अवसर देते हुए मामले की सुनवाई के लिए बीते साल के दिसम्बर महीने की 8 तारीख पर सुनवाई फिक्स की.
बीते साल के दिसम्बर महीने की 8 तारीख पर हुई सुनवाई में जनसूचना अधिकारी के प्रतिनिधि उपनिरीक्षक, संस्कृत पाठशालाएं, षष्ठ मंडल लखनऊ ने आयोग से एक अवसर की माँग की जिस पर सूचना आयुक्त रचना पाल ने अंतिम अवसर देते हुए मामले की सुनवाई के लिए बीते मई महीने की 25 तारीख पर सुनवाई फिक्स की.
बीते मई महीने की 25 तारीख पर हुई सुनवाई में जनसूचना अधिकारी के अनुपस्थित रहने पर मामले की सुनवाई कर रहे सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने संयुक्त शिक्षा निदेशक षष्ठ मंडल सुरेन्द्र कुमार तिवारी के वेतन से 25 हज़ार रुपयों के जुर्माने की बसूली कराने के लिए सूचना आयोग के रजिस्ट्रार को आदेशित करने के साथ साथ माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और निदेशक को भी दण्ड की बसूली के लिए आदेशित किया है.
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