Tuesday, December 22, 2015

डार्क-लाइट फिल्म्स और संदीप दुबे को निलंबित आईपीएस अमिताभ ठाकुर और नूतन ठाकुर के काले कारनामों के प्रमाण भेजकर ठाकुर दंपत्ति की डार्क साइड भी दिखाकर पूरा सच दिखाने का अनुरोध.



डार्क-लाइट फिल्म्स और संदीप दुबे को निलंबित आईपीएस अमिताभ ठाकुर और नूतन ठाकुर  के काले कारनामों के प्रमाण भेजकर ठाकुर दंपत्ति की डार्क साइड भी दिखाकर पूरा सच दिखाने का अनुरोध.  


मित्रों,
मैंने दिल्ली की डार्क-लाइट फिल्म्स और निर्देशक संदीप दुबे को यूपी के मुलायम सिंह यादव - अमिताभ ठाकुर मोबाइल फोन प्रकरण पर लघु फिल्म बनाने पर बधाई देते हुए डार्क-लाइट फिल्म्स और निर्देशक संदीप दुबे को पत्र भेजकर सप्रमाण अनुरोध किया है कि वे इस लघु फिल्म में अमिताभ की डार्क साइड यानि कि जिलों में तैनातियों के दौरान अवैध कृत्यों से की गयी काली कमाई से बीघों में रिहायशी जमीनें खरीदे जाने, अज्ञात और अवैध लोगों को 2000 शस्त्र लाइसेंस बांटकर यूपी में अपराध बढाने का कारक बनने, एसपी के रूप में तैनाती के दौरान अपने साले की मदद से चोरी की गाड़ियों के खरीद-फ़रोख्त का अवैध धंधा करने, जनता के पैसे लूटकर काली कमाई करके इंडियन पब्लिक स्कूल के नाम से शिक्षा जैसे पवित्र पेशे में गोरखधंधा करने, अनुभूति सेवा संस्थान और उसके बाद आईआरडीएस, आरटीआई फंड जैसे आधा दर्जन एनजीओ बनाकर इनके मार्फत भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों का काला धन सफेद करने, पीआइएल ट्रेडिंग करने, अपने अधीनस्थ महिला कार्मिक पर बुरी नज़र रखने और गलत नीयत से पद का दुरुपयोग कर उसे सेवा से बर्खास्त कराने का षड्यंत्र रचने, निहित स्वार्थ के लिए आरएसएस-बीजेपी को पानी पी-पी कर कोसने बाले और कुछ दिन पूर्व ही पीके-ओएमजी ट्रस्ट बनाने बाले अमिताभ-नूतन का खालिस सेक्युलर और अधार्मिक होने से लेकर आरएसएस-बीजेपी और राम मंदिर में आस्था के ढोंग का आवरण ओढने तक का सफर, नूतन द्वारा बिना ड्यूटी पर जाए अवैध रूप से  शिक्षिका का वेतन लेते रहने के सामाजिक अपराध जैसी घटनाओं का भी समावेश करें ताकि इस फ़िल्म का चित्रांकन यथार्थ से नज़दीक हो.


उम्मीद है कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कही जाने बाली पत्रकारिता से जुड़े संदीप दुबे इस मामले में इन प्रमाणों में उपलब्ध तथ्यों का समावेश करके अपने प्रोडक्शन हाउस डार्क-लाइट फिल्म्स के नाम को सार्थक करते हुए अमिताभ ठाकुर की डार्क और लाइट, दोनों साइड्स का फिल्मांकन  करके जनता के सामने सिर्फ सच ही परोसेंगे.


यदि डार्क-लाइट फिल्म्स और संदीप दुबे पूरा सच नहीं दिखाते हैं तो .......... तो क्या; ये जो पब्लिक है न भाई, वैसे तो ये सब जानती ही है. फिर भी यदि ऐसा हुआ तो फिर अमिताभ की डार्क साइड पर फ़िल्म बनबाने को हम आगे आयेंगे और जनता के सामने रखेंगे अमिताभ-नूतन का पूरा सच और छुपाया गया झूंठ भी.   


आप भी पढ़िए प्रखर विचार नामक राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के अगस्त 2006 के अंक में अमिताभ ठाकुर और नूतन ठाकुर के काले कारनामों से सम्बंधित एक विस्तृत समाचार.

Sanjay Sharma 
Mob. 8081898081 












1 comment:

  1. जी बिलकुल सच आना जरूरी है .... 2017 में तो लोग डार्क पक्ष देख कर कुछ और समझ बैठेंगें ....

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