एक खबर है कि निलंबित आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर अपने लिए यश भारती पुरस्कार की मांग की है। अपने पत्र में अमिताभ ने कहा कि यश भारती पुरस्कारों में कई ऐसे नाम हैं जिनसे उनके एक पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के क्षेत्र में किये गए कार्य निश्चित रूप से श्रेष्ठतर हैं।
अब अमिताभ का आरटीआई का यह पत्र देखिये जिसमें उसने किस तरह खुद को अपारदर्शी और अजबाबदेह बनाया है और देखिये अमिताभ का पारदर्शिता और उत्तरदायित्व विरोधी व्यवहार l
अगर अमिताभ ठाकुर अपने इसी दोगले आचरण को पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के
क्षेत्र में किया गया श्रेष्ठ कार्य मानने के मुगालते में हैं तब तो वे
पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के नाम पर एक कलंक हैं जिसके लिए वे इनाम के
नहीं अपितु सार्वजनिक मंचों पर भर्त्सना के अधिकारी हैं ।
धन्य है पत्रकारिता का वह गिरता स्तर भी जिसके लिए मानसिक संतुलन खो चुके अमिताभ की हर बेहूदा हरकत एक खबर है जबकि ऐसा पत्र लिखने के बाद अमिताभ के मुंह से पारदर्शिता और उत्तरदायित्व जैसे शब्द निकलना भी पारदर्शिता और उत्तरदायित्व का घोर अपमान है l
धन्य है पत्रकारिता का वह गिरता स्तर भी जिसके लिए मानसिक संतुलन खो चुके अमिताभ की हर बेहूदा हरकत एक खबर है जबकि ऐसा पत्र लिखने के बाद अमिताभ के मुंह से पारदर्शिता और उत्तरदायित्व जैसे शब्द निकलना भी पारदर्शिता और उत्तरदायित्व का घोर अपमान है l
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