Thursday, October 29, 2015

अमिताभ ठाकुर सरीखे जाने कितने ढोंगी नौकरशाह हैं यूपी

नौकरशाह जब तक ऊपरी कमाई बाली पोस्ट पर रहता है, वह इसी भ्रष्ट सिस्टम का हिस्सा बनकर आम जनता का खून चूसकर अपने हित साधता रहता है l जैसे ही वह ऊपरी कमाई के लिहाज से महत्वहीन पदों पर पंहुंच जाता है, सिस्टम को गरियाने का ढोंग कर जनता को भरमाने लगता है l जो इमानदार और जनपक्षधर होगा वह अपनी ईमानदारी की हनक सेवा में आते ही दिखाने लगेगा जैसे कि अरविन्द केजरीवाल l यूपी में भी दुर्गा शक्ति नागपाल के कार्यों में भी यह हनक दिखी थी पर कतिपय कारणों से वे नेपथ्य में चली गयीं l अमिताभ ठाकुर सरीखे जाने कितने ढोंगी नौकरशाह हैं यूपी में जिन्होंने सेवा के शुरुआती 12-15 साल जमकर मोटी कमाई की और फिर कभी सपा,कभी बसपा,कभी बीजेपी तो कभी अपने राजनैतिक दल बनाने के निहितार्थ तलाशने शुरू कर दिए l याद रखिये कि जीवन के आरंभिक बृहद कालखंड में आम जनता से दूरी बनाये रखने बाला और आम जनता का खून चूसकर नेताओं के तलवे चाटने बाला नौकरशाह कभी भी एक अच्छा जनप्रतिनिधि बन ही नहीं सकता है l 
यूपी में एक नया ढर्रा बन गया है। सूर्य प्रताप सिंह ही नहीं बल्कि यहां के आईएएस और आईपीएस अधिकारी रिटायर होने के बाद राजनीति में उतरने लगे हैं। बीते एक दशक में करीब चार दर्जन ऐसे टैक्नोक्रेट्स और ब्यूरोक्रेट्स हैं जो रिटायर होने के बाद सियासत में आ गए हैं और उन्हीं सरकारों की आलोचना में जुट गए, जिनके हर काम में वे खुद शामिल हुआ करते थे।
http://www.patrika.com/news/lucknow/up-ias-and-ips-became-the-leader-after-retirement-1127695/

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