निलंबित आईपीएस अमिताभ ठाकुर की कथनी-करनी में जमीन आसमान का अंतर उजागर l
यह कथित समाजसेवी यत्र-तत्र-सर्वत्र कहता फिरता है "मेरे जीवन का ध्येय: अन्याय और सार्वजनिक सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ संघर्ष और इस हेतु लोगों में जागरूकता एवं सशक्तिकरण" आदि आदि पर इसके उलट स्वयं ही सार्वजनिक सत्ता का खुला दुरुपयोग एक विभागीय महिला कार्मिक के विरुद्ध करने में कतई भी नहीं हिचकता है l
वैसे तो गुमनाम/क्षद्म शिकायतों पर कोई भी कार्यवाही न किये जाने की शासकीय व्यवस्था नियमों में प्रतिपादित है पर इस व्यक्ति ने कतिपय व्यक्तिगत निहातार्थों की पूर्ति हेतु सार्वजनिक सत्ता का खुला दुरुपयोग गुमनाम और फर्जी शिकायतों पर इस अबला के विरुद्ध जांच करने के नियमविरुद्ध कार्य के लिए किया l
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