Wednesday, September 9, 2015

अवैध तरीकों से खरीदी अपनी अकूत संपत्तियों को बचाने की खातिर आखिर और कितना नीचे गिरेगी यह अमिताभ ठाकुर-नूतन ठाकुर दंपत्ति ?



मेरे मन में यह सबाल उस खबर को पढ़कर आया है जिसके मुताबिक निलंबित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने लोकायुक्त द्वारा अमिताभ के विरुद्ध की गयी जांच  की रिपोर्ट को  आधार बनाकर   लखनऊ के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की  अदालत में लोकायुक्त के खिलाफ धारा 166, 167, 195, 195, 196, 200, 211, 219, 500 आईपीसी के तहत परिवाद दाखिल किया है और एसीजेएम ने परिवाद को पंजीकृत करते हुए 200 सीआरपीसी में नूतन ठाकुर का बयान दर्ज करने के लिए 10 सितंबर 2015 की तारीख भी तय कर दी  है।


इस खबर को पढ़कर यह बात तो पक्की हो ही गयी है कि अमिताभ और नूतन के परिवार के संपत्तियों के जखीरे को इकठ्ठा करने  और इनकी अन्य अनियमितताओं के पीछे बहुत बड़ा घालमेल है और इसीलिये ये दोनों व्यक्ति एक जिम्मेवार नागरिक के रूप में अपने आप को किसी भी प्रकार की जांच के लिए सहर्ष प्रस्तुत करने की जगह पर शातिर अपराधियों की मानिंद जांच से बचने के लिए तथ्यों को छुपा-छुपा कर विभिन्न अदालतों का रुख इस दुरुद्देश्य से कर रहे हैं कि ये दोनों किसी तरह अदालतों को गुमराह कर कोई आदेश प्राप्त करके इन जांचों को रुकवा सकें l  अब तो आप सब मानेंगे कि ये दोनों समाजसेवियों का चोला ओढ़े ठग हैं जिन्होंने  अपने काले कारनामों को छुपाने के लिए ही समाजसेवी बनने का नाटक किया था l

इस खबर को पढ़कर यह बात भी पक्की हो गयी कि कानून वास्तव में अंधा ही होता है l यदि ऐसा नहीं  होता तो कानून की जानकार होने का दावा करने बाली और हर चर्चित मुद्दे पर अपना कानूनी ज्ञान बघारने बाली यह ठाकुर दंपत्ति उच्च न्यायालय में लोकायुक्त जांच मामले में एक याचिका लंबित रहने के दौरान ही लोकायुक्त अधिनियम की धारा 17 को छुपाकर न तो यह शिकायत कर पाती और न ही लखनऊ के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की  अदालत ने इसे ग्रहण कर अगली तारीख दी होती l


बहरहाल एक जिम्मेवार नागरिक होने के नाते मैं कल 10 सितम्बर 15 को  लखनऊ के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की  अदालत के समक्ष लोकायुक्त अधिनियम की धारा 17 प्रस्तुत कर सम्पूर्ण तथ्य न्यायालय के संज्ञान में अवश्य लाऊँगा l


लोकायुक्त अधिनियम की धारा 17 :

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