निलंबित आईपीएस
अफसर अमिताभ ठाकुर ने मीडिया के माध्यम से ‘नेशनल आरटीआई फोरम’ और आई० आर० डी० एस०
नामक संस्थाओं से अपने जुड़ाव पर झूंठा वक्तव्य दिया कि उन्हें जबरदस्ती इन संस्थाओं से जोड़ा जा
रहा है और अपने इस झूँठ को कतिपय बिकाऊ मीडिया के माध्यम से प्रसारित कराकर सतर्कता
विभाग द्वारा अमिताभ के विरुद्ध मेरी शिकायत पर लोकायुक्त की संस्तुतियों के बाद दर्ज
की गयी एफआईआर को झूठ का पुलिंदा बताया l
तो हमने सोचा कि इन
दोनों एनजीओ के मुद्दे पर अमिताभ ठाकुर और बिकाऊ मीडिया का पूरा सच यहीं सामने ला
दिया जाये ताकि ये लम्पट कॉम्बिनेशन भोली-भाली जनता को इस मामले में गुमराह करने
में कामयाब न होने पाएं l भ्रष्टाचार तो भ्रष्टाचार ही रहेगा चाहें वह किसी का भी
हो l अब अगर कतिपय मीडिया को अमिताभ का भ्रष्टाचार और झूँठ दिखाई नहीं दे रहे है
तो उसको भी सामने लाया जाना चाहिए कि कहीं लोकतंत्र का यह चौथा खम्बा इन कुछ बिकाऊ
लोगों के कारण खोखला न हो जाए l
अमिताभ ठाकुर के अपने एनजीओ के बारे में बोले गए महा-झूँठ
को समर्पित कुछ पंक्तिया “ये नया समाजसेवी”
लखनऊ में
आया है
एक नया
समाजसेवी.
पहले ही
कई थे
कोई कमी नहीं
बहुत सारे.
सब्ज बाग
भेड़ चाल
उल्लू बनाना
हवा में भरमाना.
अपनी सारी गलती
चुपके से ढक डाली
ना एक जांच
ना एक आंच.
बातों की वीरता
सपनों की फसल
समाजसेवी हवाबाज़
एक नए आये हैं.
समाजसेवी बुद्धिमान
सपनों से खेलते
सच को छिपा के
रंगों में घोलते.
शहर का नया समाजसेवी
आया है
एक नया
समाजसेवी.
पहले ही
कई थे
कोई कमी नहीं
बहुत सारे.
सब्ज बाग
भेड़ चाल
उल्लू बनाना
हवा में भरमाना.
अपनी सारी गलती
चुपके से ढक डाली
ना एक जांच
ना एक आंच.
बातों की वीरता
सपनों की फसल
समाजसेवी हवाबाज़
एक नए आये हैं.
समाजसेवी बुद्धिमान
सपनों से खेलते
सच को छिपा के
रंगों में घोलते.
शहर का नया समाजसेवी
सबसे बुद्धिमान है
कई साल भरमा के
नेता अवश्य बन जायेगा.
कई साल भरमा के
नेता अवश्य बन जायेगा.
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