लखनऊ/29 दिसम्बर 2017............
समाचार लेखिका - उर्वशी शर्मा ( स्वतंत्र पत्रकार )
Exclusive News by YAISHWARYAJ ©yaishwaryaj
बड़े-बड़े दावों के साथ बड़े जोर-शोर से शुरू की गई भारतीय रेल की पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप ( पीपीपी ) मॉडल पर रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास करने की योजना अब तक मात्र 1 रेल स्टेशन का ही पुनर्विकास कर पाई है और इस योजना की खामियों को देखते हुए भारतीय रेल अब इस योजना की खामियां दूर करने के लिए इस योजना के तहत मात्र भोपाल के पास स्थित हबीबगंज स्टेशन का पुनर्विकास करने के बाद योजना की समीक्षा करने में जुटा हुआ है l 3पी मॉडल पर रेल स्टेशन पुनर्विकास योजना की संशोधित रणनीति अभी फाइनल नहीं हो पाई है l चौंकाने वाला यह खुलासा यूपी की राजधानी लखनऊ के फायरब्रांड समाजसेवी और इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा बीते 15 जून को दायर की गई एक आरटीआई पर रेलवे बोर्ड के निदेशक स्टेशन विकास (प्रौद्योगिकी) अनिश कुमार द्वारा बीते 03 दिसम्बर के पत्र द्वारा भेजे गए एक जबाब से हुआ है l
अनिश ने संजय को बताया है कि पीपीपी मॉडल पर श्रेणी रेलवे स्टेशनों को लीज पर देने की रणनीति भविष्य में अंतिम होने पर रेल विभाग की वेबसाइट पर अपलोड की जायेगी l संजय द्वारा पीपीपी मॉडल पर लीज पर दिए गए स्टेशनों की संख्या और विवरण के सम्बन्ध में माँगी गई सूचना पर अनिश ने बताया है कि भोपाल ( मध्य प्रदेश ) के पास स्थित हबीबगंज वह एकमात्र स्टेशन है जिसे अब तक पीपीपी मॉडल के तहत लीज पर दिया गया है l हबीबगंज स्टेशन का पुनर्विकास रेल मंत्रालय द्वारा स्टेशनों का पुनर्विकास करने के लिए बनाए गए स्पेशल परपज व्हीकल ‘इंडियन रेलवे स्टेशंस डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड’ (आई.आर.एस.डी.सी.) द्वारा किये जाने और कार्य अभी जारी होने की सूचना देते हुए इस सम्बन्ध में अधिक विवरण आई.आर.एस.डी.सी. के एमडी और सीईओ के नई दिल्ली स्थित कार्यालय से लेने की बात भी संजय से कही गई है l पीपीपी मॉडल पर पुनर्विकसित किये जाने वाले स्टेशनों के नामों की सूची के विषय में अनिश ने संजय को बताया है कि यह सूची अभी फाइनल नहीं है और in स्टेशनों की सूची अंतिम होने पर रेल विभाग की वेबसाइट पर अपलोड की जायेगी l
बताते चलें कि तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बीते फरवरी महीने में केन्द्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर और रेलवे बोर्ड के पदाधिकारियों की उपस्थिति में भारतीय रेल के 23 स्टेशनों के पुनर्विकास कराने के पहले फेज प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था l तब प्रभु ने पीपीपी मॉडल पर देश के 400 A1 और A श्रेणी के स्टेशनों के पुनर्विकास को नॉन-फेयर रेवेन्यु जेनरेशन का सबसे बड़ा कार्यक्रम बताया था l तब इस कार्य को जोनल रेलवेज द्वारा फेयर बिडिंग प्रक्रिया से किये जाने की बात भी प्रभु ने की थी l एक लाख करोड़ से अधिक की वैल्यू के इस कार्यक्रम में भारतीय रेल की 2200 एकड़ अतिक्रमण मुक्त भूमि 45 वर्षों की लीज पर दिए जाने की बात भी कही गई थी l
लोकजीवन में पारदर्शिता और जबाबदेही के लिए काम कर रहे देश के नामचीन कार्यकर्ताओं में शुमार होने वाले संजय शर्मा ने अब अपनी आरटीआई पर दिए गए जबाब के आधार पर भारतीय रेल के बड़े बड़े दावों पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए वर्तमान रेल मंत्री को पत्र लिखकर इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में पारदर्शिता सुनिश्चित कराते हुए अपने स्तर से सही स्थिति देश के सामने रखने की मांग उठाने की बात इस स्वतंत्र पत्रकार से की गई एक एक्सक्लूसिव वार्ता में कही है l
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News written by freelance journalist Urvashi Sharma
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