विशेष समाचार का सार ©TAHRIR : भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने यूपी के सूचना आयुक्तों द्वारा राज्य
सूचना आयोग की सुनवाइयों में आने वाली महिलाओं का उत्पीडन करने की घटनाओं का
संज्ञान लेकर राज्य सूचना आयोग में उच्चतम न्यायालय द्वारा विशाखा मामले में दिए
निर्देशों के अनुरूप ‘यौन उत्पीडन जांच समिति’ बनाने के लिए यूपी के मुख्य सचिव को
पत्र लिखा है और इस पत्र की प्रति इस मुहिम की प्रणेता येश्वर्याज सेवा संस्थान की
सचिव और प्रतिष्ठित समाजसेविका उर्वशी शर्मा को भेजते हुए उर्वशी को अपनी इस मांग
के सम्बन्ध में मुख्य सचिव से मिलने की बात कही है जिससे एक ओर जहाँ राज्य सूचना
आयोग में महिलाओं का उत्पीडन करने वाले आयुक्तों की पेशानी पर चिन्ता की लकीरें
उभरने के साथ-साथ सूचना आयोग में अफरा-तफरी का माहोल साफ-साफ दिखाई दे रहा है तो
वहीं इस मुद्दे पर उर्वशी के साथ हिरासत में लिए गए समाजसेवी तनवीर अहमद सिद्दीकी
और घर में नज़रबंद रखे गए वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता अशोक कुमार गोयल अपनी यंत्रणा भुलाकर
इसे सूचना आयोग को महिलाओं के प्रति सभ्य बनाने की दिशा में किये गए उनके प्रयासों
का मीठा प्रतिफल बता रहे हैं.
Lucknow/29 July 2016/ Written by Sanjay Sharma ©TAHRIR
लगता
है कि सामाजिक संगठन येश्वर्याज के धुआंधार प्रयासों से यूपी के राज्य सूचना आयोग
की सुनवाइयों में आने वाली महिलाओं को यहाँ के सूचना आयुक्तों के उत्पीडन से बचने
के लिए ‘यौन उत्पीडन जांच समिति’ की सौगात जल्द ही मिलने वाली है. येश्वर्याज की
सचिव और समाजसेविका उर्वशी शर्मा द्वारा बीते 11 जुलाई को इस सम्बन्ध में
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को भेजे गए मांग पत्र का संज्ञान लेकर अपने सचिवालय के माध्यम
से उर्वशी का मांगपत्र मूल रूप में यूपी के मुख्य सचिव को भेजते हुए मुख्य सचिव को
इस मामले में समुचित ध्यान देने के निर्देश दिए है. उपराष्ट्रपति सचिवालय ने इस
पत्र की प्रति उर्वशी को भी भेजते हुए इस मांग के सम्बन्ध में मुख्य सचिव से मिलने
की बात भी कही है.
बताते
चलें कि सूचना आयोग में यौन उत्पीडन जांच समिति बनाने और सभी सुनवाई कक्षों में
आडिओ-वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू कराने की मांग पूरी किये बिना बीते 11 जुलाई को आरटीआई
भवन के उद्घाटन पर भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, यूपी के राज्यपाल राम नाईक
और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का विरोध करने की घोषणा के चलते येश्वर्याज की
सचिव उर्वशी और कोषाध्यक्ष तनवीर अहमद सिद्दीकी को बीते 10 जुलाई की रात 9 बजे
हिरासत में लेकर अगले दिन कार्यक्रम के समाप्त होने के बाद रिहा किया गया था और
येश्वर्याज के अध्यक्ष अशोक कुमार गोयल को इसी अवधि में उनके आवास पर नज़रबंद कर
दिया गया था. यही नहीं येश्वर्याज के बाकी
सदस्यों को भी अवैध पुलिसिया उत्पीडन की सम्भावना के चलते भूमिगत होना पड़ा था. संगठन के सदस्यों पर
शासन-प्रशासन की कड़ी निगाह के चलते आम जनता येश्वर्याज की मदद को सामने आई जिसने
शासन-प्रशासन की आँखों में धूल झोंककर राजधानी की हृदयस्थली कहे जाने वाले हजरतगंज
चौराहे के निकट स्थित महात्मा गांधी पार्क में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के
अनुसार पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न 2 बजे तक धरना-प्रदर्शन किया और जमानत पर रिहा
होते ही उर्वशी ने उपराष्ट्रपति को यह मांगपत्र प्रेषित किया जिसे अब उपराष्ट्रपति
ने यूपी के मुख्य सचिव को भेजा है.
उर्वशी
ने एक विशेष बातचीत में बताया कि सूचना आयोग आने वाले आरटीआई आवेदकों के साथ
अधिकांश सूचना आयुक्तों का व्यवहार आपत्तिजनक होता है और सूचना आयुक्तों द्वारा सुनवाइयों
के दौरान प्रायः ही महिला आरटीआई आवेदकों के समक्ष महिलाओं की शालीनता को भंग करने
वाले शब्दों का खुलकर प्रयोग किया जाता है. उर्वशी ने बताया कि सूचना आयोग में महिला
यौन उत्पीडन जांच समिति बनने के बाद महिलाएं को अपने उत्पीडन की शिकायतें करने का
एक मंच मिल जायेगा और शिकायतों के डर से सूचना आयुक्तों का व्यवहार भी सुधरने की
उम्मीद की जा सकती है साथ ही साथ सुनवाइयों की ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू होने
के बाद सूचना आयुक्त आरटीआई आवेदकों से
दुर्व्यवहार नहीं कर पायेंगे . बकौल उर्वशी, यदि वे उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग
में ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग और महिला यौन उत्पीडन जांच समिति का गठन कराने में
कामयाब हो जाती हैं तो उनका और उनके साथी तनवीर का पुलिस हिरासत में रहना सार्थक
हो जाएगा.
©TAHRIR
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Sanjay Sharma is a Lucknow based freelancer and President
at TAHRIR. He can be contacted at associated.news.asia@gmail.com
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