Thursday, July 7, 2016

उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के विरोध का मामला लेकर हाई कोर्ट पंहुची येश्वर्याज की सचिव उर्वशी.







विशेष समाचार का सार  ©TAHRIR : लखनऊ स्थित सामाजिक संगठन येश्वर्याज सेवा संस्थान ने उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में महिला यौन   उत्पीडन मामलों की जांच के लिए समिति बनाने और आयोग की सभी कार्यवाहियों की ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग कराने की मांगे पूरी कराये बिना ही  ‘आरटीआई भवन’ का उद्घाटन करने के लिए 11 जुलाई को लखनऊ आने वाले भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का विरोध करने के लिए आरटीआई भवन पर और हजरतगंज जीपीओ स्थित महात्मा गाँधी पार्क में विरोध-प्रदर्शन कार्यक्रम  की अनुमति लेने के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ की शरण ली है. आरटीआई भवन के पूर्णतया कार्यशील होने के 3 माह बाद हामिद अंसारी व अन्य द्वारा इसके उद्घाटन में आने को जनता के टैक्स के पैसों की बर्बादी करने वाला गलत कदम बताते हुए उर्वशी ने उपराष्ट्रपति को  सामंतवादी मानसिकता का व्यक्ति करार देते हुए उनके इस कदम की भर्त्सना की है और कहा है कि जब तक उनकी मांगे मानी नहीं जाती हैं, उनका विरोध-आन्दोलन जारी रहेगा.





Lucknow/08 July 2016/ Written by Sanjay Sharma ©TAHRIR
उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग के नए बने भवन का नाम ‘आरटीआई भवन’ रखा गया है. सूबे का सूचना आयोग पिछले 11 अप्रैल से ही इस आरटीआई भवन’ में पूरी तरह से कार्यशील हो चुका है पर लखनऊ स्थित सामाजिक संगठन येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव उर्वशी शर्मा के नेतृत्व में लामबंद आरटीआई कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते इसके उद्घाटन पर अब तक 3 बार गृहण लग चुका है.



पहले इसका उद्घाटन पिछले 11 अप्रैल को ही होना था पर समाजसेविका उर्वशी शर्मा के नेतृत्व में सूचना आयुक्तों का पुतला फूंकने के कार्यक्रम के चलते इसे टाल दिया गया.इसके बाद इसका उद्घाटन 8 जुलाई को होना तय हुआ पर उर्वशी शर्मा के नेतृत्व में आरटीआई कार्यकर्ताओं द्वारा आरटीआई भवन का उद्घाटन करने को आने वाले हामिद अंसारी को काले झंडे दिखाए जाने के कार्यक्रम की घोषणा के चलते उद्घाटन को  टालकर आगामी 15 जुलाई को नियत किया गया. आरटीआई कार्यकर्ताओं ने हार नहीं मानी और एक बार फिर उर्वशी शर्मा के नेतृत्व में आरटीआई भवन का उद्घाटन करने को आने वाले हामिद अंसारी को 15 जुलाई को काले झंडे दिखाए जाने की  घोषणा कर दी और एक बार फिर इसका उद्घाटन टाल कर 11 जुलाई को करने की घोषणा की गयी. ‘तू डाल-डाल मैं पात-पात’ की तर्ज पर कार्य कर रही उर्वशी ने एक बार फिर 11 जुलाई को उपराष्ट्रपति के विरोध की घोषणा कर दी है.  




बताते चलें कि लखनऊ स्थित सामाजिक संगठन येश्वर्याज सेवा संस्थान विगत 2 वर्षों से  उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में महिला यौन-उत्पीडन मामलों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार विशाखा समिति बनाने और आयोग की सभी कार्यवाहियों की शत-प्रतिशत वीडियो रिकॉर्डिंग कराने,इन रिकॉर्डिंग्स को आईटी एक्ट में प्राविधानित समय तक संरक्षित रखकर किसी भी पक्ष द्वारा मांगे जाने पर उपलब्ध कराने की व्यवस्थाएं कराने की मुहिम चला रहा है. येश्वर्याज की सचिव उर्वशी ने बताया कि उनके संगठन की ये मांगे पूरी कराये बिना ही  ‘आरटीआई भवन’ का उद्घाटन करने के लिए 11 जुलाई को लखनऊ आने वाले भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का विरोध करने की अनुमति के मामले में अब उनके संगठन ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर कर दी है.



राज्य सूचना आयोग की बदहाली पर बात करते हुए उर्वशी ने बताया कि आरटीआई प्रयोगकर्ताओं द्वारा यूपी के लोक प्राधिकरणों के भ्रष्टाचार से सम्बंधित सूचना मांगने के मामलों के आयोग में आने पर उत्तर प्रदेश के सूचना आयुक्त राज्य सरकार के एजेंटो के रूप में कार्य करते हैं और ऐसी सूचनाएं सार्वजनिक होने से रोकने के दुरुद्देश्य से आरटीआई प्रयोगकर्ताओं, जिनमें महिलायें भी शामिल हैं,के साथ अपने स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों के साथ मिलकर दुर्व्यवहार तो करते ही हैं,साथ ही साथ उलटे इन्हीं पीड़ित  आरटीआई प्रयोगकर्ताओं को ‘सरकारी कार्य में बाधा डालने’ और ‘सूचना आयुक्तों से दुर्व्यवहार’ करने जैसे आरोप लगाकर पुलिस कार्यवाही करा देते हैं l यूपी के सूचना आयुक्त आरटीआई एक्ट को जानते तो नहीं ही हैं और यदि कोई आरटीआई आवेदक एक्ट के प्राविधानों का जिक्र करते हुए सूचना दिलाने की मांग करता है तो सूचना आयुक्त उस पर ‘आरटीआई का धंधेबाज’ और ‘ब्लैकमेलर’ होने जैसे आरोप लगाकर आवेदक द्वारा सुनवाई के दौरान बहस करने के संवैधानिक अधिकार को स्वयं पर  ‘बेजा दबाब’ बनाने की संघ्या देते हैं और उसे बेइज्जत करके सुनवाई कक्ष से निकाल देते हैं l




उर्वशी ने इस पत्रकार को एक विशेष बातचीत में बताया कि देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते येश्वर्याज के सदस्यों ने फैसला किया है कि कानून व्यवस्था और कार्यक्रम के विशिष्ट आगंतुकों की सुरक्षा के मद्देनज़र ही आगामी 11 जुलाई को उनके संगठन के मात्र 2 सदस्य ही हाथ में काली पट्टी बांधकर उपराष्ट्रपति और कार्यक्रम के अन्य अतिथियों को गुलाब का फूल देकर अपना विरोध व्यक्त करेंगे और संगठन के मात्र 2 सदस्य ही इसी दिन हजरतगंज जीपीओ स्थित महात्मा गांधी पार्क में पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न 2 बजे तक अपने मुंह पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. उर्वशी ने बताया कि विरोध प्रदर्शन के इन दोनों कार्यक्रमों के लिए जिला प्रशासन को सूचित कर दिया गया है और विरोध प्रदर्शन के इन दोनों कार्यक्रमों की अनुमति के मामले को लेकर उनके संगठन येश्वर्याज ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ में एक याचिका भी दायर कर दी है.



आरटीआई भवन के पूर्णतया कार्यशील होने के 3 माह बाद हामिद अंसारी व अन्य द्वारा इसके उद्घाटन में आने को जनता के टैक्स के पैसों की बर्बादी करने वाला गलत कदम बताते हुए उर्वशी ने उपराष्ट्रपति को  सामंतवादी मानसिकता का व्यक्ति करार देते हुए उनके इस कदम की भर्त्सना की है और कहा है कि जब तक उनकी मांगे मानी नहीं जाती हैं, उनका यह विरोध-आन्दोलन जारी रहेगा.


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Sanjay Sharma is a Lucknow based freelancer and President at TAHRIR. He can be contacted at associated.news.asia@gmail.com Mobile/Whatsapp No. 7318554721.

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