विशेष समाचार का सार ©TAHRIR : बसपा कार्यकर्ताओं और मायावती समर्थकों
द्वारा पूर्व बीजेपी नेता दयाशंकर के खिलाफ पुलिस-प्रशासन के
अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति में किये गए सार्वजनिक विरोध-प्रदर्शनों के दौरान बसपा नेताओं
और कार्यकर्ताओं द्वारा दयाशंकर और उसकी बेटी,बहन,पत्नी के वारे में अपशब्दों के
प्रयोग को यूपी में
कानून व्यवस्था की पूर्ण अनुपस्थिति के साथ-साथ दयाशंकर और दयाशंकर की बहन,पत्नी
और बेटी के मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन बताते हुए लखनऊ स्थित प्रतिष्ठित समाजसेविका उर्वशी शर्मा द्वारा दी गयी
अर्जी पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामला दर्ज कर जांच
प्रक्रिया शुरू कर दी है और यह जानकारी एक ई-मेल के माध्यम से उर्वशी को दी है.
Lucknow/30 July 2016/ Written by Sanjay Sharma ©TAHRIR
बसपा
कार्यकर्ताओं और मायावती समर्थकों द्वारा पूर्व बीजेपी नेता दयाशंकर के खिलाफ किये
गए सार्वजनिक विरोध-प्रदर्शनों के दौरान बसपा
नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा दयाशंकर के डीएनए में खराबी होने, उन्हें नाजायज
औलाद बताने,
कुत्ता कहे जाने और “दयाशंकर अपनी बेटी को पेश करो, अपनी बहन पेश करो और अपनी पत्नी पेश करो” जैसे
नारे पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति में लगाए जाने को यूपी
में कानून व्यवस्था की पूर्ण अनुपस्थिति के साथ-साथ दयाशंकर और दयाशंकर की
बहन,पत्नी और बेटी के मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन करने का गैरकानूनी कृत्य बताते
हुए मामले की जांच कर दोषियों को दण्डित कराते हुए दयाशंकर के परिवार को मुआवजा
दिलाने के लिए लखनऊ स्थित वरिष्ठ समाजसेविका उर्वशी शर्मा द्वारा दी गयी अर्जी पर
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रकरण संख्या 28284/24/48/2016-WC दर्ज कर जांच
प्रक्रिया शुरू कर दी है और यह जानकारी एक ई-मेल के माध्यम से उर्वशी को दी है.
उर्वशी ने बताया कि उन्होंने बीते 22 जुलाई
को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को एक पत्र भेजकर बीते 21 जुलाई को राजधानी लखनऊ स्थित हजरतगंज चौराहे के
पास बहुजन समाज पार्टी के धरने प्रदर्शन में लखनऊ पुलिस और प्रशासन के जिम्मेदार
कार्मिकों की उपस्थिति में पूर्व बी.जे.पी. नेता दया
शंकर सिंह के परिवार की महिलाओं की शालीनता को भंग करने वाले अपशब्दों और दया शंकर सिंह के मानवाधिकारों का हनन करने वाले
बैनर-पोस्टर और शब्दों के सार्वजनिक प्रयोग करने के मामले की जांच आयोग के स्तर से कराने का अनुरोध
किया था. उर्वशी ने बताया कि उन्होंने अपने पत्र के साथ धरने के कार्यक्रम
की वीडियो क्लिप्स भी आयोग को भेजीं थीं l
उर्वशी ने बताया कि बीते कल राष्ट्रीय
मानवाधिकार आयोग ने उनको एक ई-मेल भेजकर सूचित किया है कि दयाशंकर के परिवार की
महिला सदस्यों के वारे में उनके द्वारा भेजी गयी शिकायत को आयोग में पंजीकृत कर
लिया गया है. आयोग ने उर्वशी को शिकायत का पंजीकरण संख्या भी दे दिया है.
गौरतलब है कि उर्वशी ने बीते दिनों सूबे के पुलिस
महानिदेशक जावीद अहमद और ए.डी.जी. – कानून व्यवस्था दलजीत चौधरी को पत्र लिखकर
महिला के विरुद्ध अपराधों के आरोपी बीएसपी नेताओं नसीमुद्दीन सिद्दीकी आदि के
खिलाफ पॉस्को एक्ट लगाकर गिरफ्तारी की
कार्यवाही तत्काल आरम्भ कराने और लखनऊ पुलिस द्वारा दया शंकर सिंह और बीएसपी नेता
नसीमुद्दीन सिद्दीकी आदि की गिरफ्तारी के मामले में दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप
लगाते हुए बीएसपी नेताओं के खिलाफ लिखी एफआईआर की जांच कर रहे पुलिस कार्मिकों के
खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर विधिक कार्यवाही कराने की मांग भी की थी.
अपनी एक शिकायत पंजीकृत होने के बाद उर्वशी ने अब बीएसपी
नेताओं नसीमुद्दीन सिद्दीकी आदि के खिलाफ पॉस्को एक्ट लगाकर गिरफ्तारी की कार्यवाही तत्काल आरम्भ कराने के
लिए भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाने की बात कही है.
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Sanjay Sharma is a Lucknow based freelancer and President
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