हालिया दिनों मे यूपी के निलंबित आईपीएस अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर अपने अपने फ़ोनों के टेप होने को लेकर बहुत परेशान दिखाई दे रहे हैं और चिल्ल-पों मचा रहे हैं l मेरी इन दोनों से करबद्ध विनती है कि विशुद्ध रूप से निजी हितों के लिए काम करने बाली यह दंपत्ति कृपया अब ऐसे निरर्थक प्रलाप छोड़ दें क्योंकि ऐसे प्रलापों से इनके जीवन के दोहरे मानदण्ड स्वतः ही निरंतर पुष्ट होते चले जा रहे हैं l
अब बात मुद्दे की l इन्ही अमिताभ ठाकुर ने निलंबित होने से कुछ माह पूर्व ही बीते मई माह में अपने विभाग की एक महिला कार्मिक का फ़ोन टेप करने बाले महाशय का उत्साहवर्धन किया था और उस महिला को दण्डित l उस समय नूतन ठाकुर भी उनके पति द्वारा किये गए इस अनाचार पर जानबूझकर शांत रहीं थीं l अब यदि सरकार इनका फ़ोन टेप करा रही है तो इतना प्रलाप क्यों ? जो बोया है वही तो काटेगी यह ठाकुर दंपत्ति l ये लोग ध्यान रखें, इस देश का कानून सभी के लिए एक ही है l यदि अमिताभ तब सही थे तो अब सरकार भी गलत नहीं है और अगर सरकार अब गलत है तो आखिर समाजहित के बड़े बड़े दावे करने बाले अमिताभ ने किस अधिकार से तब अपने विभाग की ही महिला का फ़ोन टेप कराया और क्यों नूतन तब नहीं चीखीं ?
प्रमाण के लिए अमिताभ के द्वारा ही हस्ताक्षरित पत्र की प्रति साथ दे रहा हूँ ताकि शक की गुंजाइश न रहे और अंधभक्त मेरी वाल को गन्दा न करें तथा अपनी आँखें खोल इन मायावियों के मायाजाल से बाहर आयें l
डिस्क्लेमर : मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में हम किसी भी प्रकार की फ़ोन टैपिंग को निजता के अधिकार का हनन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए अप्रत्यक्ष रोक के रूप में देखते है और सभी प्रकार की अवैध फ़ोन टैपिंग का विरोध करते हैं l
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