क्या यूपी के
नागरिक सुरक्षा संगठन विभाग
की महिलाओं का
मनमाना उत्पीड़न करने के
निहित स्वार्थ को
साधने के उद्देश्य
से ही अमिताभ
ठाकुर ने अपनी
पत्नी नूतन ठाकुर
को बनबाया था
अपने विभाग की
लैंगिक उत्पीड़न समिति का
सदस्य और अमिताभ
के इन कार्यों
में सहभागी होने
के कारण ही
नूतन ने सहज
स्वीकार कर लिया
था यह पद
?
जी हाँ, वही
नूतन ठाकुर जो
यूपी के विधानसभा
अध्यक्ष के दामादों
की नियुक्ति के
मुद्दे को लेकर
अपनी कथित समाजसेवा
को जोरदार ढंग
से चमकाती नज़र
आती हैं पर
जब बात इन
सिद्धांतों को अपने आप
पर लागू करने
की आती है
तो नूतन विपरीत
ध्रुव पर खड़ी
नज़र आती हैं
और पदलोलुपता और
निहित स्वार्थवश अपने
ही पति के
कार्यालय की समिति
में पद ग्रहण
करने में कतई
संकोच नहीं करती
है। अमिताभ के परिवार की अकूत अचल सम्पत्तियों के खुलासों के बाद इस
मामले में अमिताभ से एथिकल वैल्यूज की अपेक्षा रखना तो
बेमानी ही है।
इस मामले में मैं
तो यही कहूँगा
कि यूपी के
नागरिक सुरक्षा संगठन विभाग
की महिलाओं का
मनमाना उत्पीड़न करने के
निहित स्वार्थ को
साधने के उद्देश्य
से ही अमिताभ
ठाकुर ने अपनी
पत्नी नूतन ठाकुर
को अपने
विभाग की लैंगिक
उत्पीड़न समिति का सदस्य
बनबाया था और
अमिताभ के इन
कार्यों में सहभागी
होने के कारण
ही नूतन
ने अनएथिकल होने पर भी यह
पद सहज ही
स्वीकार कर लिया
था।
हमेशा की तरह
अभिलेखीय साक्ष्य भी स्टेटस
के साथ दे
रहा हूँ :
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