Tuesday, September 3, 2024

Campaign to Protect the RTI Act from Misuse: Lucknow's Sanjay Sharma's effective & Inspirational Initiative with 9 Decisive Measures.

 


 

आरटीआई एक्ट को दुरुपयोग से बचाने का अभियान : लखनऊ के संजय शर्मा की प्रभावशाली प्रेरणादायक पहल और 9 निर्णायक उपाय. Campaign to Protect the RTI Act from Misuse: Lucknow's Sanjay Sharma's effective & Inspirational Initiative with 9 Decisive Measures.

 

Nationwide Campaign to Protect the RTI Act from Misuse: Lucknow's Sanjay Sharma Proposes 9 Effective Solutions.

 

Lucknow, September 4, 2024 — Sanjay Sharma, a resolute Campaigner from Lucknow, has drawn significant attention to the urgent need for reforms in the Right to Information (RTI) Act through a series of nine meticulously crafted letters sent to various stakeholders. His proactive intervention highlights critical issues surrounding the RTI Act and aims to restore its intended purpose as a tool for transparency and accountability.

 

In his comprehensive appeal, Sharma addresses several key concerns that have emerged as threats to the integrity of the RTI Act. His nine demands are designed to combat misuse and enhance the operational efficiency of the Act, ensuring that it continues to serve the public effectively without falling prey to exploitation.

 

Sharma’s nine demands are:

 

1.Regulation of Fees for RTI Services: Sharma calls for the initiation of a process to regulate fees charged by individuals for RTI-related services, including drafting applications, appeals, complaints, and representation before the Uttar Pradesh Information Commission. This measure aims to ensure fair access to RTI services and prevent potential exploitation.

 

2. Harmonization of Legal Frameworks: He urges a thorough review and harmonization of the Right to Privacy, Right to Information, and other prevailing laws in India. This call seeks to resolve conflicts between different legal frameworks and promote a unified approach to information access and privacy.

 

3.Transition to a Paperless System: Sharma advocates for the Uttar Pradesh Information Commission to transition to a fully paperless operation and pursue Green Building Certification for RTI Bhavan. This initiative aims to enhance efficiency and promote environmental sustainability.

 

4. Cap on Complaints and Appeals : He requests the immediate issuance of orders under Section 15(4) and the creation of rules under Section 28 of the RTI Act, 2005, to cap the maximum number of complaints and appeals an individual may file with the Commission. This demand seeks to streamline processes and reduce the burden of excessive filings.

 

5.Implementation of a Visitor Pass System: Sharma formally requests the implementation of a permanent and daily pass system for visitors at the Uttar Pradesh State Information Commission. This system would enhance security and manage visitor flow more effectively.

 

6. Cessation of Offline Filing: In alignment with a Supreme Court directive, Sharma demands the immediate cessation of offline filing for complaints and appeals. He advocates for urgent compliance to modernize and expedite the filing process.

 

7. Dismissal of Complaints by Habitual Users: Sharma calls for the dismissal of all RTI complaints and appeals filed by habitual users with over 100 pending cases. This request aims to address the systemic clogging caused by frequent filers and prioritize genuine cases.

 

8.Dismissal of Redundant Complaints: He requests the dismissal of redundant complaints under Section 18 of the RTI Act and the implementation of measures to prevent simultaneous filings of complaints and appeals on the same RTI request.

 

9.Invocation of Discretionary Powers: Sharma seeks the invocation of discretionary powers under Section 18 of the RTI Act, 2005, to dismiss redundant and frivolous complaints. This demand focuses on reducing misuse and ensuring that the Act remains a robust tool for transparency.

 

Sanjay Sharma’s bold advocacy has garnered widespread praise for its depth and relevance nationwide. His comprehensive demands underscore a profound understanding of the RTI Act’s challenges and a commitment to preserving its integrity. By addressing these pressing issues, Sharma is not only highlighting systemic problems but also championing reforms that will safeguard the RTI Act’s effectiveness and ensure it remains a true instrument of democratic accountability.

 

His proactive stance serves as a powerful reminder of the need to protect and reinforce this critical piece of legislation. Sharma’s efforts are a commendable example of civic responsibility and dedication to upholding the principles of transparency and accountability that are vital to the functioning of a democratic society.

 

For further updates on these 9 petition, one can contact Sanjay Sharma at email address sanjaysharmalko@icloud.com and phone numbers 8004560000, 9454461111, and 9415007567.

 

To read Sharma’s 9 letters, click https://pdf.ac/42X2qp  weblink.

 

आरटीआई एक्ट को दुरुपयोग से बचाने का देशव्यापी अभियान : लखनऊ के संजय शर्मा ने सुझाए 9 प्रभावी समाधान.

 

लखनऊ, 4 सितंबर, 2024 — लखनऊ के संजय शर्मा ने अधिकार सूचना (RTI) अधिनियम में सुधार की आवश्यकता को उजागर करने के लिए विभिन्न हितधारकों को भेजे गए नौ पत्रों के माध्यम से महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया है। उनकी सक्रिय पहल ने RTI अधिनियम के इरादों की रक्षा करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित किया है और दुरुपयोग से इसे बचाने की दिशा में कदम उठाए हैं।

 

संजय शर्मा की नौ मांगें इस प्रकार हैं:

 

1. RTI सेवाओं के लिए शुल्क का नियमन: शर्मा ने उत्तर प्रदेश सूचना आयोग के सामने RTI संबंधित सेवाओं, जैसे कि आवेदन, अपील, शिकायतें, और प्रतिनिधित्व के लिए व्यक्तियों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क को नियत करने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है। यह कदम RTI सेवाओं तक समान पहुँच सुनिश्चित करने और संभावित शोषण को रोकने के लिए है।

 

2. कानूनी ढांचों का समन्वय: उन्होंने भारत में प्राइवेसी के अधिकार, सूचना के अधिकार और अन्य प्रचलित कानूनों का एक समग्र समीक्षा और समन्वय करने की अपील की है। यह कदम विभिन्न कानूनी ढांचों के बीच टकराव को हल करने और सूचना पहुँच और प्राइवेसी के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए है।

 

3. पेपरलेस प्रणाली की ओर संक्रमण: शर्मा ने उत्तर प्रदेश सूचना आयोग को पूरी तरह पेपरलेस प्रणाली में बदलने और RTI भवन के लिए ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन प्राप्त करने की सिफारिश की है। यह पहल दक्षता को बढ़ाने और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए है।

 

4. शिकायतों और अपीलों की सीमा: उन्होंने RTI अधिनियम, 2005 की धारा 15(4) के तहत आदेश जारी करने और धारा 28 के तहत नियम बनाने की तत्काल मांग की है, ताकि किसी व्यक्ति द्वारा आयोग में दायर की जा सकने वाली शिकायतों और अपीलों की अधिकतम संख्या को सीमित किया जा सके। यह मांग प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और अत्यधिक दायर की गई फाइलों का बोझ कम करने के लिए है।

 

5. आगंतुक पास प्रणाली का कार्यान्वयन: शर्मा ने उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में आगंतुकों के लिए स्थायी और दैनिक पास प्रणाली की स्थापना की औपचारिक रूप से मांग की है। यह प्रणाली सुरक्षा को बेहतर बनाएगी और आगंतुकों की भीड़ को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करेगी।

 

6. ऑफलाइन दायर की जा रही फाइलिंग की समाप्ति: सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, शर्मा ने शिकायतों और अपीलों के लिए ऑफलाइन फाइलिंग की तत्काल समाप्ति की मांग की है। उन्होंने दायर करने की प्रक्रिया को आधुनिक बनाने और तेजी से करने के लिए तत्काल अनुपालन की आवश्यकता की है।

 

7. आदतन उपयोगकर्ताओं द्वारा दायर की गई शिकायतों की समाप्ति: शर्मा ने उन आदतन उपयोगकर्ताओं द्वारा दायर की गई सभी RTI शिकायतों और अपीलों को समाप्त करने की मांग की है जिनके 100 से अधिक लंबित मामले हैं। यह अनुरोध प्रणाली में फालतू फाइलों के ढेर को संबोधित करने और वास्तविक मामलों को प्राथमिकता देने के लिए है।

 

8. अवांछनीय शिकायतों की समाप्ति: उन्होंने RTI अधिनियम की धारा 18 के तहत दायर की गई सभी अवांछनीय शिकायतों की समाप्ति और एक ही RTI अनुरोध पर शिकायत और अपील के समान दायर किए जाने के मामलों में निवारक उपायों को लागू करने की मांग की है।

 

9. विवेकाधीन शक्तियों का उपयोग: शर्मा ने RTI अधिनियम, 2005 की धारा 18 के तहत विवेकाधीन शक्तियों का उपयोग कर अवांछनीय और तुच्छ (frivolous) शिकायतों की समाप्ति की मांग की है। यह मांग दुरुपयोग को कम करने और यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित है कि अधिनियम अपनी मूल भूमिका को निभाए।

 

संजय शर्मा की सक्रिय पहल को उनकी गहरी समझ और प्रतिबद्धता के लिए देश भर में व्यापक प्रशंसा प्राप्त हो रही है। उनकी समग्र मांगें RTI अधिनियम की समस्याओं को उजागर करती हैं और इसके प्रभावशीलता को बनाए रखने के लिए आवश्यक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। शर्मा की यह पहल नागरिक जिम्मेदारी और लोकतांत्रिक पारदर्शिता की रक्षा में समर्पण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

 

9 याचिकाओं पर अधिक अपडेट के लिए संजय शर्मा से  ईमेल - sanjaysharmalko@icloud.com और फोन नंबर - 8004560000, 9454461111, 9415007567 पर संपर्क किया जा सकता है l

 

संजय शर्मा द्वारा भेजे गए 9 पत्र पढने के लिए वेबलिंक  https://pdf.ac/42X2qp  को क्लिक करें.

 

 

 

 

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