Monday, May 28, 2018

आगरा नगर निगम ने ठन्डे बस्ते में डाली विधायक जगन प्रसाद गर्ग की कमीशनखोरी की शिकायत l



लखनऊ / 28-05-2018 / 

कुछ दिनों पहले मीडिया में सुर्खियाँ बटोरने वाली आगरा नगर निगम की कमीशनखोरी की शिकायत भी सरकारी तंत्र ने ठन्डे बस्ते में डाल दी  है l चौंकाने वाला यह खुलासा राजधानी लखनऊ स्थित आरटीआई कंसलटेंट और इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज कराई गई एक शिकायत पर आई रिपोर्ट से हुआ है l


बताते चलें कि आगरा उत्तरी से पांच बार के विधायक जगन प्रसाद गर्ग  ने अपनी ही सरकार में आगरा नगर निगम पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे l विधायक ने सरकारी विभागों  को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार की शिकायत की थी  l शिकायत पत्र में उन्होंने ये भी बताया था  कि यहां पर काम के लिए कौन कितना परसेंट रिश्वत लेता था  l विधायक  जगन प्रसाद गर्ग ने अपने पत्र में आगरा नगर निगम में कमीशनखोरी का आइटमवाइज जिक्र किया था  l उन्होंने पत्र में लिखा था  कि आगरा नगर निगम में कमीशनखोरी का परसेंटेज बढ़ गया था  l यह पत्र मीडिया में लीक हो जाने के बाद सरकार की बहुत किरकिरी हो गई थी l एक्टिविस्ट संजय ने इसी मामले में मुख्यमंत्री को जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत भेजकर मामले की जांच कराकर दोषियों को दण्डित कराये जाने की मांग की थी  l



समाजसेवी संजय ने बताया कि आगरा नगर निगम के नगर आयुक्त ने बीते कल इस शिकायत को यह कहते हुए निस्तारित कर दिया है कि माननीय विधायक जी द्वारा नगर निगम आगरा में की गयी शिकायत के क्रम में कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया गया है साक्ष्य उपलब्ध होने के उपरांत नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही की जाएगी l



लोकजीवन में पारदर्शिता, जबाबदेही और मानवाधिकार संरक्षण के क्षेत्र में कार्यशील पंजीकृत नामक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कहते हैं कि इससे स्पष्ट है कि योगी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करना भी महज दिखावा माते ही है l संजय ने बताया कि उन्हें लगता है कि शिकायतकर्ता विधायक मैनेज हो गए हैं और इसीलिये अब वे अपनी संस्था की तरफ से CM योगी को पत्र लिखकर अनुरोध करेंगे कि विधायक से शिकायत के समर्थन में प्रमाण मांगे जाएँ और यदि विधायक  प्रमाण न दे पाएं तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाए l 

Thursday, May 24, 2018

योगी की मंत्री की मुश्किलें बढीं,NCPCR ने DM बहराइच को दी अनुपमा जायसवाल के खिलाफ बाल-उत्पीडन की जांच l

24-05-2018

यूपी की योगी सरकार की मंत्री अनुपमा जायसवाल की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रहीं हैं l लखनऊ स्थित तहरीर नाम की एक संस्था की शिकायत का संज्ञान लेकर भारत सरकार के राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ( NCPCR ) के यशवंत जैन ने बीती 9 मई को बहराइच के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर यूपी की योगी सरकार में मंत्री अनुपमा जायसवाल के कार्यक्रम में हुए बाल-उत्पीडन की जांच करने का आदेश दिया है  l


लखनऊ स्थित पंजीकृत संस्था ‘पारदर्शिता, जबाबदेही और मानवाधिकार क्रांति के लिए एक पहल’ - (तहरीर)  के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पेशे से इंजीनियर संजय शर्मा  ने बीती 6 मई को NCPCR की अध्यक्षा स्तुति कक्कर को  शिकायत   भेजकर उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की  विधानसभा बहराइच सदर अंतर्गत इटौंझा गांव के प्राथमिक विद्यालय में जिले के सभी विभागीय अधिकारियों संग चौपाल और रात्रि प्रवास  के दौरान  राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल  के बीते दिनों हुए कार्यक्रम में भीड़  दिखाने के लिए छोटे छोटे बच्‍चों को 8 घंटे तक भूखा बिठाए रखकर उनका शारीरिक और मानसिक उत्पीडन करने के मामले की जांच कर दोषियों को दण्डित करने की मांग की थी  l  


समाजसेवी संजय का कहना था कि बच्चों की शिक्षा के मामले की मंत्री अनुपमा जायसवाल को महिला होने के नाते इस मामले में छोटे-छोटे बच्चों के प्रति जो संवेदनशीलता दिखानी चाहिए थी वह उन्होंने नहीं दिखाई  इसीलिये तहरीर संस्था ने कई बच्चों को देर रात तक खाना भी नसीब नहीं होने के कारण भूख से रोने बिलबिलाने और कार्यक्रम स्थल से कुछ दूरी पर रात के अंधेरे में नंगे पांव बिना अपने मां-बाप की मौजूदगी के, बिना किसी सुरक्षा के सड़क पर रोते बिलखते घर बापस जाने के इन मामलों की जांच कराने का मुद्दा लिखा-पढी में उठाया था l


यशवंत जैन ने संजय को जिलाधिकारी बहराइच से संपर्क करने का भी निर्देश दिया है l संजय ने बताया कि उन्होंने बहराइच की जिलाधिकारी से मोबाइल द्वारा वार्ता कर शीघ्र एवं निष्पक्ष जांच की मांग उठाई है l संजय ने बताया कि बच्चों से जुड़े इस मामले में महिला जिलाधिकारी होने के चलते उन्हें न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है l

Saturday, May 19, 2018

लखनऊ : योगीराज में कोई मुसलमान थानेदार नहीं,सभी हिन्दू जिनमें 77% अगड़े, OBC और SC मिलकर भी महज 23% पर सिमटे l

लखनऊ / 19 मई 2018/
आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में लगभग 19% आबादी मुसलामानों की हैं पर राजधानी लखनऊ के 43 थानों में एक भी मुसलमान थानेदार नहीं तैनात किया गया है l  यानि कि लखनऊ के थानों में शत-प्रतिशत हिन्दू थानेदार तैनात हैं l यूपी की 38%  आबादी ओबीसी यानि कि अन्य पिछड़ा वर्ग से है लेकिन थानों में उनका प्रतिनिधित्व मात्र 11.5% तक ही सीमित है l इसी प्रकार कुल आबादी का 21% हिस्सा अनुसूचित जाति का होने पर भी इस सूबे की राजधानी में  SC थानेदारों की नुमाइंदगी मात्र 11.5% पर ही सिमट कर रह गई है l अलबत्ता कुल आबादी के 22% पर सिमटे अगड़े सूबे की राजधानी के 77% थानों पर काबिज हैं l चौंकाने वाला यह खुलासा राजधानी के फायरब्रांड आरटीआई कंसलटेंट और इंजिनियर संजय शर्मा की एक आरटीआई पर लखनऊ के अपर पुलिस अधीक्षक विधानसभा और जनसूचना अधिकारी द्वारा दिए जबाब से हुआ है l


पारदर्शिता, जबाबदेही और मानवाधिकार क्रांति के लिए एक पहल ( तहरीर ) नामक पंजीकृत संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय शर्मा को दी गई सूचना से खुलासा हुआ है कि लखनऊ के 43 थानों में से 18 में ब्राह्मण,12 में क्षत्रिय,02 में कायस्थ, 01 में वैश्य, 02 में कुर्मी,01 में मोराई, 01 में काछी, 01 में ओबीसी, 01 में धोबी,01 में जाटव,01 में खटिक और 02 में अनुसूचित जाति के थानेदार तैनात हैं l


देश के नामचीन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं में शुमार होने वाले संजय शर्मा का कहना है कि सरकारों से उम्मीद तो यह की जाती है कि वे जाति-वर्ग-धर्म से ऊपर उठकर काम करेंगी पर सूबे के पुलिस थानों में बसपा की सरकारों में अनुसूचित जाति का दबदबा कायम रहता है , सपा में यादवों का तो बीजेपी में ब्राह्मण ठाकुरों का दबदबा कायम होने की परंपरा सी कायम हो गई है जो लोकतंत्र के लिए घातक है l संजय के अनुसार सरकारों की ऐसी पक्षपाती कार्यप्रणाली की   बजह से लोकसेवकों को न चाहते हुए भी राजनैतिक निष्ठाएं नियत करनी पड़ती है और उनकी निष्पक्षता भी प्रभावित होती है जिसके चलते वे कानून व्यवस्था पर प्रभावी नियंत्रण नहीं रख पाते हैं l  संजय ने बताया कि वे अपनी संस्था ‘तहरीर’ की ओर से सीएम योगी को  पत्र लिखकर मांग करेंगे कि सरकारी पदों पर बिना किसी  भेद-भाव के समाज के सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए l 



Friday, May 11, 2018

आगरा नगर निगम भ्रष्टाचार की शिकायत CM योगी के जनसुनवाई पोर्टल पर कर उठाई गई जांच और कार्यवाही की मांग l

 लखनऊ / 11-05-2018 .........
आगरा उत्तरी से पांच बार के विधायक जगन प्रसाद गर्ग द्वारा सीएम समेत कई मंत्रियों को पत्र लिखकर उठाया गया आगरा नगर निगम  कमीशनखोरी का मामला अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के जनसुनवाई पोर्टल तक भी पहुँच गया है l राजधानी लखनऊ स्थित समाजसेवी संजय शर्मा ने विधायक के पत्रों और इस सम्बन्ध में छपी ख़बरों को आधार बनाकर CM योगी के जनसुनवाई पोर्टल पर 2 शिकायतें दर्ज करके जांच करने और दोषियों को चिन्हित करके उनके खिलाफ कार्यवाही करने की माग उठा दी है l  

‘तहरीर’ संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि उन्होंने यूपी के ‘नगर विकास तथा नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन’ विभाग के अपर मुख्य सचिव और आगरा नगर विभाग  के नगर आयुक्त को अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई है l

गौरतलब है कि विधायक जगन प्रसाद गर्ग ने आगरा नगर निगम में कमीशनखोरी का मामला उठाते हुए लिखा था कि आगरा नगर निगम में कमीशनखोरी 15 प्रतिशत से बढ़कर 27 प्रतिशत हो गई थी  l  बीजेपी विधायक ने यह भी सार्वजनिक किया था कि निगम में किसको कितना परसेंट कमीशन दिया जा रहा है l

समाजसेवी संजय का कहना है कि विधायकों के अपने राजनैतिक हित होते हैं जिसके चलते कई बार वे समझौतावादी दृष्टिकोण रखकर अपनी शिकायतों पर कार्यवाहियों के लिए बल देना बंद कर देते हैं और महत्वपूर्ण मसले भी दब जाते हैं l संजय बताते हैं कि इसीलिये उन्होंने ये शिकायतें जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज कराई हैं ताकि इन पर आने वाली रिपोर्टों के आधार पर योगी सरकार का भ्रष्टाचार विरोध पर रुख साफ हो सके l

जनसुनवाई पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा शुरू की गई शिकायत निवारण प्रणाली है जिसे वर्तमान सीएम योगी आदित्यनाथ ने और अधिक विस्तार देकर आम जनता के हाथ और अधिक मजबूत किये हैं l जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण कर रिपोर्ट लगाना सरकारी विभागों के लिए बाध्यकारी है और ऐसा न करने पर उनके लिए दण्ड की भी व्यवस्था IGRS के शासनादेश में की गई है l

Sunday, May 6, 2018

संस्था TAHRIR ने NCPCR पंहुचाई यूपी की मंत्री अनुपमा जायसवाल के कार्यक्रम में बच्चों को भूँखा प्यासा रख असुरक्षित छोड़ देने की शिकायत



06-05-2018

भारत सरकार के राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ( NCPCR ) की अध्यक्षा स्तुति कक्कर को  शिकायत   भेजकर उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की  विधानसभा बहराइच सदर अंतर्गत इटौंझा गांव के प्राथमिक विद्यालय में जिले के सभी विभागीय अधिकारियों संग चौपाल और रात्रि प्रवास  के दौरान  राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल  के बीते दिनों हुए कार्यक्रम में भीड़  दिखाने के लिए छोटे छोटे बच्‍चों को 8 घंटे तक भूखा बिठाए रखकर उनका शारीरिक और मानसिक उत्पीडन करने के मामले की जांच कर दोषियों को दण्डित करने की मांग की गई है l  लखनऊ स्थित पंजीकृत संस्था ‘पारदर्शिता, जबाबदेही और मानवाधिकार क्रांति के लिए एक पहल’ - (तहरीर)  के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पेशे से इंजीनियर संजय शर्मा ने इस सम्बन्ध में स्तुति के साथ साथ भारत के राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री और यूपी के राज्यपाल, मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव और DGP को भी पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की है l



समाजसेवी संजय का कहना है  कि बच्चों की शिक्षा के मामले की मंत्री अनुपमा जायसवाल को महिला होने के नाते इस मामले में छोटे-छोटे बच्चों के प्रति जो संवेदनशीलता दिखानी चाहिए थी वह उन्होंने नहीं दिखाई है इसीलिये तहरीर संस्था ने कई बच्चों को देर रात तक खाना भी नसीब नहीं होने के कारण भूख से रोने बिलबिलाने और कार्यक्रम स्थल से कुछ दूरी पर रात के अंधेरे में नंगे पांव बिना अपने मां-बाप की मौजूदगी के, बिना किसी सुरक्षा के सड़क पर रोते बिलखते घर बापस जाने के इन मामलों की जांच कराने का मुद्दा लिखा-पढी में उठाया है l



Friday, May 4, 2018

14 साल में 151 वायुसैनिक ऑन-ड्यूटी शहीद : RTI खुलासा l




लखनऊ/04-05-2018

किसी भी युद्ध में वायुसेना की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है और वायु सेना की रीढ़ की हड्डी होते हैं वायु सैनिक और इसीलिये एक-एक वायु सैनिक का जीवन अनमोल होता है पर क्या आप जानते हैं कि हमारे देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने की खातिर पिछले 14 सालों में हमारी वायु सेना ने कितने अनमोल वायु सैनिक गवां दिए हैं? नहीं न l तो चलिए अब हम आपको इसकी सटीक जानकारी दिए देते हैं क्योंकि आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के फायरब्रांड आरटीआई कंसलटेंट  और इंजीनियर संजय शर्मा द्वारा दायर की गई एक आरटीआई पर भारत के वायु सेना मुख्यालय ने संजय को जो जानकारी दी है उससे यह चौंकाने वाला खुलासा हो गया है कि  01 जनवरी 2004 से इस साल की 16 फरवरी तक 151 वायुसैनिक ऑन-ड्यूटी शहीद हुए हैं l


देश में पारदर्शिता, जबाबदेही और मानवाधिकार संरक्षण के क्षेत्र में काम रहे चोटी के समाजसेवियों में शुमार होने वाले संजय शर्मा ने बीते साल 20 नवम्बर को भारत सरकार के गृह मंत्रालय में एक आरटीआई अर्जी देकर यह सूचना माँगी थी जिस पर नई दिल्ली स्थित भारत के वायु सेना मुख्यालय की विंग कमांडर और केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी सुमन अधिकारी ने समाजसेवी संजय शर्मा को यह सूचना दी है l



बताते चलें कि ‘तहरीर’ नामक पंजीकृत संस्था के संस्थापक अध्यक्ष संजय शर्मा की एक अन्य RTI अर्जी पर सुमन अधिकारी संजय को बता चुकी हैं कि  देश ने साल 2007 में 2, साल 2008 में 1,साल 2013 में 5,साल 2016 में 1 और  साल 2017 के शुरुआती 10 महीनों में 7 वायुसैनिक गवां दिए थे l देश भर में अपने तेजतर्रार रुख के लिए जाने जाने वाले समाजसेवी संजय शर्मा का कहना है कि इस प्रकार  वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में देश के वायुसैनिकों के शहीद होने की दर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के कार्यकाल की दर से दोगुनी हो गई है जो चिंताजनक है l